जब हमारा पाचन शक्ति खराब होता है तो हमारा किसी भी काम में मन नहीं लगता। इससे न केवल हम आहार को सही तरीके से ले पाते हैं बल्कि हमरा स्वास्थ्य भी बिगड़ने लगता है। आयुर्वेद हमें स्वास्थ्य से संबंधित कई सारी चीजें बताई गई है। ऐसी ही उसमें पाचन शक्ति बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा भी बताई है। आइए उन्हीं उपचारों के बारे में जानते हैं।
पाचन शक्ति बढ़ाए त्रिफला
आयुर्वेद में त्रिफला का बहुत ही महत्व है। इससे बना एक हर्बल औषधि है जो कब्ज, वजन घटाने, पेट की चर्बी को कम करने और पेट की बीमारियों में लाभ देती है।
त्रिफला आपको किसी भी आयुर्वेदिक दुकान पर मिल जाएगा, लेकिन आपको त्रिफला का सेवन कैसे करना है और कितनी मात्रा में लेना है इसके लिए विशेषज्ञ से जरूर राय लें।
त्रिफला एक शक्तिशाली जड़ी बूटी है, जो कोलेन से विषैले तत्व को बाहर निकालने में मदद करता है और पोषक तत्वों के अवशोषण में वृद्धि करने मदद करता है। अगर आप पाचन की समस्या से ग्रसित हैं, तो आप त्रिफला का सेवन करना शुरू कर दीजिए।
ज्यादातर लोगों के लिए त्रिफला एक हल्का रेचक है और इस कारण से यह पाचन तंत्र से विषाक्त पदार्थों को साफ करने के लिए उत्कृष्ट है।
पाचन की मजबूत के लिए दही का सेवन
गर्मियों में दही का सेवन शरीर को बहुत ही फायदा पहुंचाता है। कैल्शियम, प्रोटीन और दूसरे पोषक तत्वों से भरपूर दही शरीर की कई आवश्यकताओं को पूरा करने में मददगार होता हैं। दही में मौजूद अच्छे बैक्टिरिया जिसका नाम है प्रोबायोटिक्स, इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है और महिलाओं को वेजिनल इंफ्केशन से बचाता है।
यदि आप पाचन की समस्या से ग्रसित है या फिर पाचन शक्ति बढ़ाना चाहते हैं तो आप दही और उससे बना लस्सी का सेवन कीजिए। आप दही या लस्सी का सेवन दोपहर के लंच के बाद जरूर करें।
इसमें आवश्यक बैक्टीरिया पाचन शक्ति को बेहतर बनाने में सहायता करता है। इसके अलावा लस्सी गैस और सूजन को कम करने में मदद करता है। यह खाने में स्वादिष्ट भी है और भोजन को अधिक संतोषजनक और पौष्टिक बना सकता है।
खाना चबाकर खाएं
अक्सर देखा गया है कि जब भी हम खाना खाते हैं, तो हमारा ध्यान खाने पर न होकर किसी और चीजों पर होता है। जैसे खाना खाते समय टीवी देखना, खाना खाते समय बाते करना आदि। ऐसे में हमारा ध्यान खाने को चबाने पर नहीं होता है। हम सीधे खाने को निगलने लगते हैं। यह आदत आपकी पाचन शक्ति को बिलकुल ही खराब कर देती है।
यदि आप अपनी आदत में सुधार करना चाहते हैं, तो खाने को निगलने की बजाए चबाकर खाइए। इससे लार के साथ भोजन के कण पेट में जाते हैं। यह पाचन शक्ति बढ़ाने का अच्छा और पुराना आयुर्वेदिक उपाय है।
इसको चबाकर खाने से उसमें मौजूद प्रोटीन, कैल्शियम, विटमिन और अन्य पोषक तत्वों का आप पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और आपका वजन भी कम होता है। – खाना चबाकर खाने के फायदे
अदरक की चाय का सेवन
आपको बता दें कि अदरक को प्राचीन आयुर्वेद और चीनी दवाओं में औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। दूध में अदरक डालकर आप चाय तो जरूर पीते होंगे। इससे चाय का स्वाद बहुत ही अलग हो जाता है।
सर्दी का मौसम शुरू होते ही इस चाय का प्रयोग अधिक होने लगता है। इस मौसम में अदरक वाली चाय की मांग और मजा, दोनों ही दुगुने हो जाते हैं। अगर आप पाचन शक्ति बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा खोज रहे हैं तो आपके लिए अदरक की चाय बहुत ही उपयोगी है।
अदरक पेट से भोजन को छोटे आंत में बढ़ाकर पाचन को उत्तेजित करता है, और खाने के बाद पाचन की परेशानी को समाप्त करने में मदद करता है। इसके अलावा, अदरक में लार, पित्त और गैस्ट्रिक एंजाइम को प्रोत्साहित करने की क्षमता है जो कि भोजन के पाचन में सहायता करता है। – अदरक की चाय के फायदे
बहुत अधिक खाना न खाएं
बहुत लोगों को देखा गया है कि वह क्षमता से ज्यादा खाना खाते हैं जिससे वह पाचन की समस्या से ग्रसित हो जाते हैं। कई लोग अक्सर रात को इतना अधिक खाना खा लेते है जिसके बाद भुगतान उनको अलग-अलग तरीके से करना पड़ता है।
अगर विशेषज्ञों की माने तो ज्यादा खाना खाने की आदत बन जाए तो इससे आपके शरीर को नुकसान पहुंच सकता है और आपकी पचान शक्ति खराब हो सकती है और आपको एसिडिटी हो सकती है।
आयुर्वेद यह अनुशंसा करता है कि हमें पेट के कुछ हिस्से को खाली छोड़ देना चाहिए ताकि हमारा शरीर भोजन को पचा सकें।