कार्डिक अरेस्ट क्या है, जाने इसके कारण और लक्षण

जीवन का हर पल अनिश्चितताओं से भरा हुआ है और किसी के साथ कुछ भी हो सकता है। पिछले कई दशक से बॉलीवुड को बेहतरीन फिल्में देने वाली अभिनेत्री श्रीदेवी का दुबई में निधन हो गया है। 54 साल की इस अभिनेत्री का निधन कार्डिक अरेस्ट हुआ है। श्रीदेवी अपने पति बोनी कपूर और छोटी बेटी खुशी कपूर के साथ दुबई में एक फैमिली वेडिंग अटेंड करने गई थीं।

खूबसूरत अभिनेत्री श्रीदेवी के निधन से पुरा बॉलीवुड सदमे में है। हर कोई उनके निधन पर हैरान है कि आखिर समय से पहले इस अभिनेत्री की मौत कैसे हो सकती है, जो खाने पीने से लेकर अपनी फिटनेस पर पुरा ध्यान रखती थी।

कार्डिक अरेस्ट क्या है?

आपने भी खबरों के जरिए सुना होगा कि श्रीदेवी का निधन कार्डिक अरेस्ट की वजह से हुआ है। आइए जानते हैं कि कार्डिक अरेस्ट क्या है।
कार्डिक अरेस्ट उसे कहते हैं जिसमें हृदय की गति अचानक रुक जाती है। मेडिकल में कार्डिक का मतलब हृदय और अरेस्ट का मतलब रुक जाना है। इसको आसान भाषा में यदि कहें तो कार्डिक अरेस्ट में अचानक हृदय की धड़कन पूरी तरह रुक जाती है या काम करना बंद कर देती है। कार्डिक अरेस्ट ऐसी गंभीर बीमारी है जिससे दुनियाभर में लाखों लोग प्रभावित होते हैं।

कार्डिक अरेस्ट के लक्षण

सांस लेने में परेशानी
व्यक्ति अचानक गिर जाता है और बेहोशी हो जाता है।
इसमें व्यक्ति का पल्स नहीं चलता है

यह लक्षण एक एमरजेंसी है और ऐसी स्थिति में मरीज को तत्काल उपचार की जरूरत होती है।

कार्डिक अरेस्ट के कारण

कार्डिक अरेस्ट का सबसे बड़ा कारण वेंट्रिकुलर फिब्रिलेशन है। यह एब्नार्मल हार्ट रिदम होता है जिसमें दिल की धड़कन तेजी से धड़कती है या बहुत स्लो हो जाती है। इसे हम एरिथमिया कहते हैं।
इस तरह आप समझ सकते हैं कि एरिथमिया वह कारण है जिसकी वजह से कार्डिक अरेस्ट होता है। यदि आपको जन्मजात हृदय रोग, वाल्वुलर हृदय रोग, कोरोनरी आर्टरी डिजीज और हार्ट अटैक की समस्या है तो आपको एरिथमिया हो सकता है।

कार्डिक अरेस्ट के रिक्स फैक्टर

अब बात करते हैं उस रिक्स फैक्टर की जिसकी वजह से कार्डिक अरेस्ट या अन्य दूसरी हृदय की बीमारी होती है।
इसमें स्मोकिंग और शराब का ज्यादा सेवन, हाई ब्लड प्रेशर, हाई ब्लड कोलेस्ट्रॉल, मोटापा, मधुमेह और खराब लाइफस्टाइल शामिल है।

कार्डिक अरेस्ट और हार्ट अटैक में क्या है अंतर

अब आप सोच रहे होंगे कि कार्डिक अरेस्ट और हार्ट अटैक में क्या अंतर है। हार्ट अटैक उस स्थिति को बोलते हैं जिसमें हार्ट के एक भाग को ब्लड सप्लाई मिलना बंद हो जाता है। दरअसल जब हार्ट की एक आर्टरी में खून के जमने से खून के फ्लो में रुकावट आती है जिस वजह से उस हार्ट के हिस्से में पहले की तरह खून नहीं पहुंच पाता है और धीर-धीरे हार्ट का वह पार्ट डेड होने लगता है।

अगर दवाई की मदद से उस ब्लॉक आर्टरी को नहीं खोला गया तो कुछ समय बाद हार्ट अटैक के लक्षण दिखाई देने लगते हैं और कुछ हफ्तों और महीनों के बाद हार्ट अटैक आ सकता है। वहीं कार्डिक अरेस्ट की बात करें, तो इसमें लक्षण बहुत ही कम दिखाई देते हैं।

एक तरफ जहां हार्ट अटैक में व्यक्ति का हार्ट बीट करता है और उसकी पल्स चलती है, लेकिन कार्डिक अरेस्ट में अचानक से वह हार्ट बीट बंद हो जाता है। इसलिए यदि आप किसी व्यक्ति को अचानक खड़े-खड़े गिरते हुए देखते हैं और उसकी पल्स नहीं चल रही है तो मतलब यह है कि उसे कार्डिक अरेस्ट है।

एक बात यहां ध्यान देने वाली यह है कि जिस व्यक्ति को हार्ट अटैक आ चुका है या वह उससे रिकवर कर रहे होते हैं तो उनको कार्डिक अरेस्ट होने का रिस्क ज्यादा रहता है।

कार्डिक अरेस्ट की स्थिति में क्या करें

अगर कोई इंसान अचानक से गिर जाता है या उसका पल्स चलना बंद हो जाता है तो एंबुलेंस बुलाने के साथ-साथ उसको सीपीआर दे सकते हैं। कार्डिक अरेस्ट में सीपीआर एक एमरजेंसी ट्रीटमेंट होता है।

सीपीआर में मरीज के चेस्ट के बीचो-बीच हमें 100 से 120 बार कंप्रेशन बिना रुके देने होते हैं। यानि एक सेकेंड में लगभग 2 कंप्रेशन।

कार्डिक अरेस्ट न हो इसके लिए क्या करें

कार्डिक अरेस्ट जैसी स्थिति न आए इसके लिए आप अपने स्वास्थ पर पूरा ध्यान दीजिए, शराब और सिगरेट से दूरी बनाइए, तनाव लेना बंद करें, फास्ट फूड से दूरी बनाकर रखें और अपनी डाइट में फलों और सब्जियों को शामिल करें। इसके अलावा आप नियमित रूप से व्यायाम कीजिए और डॉक्टर से चेकअप करवाते रहिए।