मोटापा एक बहुत ही बड़ी समस्या बनकर उभर रहा है। बचपन का मोटापा बच्चों के लिए एक गंभीर स्वास्थ्य खतरा है। मोटापे की श्रेणी में आने वाले बच्चे न केवल अधिक वजन वाले होते हैं, बल्कि कई पुरानी स्वास्थ्य स्थितियों का खतरा उन्हें रहता है। वर्तमान में देश में लगभग 1.44 करोड़ बच्चे अधिक वजन वाले हैं और वहीं विश्व स्तर पर लगभग 2 अरब बच्चे और वयस्क मोटापे के कारण कई समस्याओं से पीड़ित हैं।
बच्चों में मोटापा
बचपन का मोटापा एक मेडिकल स्थिति है, जो बच्चों और किशोरों को प्रभावित करती है। यदि कोई बच्चा या वयस्क बहुत अधिक वसा को स्टोर करता है, तो उन्हें अधिक वजन या मोटापे के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। बचपन के मोटापा का संकेत एक बच्चे की लंबाई और उम्र के लिए औसत से ऊपर एक वजन है। यह बीएमआई के जरिए मापा जाता है।
बॉडी मास इंडेक्स या बीएमआई को माप कर बचपन में मोटापे की पहचान की जा सकती है। 85 प्रतिशत से 95 प्रतिशत तक बीएमआई वाले बच्चे मोटापे से ग्रस्त माने जाते हैं।
क्या है बीएमआई ?
बीएमआई एक उपकरण है जिसका इस्तेमाल आपकी “वजन की स्थिति” निर्धारित करने के लिए किया जाता है। बीएमआई की गणना आपकी लंबाई और वजन के आधार पर की जाती है।
बचपन के मोटापे के कारण
पारिवारिक इतिहास, मनोवैज्ञानिक कारक और जीवन शैली में बदलाव बचपन के मोटापे में एक भूमिका निभाते हैं। जिन बच्चों के माता-पिता या परिवार के अन्य सदस्य अधिक वजन वाले या मोटापे से ग्रस्त हैं। संभव है कि बच्चे भी मोटापे से ग्रस्त हो सकते हैं। लेकिन बचपन के मोटापे का मुख्य कारण बहुत अधिक खाने और बहुत कम व्यायाम करने का एक संयोजन भी है।
फैट या शुगर और कुछ खराब डाइट ये सभी बच्चों में तेजी से वजन बढ़ने का कारण बन सकता है। फास्ट फूड, कैंडी और सोफ्ट ड्रिंक इसके लिए सबसे बड़ी वजह हैं। सुविधा वाले खाद्य पदार्थ, जैसे फ्रोजेन डिनर, नमकीन, और डिब्बाबंद आहार भी अस्वास्थ्यकर वजन में योगदान कर सकते हैं। कुछ बच्चे इसलिए भी मोटे होते हैं क्योंकि उनके माता-पिता नहीं जानते कि बच्चे के स्वास्थ्य के लिए क्या सही है और क्या गलत।
बचपन के मोटापे का खतरा
ओवरवेट और मोटापे से ग्रस्त बच्चे अपेक्षाकृत कम उम्र में ही अस्थमा, मधुमेह और हृदय संबंधी बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। इसके अलावा बच्चे जोड़ों का दर्द और नींद संबंधी विकार से भी ग्रसित हो सकते हैं।
बचपन का मोटापा सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित नहीं करता है। बल्कि बच्चों और किशोर जो अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त हैं उन्हें डिप्रेशन की समस्या हो सकती है। उनमें आत्मविश्वास की कमी साफ तौर पर देखी जा सकती है।
बचपन के मोटापे को दूर करने के उपाय
खाने-पीने पर पूरा ध्यान दें
शुरुआत में ही माता पिता द्वारा बच्चों को स्वस्थ खाने की आदतों को प्रोत्साहित करना चाहिए। कैलोरी युक्त खाद्य पदार्थ कम ही दें। हाई फैट और हाई शुगर या नमकीन वाले नाश्ते को सीमित ही रखें।
शारीरिक गतिविधियों में भाग लें बच्चे
बच्चों को बाहर खेलने के लिए प्रोत्साहित करें। बच्चों को अधिक समय तक एक स्थान पर बैठने से रोकें। ऐसी शारीरिक गतिविधियों करें जिससे पूरा परिवार एक साथ आनंद ले सके। यह न केवल बॉंडिंग का एक शानदार तरीका है, बल्कि यह आपके बच्चे को सीखने में भी मदद करता है। वॉकिंग, तैराकी या अन्य दूसरे आउटडोर गेम आपके बच्चे को सक्रिय और स्वस्थ वजन बनाए रखने मदद कर सकता है।