जन्म लिए शिशु को कैसे नहलाया जाए यह सवाल हर किसी के मन में उठता है। कोई बच्चा पानी से प्यार करता है, तो कोई पानी से डरता है। ऐसे में आपको सावधानी बरतने की जरूरत है। डॉक्टर के मुताबिक जन्म लिए नए बच्चे को कम से कम सप्ताह में दो से तीन बार नहलाना चाहिए।
यदि आप हर दिन अपने बच्चे को नहला नहीं रहे हैं, तो बच्चे के चेहरे और हाथों को गंदे होने पर धोएं और उनके गुप्तांगों को साफ करें। इससे आपका बच्चा किसी भी तरह के किटाणुओं से बचा रहेगा।
अगर आप नियमित रूप से अपने बच्चे को नहला रहे हैं, तो नीचे दिए गए तरीकों को आप अपना सकते हैं।
बच्चों के लिए नहलाने का सही तरीका
टब बाथ
बाजार में ऐसे डिजाइनदार टब मिल रहे हैं जिसमें आप अपने बच्चे को नहला सकते हैं। कई बार देखा गया है कि मां जन्म से ही अपने बच्चे को पानी से स्नान कराना शुरू कर देती हैं, इस मामले में यह टब एक अच्छा विकल्प है। इसमें आपका बच्चा सही तापमान में रहता है।
स्पंज बाथ
ऐसा देखा गया है कि डॉक्टर नई माताओं को शिशु को नहाने के लिए स्पंज बाथ की सलाह देते हैं। यह भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है। यदि आपका बच्चा सर्दियों में पैदा होता है और आप नहीं चाहते कि उसे गीला करके नहलाया जाए तो स्पंज बाथ करके उसे नहला सकते हैं।
बाथ सीट या बाथर
आजकल बाजार में बच्चों को नहलाने के बाथ सीट या बाथर भी उपलब्ध है। आप इसे कहीं भी ले जाकर बच्चों को नहला सकते हैं। इसमें बच्चा लेटे हुए नहा सकता है। बाथ सीट से पानी अपने आप बाहर निकल जाता है और बच्चा नहा भी लेता है। यदि आप चाहते हैं कि आपका बच्चा पानी में बैठकर ना नहाए तो बाथ सीट बहुत ही अच्छा विकल्प है। लेकिन बाथर या बाथ सीट आमतौर पर केवल तब तक उपयोगी है जब तक आपका बच्चा खुद बैठना न सीख जाए।
पारंपरिक स्नान
सदियों से देखा गया है कि मां अपने बच्चों को पैरों पर रखकर नहलाती हैं। आज भी कई जगह बच्चों को नहलाने का यही तरीका अपनाया जाता है। हालांकि यह तरीका बच्चों की मालिश के लिए भी अपनाया जाता है। इसमें आप बच्चों के साथ खुद भी गिले हो जाते हो। इससे आपके शरीर की गर्मी स्नान के माध्यम से उसे आराम पहुंचा सकती है।
बच्चे को नहलाते समय बरतें सावधानी
1. नहालाते समय अपने बच्चे का हाथ पकड़े रहिए। ऐसा देखा गया है कि छोटे बच्चे नहाते समय या तो रोते हैं या उछल कुद करते हैं। ऐसे में आपको उन्हें गिरने से बचाने के लिए पकड़े रहना बहुत ही जरूरी है।
2. आपका बच्चा चाहे बाथ टब में बैठा हो या बाथ सीट पर स्नान के दौरान अपने बच्चे को कभी न छोड़ें, कुछ सेकंड के लिए भी नहीं। इससे आपका बच्चा दिक्कत में आ सकता है।
3. स्नान आपके बच्चे के लिए एक मजेदार और आराम अनुष्ठान हो सकता है लेकिन आप हर दिन अपने बच्चे को स्नान मत कराइए। सप्ताह में दो या तीन बार स्नान कराना ठीक है।