आजकल इस बदलते हुए वातावरण, प्रदूषण, खाने पीने की चीजों में मिलावट का होना और शुद्धता में कमी होना आदि के कारण मरीजों की सख्या में वृद्धि हो रही है, ऐसे में जब किसी व्यक्ति को श्वास नलियों में किसी प्रकार का कोई रोग उत्त्पन हो जाता है, तो उसे सांस लेने में बहुत ही कठिनाई होती है, जिसके कारण उसे खांसी होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति को अस्थमा या दमा कहा जाता है। यह श्वास तन्त्र की ऐसी गंभीर बीमारी होती है, जिसके कारण हमें साँस लेने में बहुत ही कठिनाई होती है। क्योंकि हमारे श्वास मार्ग में सूजन आ जाती है, उससे हमें छोटी-छोटी सांस लेनी पडती है और हमारी छाती में कसाव जैसा महसूस होने लगता है तथा सांस फूलने लगती है और बार-बार खांसी आने लगती है।
अस्थमा के लक्षण
जब भी हमारे फेफड़ों तक सही ढंग से हवा नहीं पहुंचती, तो हमें अक्सर सांस लेने में कठिनाई होती है। दमा एक ऐसा रोग है, जो या तो अचानक शुरू हो जाता है या फिर अधिक खांसी होने पर, छींक या सर्दी जैसी एलर्जी वाले लक्षणों से शुरू होता है। ऐसे ही अस्थमा के लक्षण इस प्रकार से है…
- सांस लेने में बहुत ही कठिनाई होना।
- सीने में जकडन का महसूस होना।
- बैचेनी महसूस होना।
- सांस लेने पर घरघराहट की आवाज सुनाई देना।
- सांस लेते समय पसीना आना।
- सांस लेते समय थकावट का होना।
- अस्थमा से पीड़ित रोगी की कफ का सख्त होना और साथ में उसमें से बदबू आना।
अस्थमा के कारण
अस्थमा के अटैक के बहुत से कारण हो सकते हैं, लेकिन उनमें से सबसे बड़ा वायु का प्रदुषण हो सकता है। अस्थमा का अटैक आने पर हमारे श्वास मार्ग में सूजन आ सकती है, जिसके कारण हम अच्छे से सांस नहीं ले पाते। जो अस्थमा के मरीज होते हैं उन्हें सांस लेने और सांस को छोड़ने में बहुत ही कठिनाई होती है। एलर्जी होने पर उनका कष्ट और भी बढ़ जाता है। इसके अलावा अस्थमा के और भी कई कारण हो सकते हैं जैसे कि…
- घर में धूल का वातावरण होना।
- घर में पालतू जानवर होना।
- वायु प्रदूषण।
- अधिक धूम्रपान करना।
- अधिक मात्रा में शराब पीना।
- सर्दी,फ्लू आदि का संक्रमण।
- खाद्य पदार्थ से एलर्जी होना।
- तनाव के कारण।
- सर्दी के मौसम में अधिक ठंड होना।
- ज्यादा नमक खाना आदि अस्थमा के कारण हो सकते हैं।
अस्थमा के घरेलू उपचार
अगर देखा जाए तो इसका किसी भी प्रकार से उपचार नहीं किया जा सकता, लेकिन जब हम दवा और कुछ घरेलू नुस्खे अपनाते हैं, तो इसे कम कर सकते हैं जैसे कि…
- एक लिटर पानी में एक चम्मच मेथी का उबाले फिर इस पानी को छान लें, फिर दो चम्मच अदरक के पेस्ट से उसका रस निकालकर मेथी वाले पानी में डाल दें, फिर उसमें शहद एक चम्मच डालकर मिश्रण तैयार करें। यह तैयार किया हुआ मिश्रण दमा वाले रोगियों को रोज सुबह पीना चाहिए।
- दो चम्मच आंवले का पाउडर में एक चम्मच शहद का मिलाकर एक मिश्रण बनाएं, इसका सेवन हर रोज सुबह करें।
- जब भी दमा के मरीजों को सांस लेने में परेशानी हो तो एक कटोरी में शहद लेकर सूंघे।
- सरसों के तेल में कपूर को डालकर अच्छे से गर्म करें फिर उसकी मालिश अच्छे से पीठ और सीने पर करें, ऐसा करने से दमा के मरीजों को काफी हद तक राहत का एहसास होगा।
- दमा के मरीज को गरमा गरम कॉफी पीने से बहुत ही राहत मिलती है, क्योंकि इससे उनकी श्वास नली साफ होती है जिससे वो आसानी से सांस ले सकते हैं।
- एक चम्मच अदरक का रस, अनार का रस और शहद डालकर एक मिश्रण तैयार करें, इसका सेवन दिन में तीन से चार बार करें, ऐसा करने से दमा से राहत मिलेगी।