अर्थराइटिस और गठिया आजकल सबसे आम स्वस्थ समस्याओं में से एक है। गठिया की दर्द बहुत तेज होती है, जो व्यक्ति को चलने–फिरने और घुटनों को मोड़ने में परेशान करती है। इसमें घुटनों में दर्द के साथ–साथ सूजन भी आ जाती है। आजकल ठंड के मौसम में गठिया के मरीज़ों को सबसे अधिक परेशानी होती है, इसलिए उन्हें ठंड से बचने का प्रयास करना चाहिए। इस दर्द और सूजन से राहत दिलाने में आहार और आयुर्वेदिक जड़ बूटियां आपको सबसे ज्यादा फायदा देते हैं।
इस बीमारी में डॉक्टर भी मरीजों को खाने पर ध्यान देने की सलाह देते हैं। गठिया से बचने के लिए आपके आहार में ग्लूकोसामिन और कांड्रायटिन सल्फेवट होना जरुरी है जो हड्डियों और कार्टिलेज के लिए बहुत अच्छें और उपयोगी होते हैं। आइए आज हम पढ़ते है कि कैसे गठिया में आपके कुछ घरेलू नुस्खे इसका सबसे सुरक्षित उपचार होते हैं।
गठिया दर्द को कम करने के लिए 6 आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां
1. गठिया का अचूक इलाज है अदरक
अदरक ऑस्टियो आर्थराइटिस और रुमेटॉयड आर्थराइटिस या गठिया में सूजन को कम करने में उपयोगी होता है। अदरक गठिया का अचूक इलाज है। अदरक का नियमित उपयोग शरीर में सूजन और गठिया रोग की शुरुआत को होने से रोकता है। अदरक खाने से शरीर के एंटीऑक्सीडेंट रक्षा तंत्र में वृद्धि होती है। गठिया में ऑक्सीडेटिव तनाव के कारण ऊतक और जोड़ों की क्षति की रोकथाम में अदरक मदद करता है। अदरक में सूजन और न्यूरोलॉजिकल संकेतों के कारण दर्द कम करने की क्षमता होती है।
2. शल्लकी
शल्लकी एक बहुत लोकप्रिय प्राकृतिक सूजन विरोधी जड़ी बूटी है, जो पूरे विश्व में आयुर्वेद के चिकित्सकों द्वारा उपयोग की जाती है। शल्लकी को दर्द और सूजन को ठीक करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह किसी भी नुकसान को बिना हड्डियों के स्पॉन्डिलाइटिस और अन्य गठिया के दर्द से मुक्ति दिलाती है।
गठिया का दर्द दूर करते हैं ये जूस
3. गठिया दर्द में उपयोगी है निर्गुंडी
निर्गुंडी एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है शरीर को बीमारियों से बचाना। यह शक्तिशाली जड़ी बूटी है, जिसका उपयोग विभिन्न बीमारियों में किया जाता है। यह एक सुगन्धित वृक्ष से प्राप्त किया जाता है जिसे विटेक्स नेगुंडो कहा जाता है। इसमें फ्लेवोनॉयड, कॉस्टटीन और विटेक्सिन भी होते है जो एंटी-हिस्टामाइन गुणों और मस्तिष्क कार्यों की ठीक करने के लिए जाना जाता है। यह एक एनाल्जेसिक के रूप में कार्य करके अच्छ नींद दिलाने, सिरदर्द, सूजन, जलन और गठिया दर्द में उपयोगी होती है।
4. गठिया का आयुर्वेदिक इलाज है नीलगिरी
नीलगिरी तेल का अर्क जोड़ों में गठिया के दर्द और सूजन को ठीक करने में मदद करता है। नीलगिरी के पत्तों में टैनिन होता है जो जोड़ों में सूजन और दर्द को कम करता है। नीलगिरी गठिया का आयुर्वेदिक इलाज है। नीलगिरी के रस को निचोड़ कर प्रभावित जोड़ों पर लगाया जाता है जो बाद में हीटिंग पैड द्वारा हल्का गर्म कर दर्द में आराम देता है।
5. गठिया से ग्रस्त लोगों के लिए फायदेमंद अजवाइन
अजवाइन के बीजों में स्वास्थ के लिए कई पोषक तत्व होते हैं, जिनमें इनके सूजन विरोधी गुण के कारण यह गठिया से ग्रस्त लोगों के लिए फायदेमंद है। इसके अलावा, इसमें पेट की दर्द और सूजन को कम करने के गुण भी होते हैं। अजवाइन के बीजों में एंटीबायोटिक यौगिक होते हैं, जो सूजन और इससे संबंधित अन्य लक्षणों जैसे लाली, से निपटने में सहायता करते हैं।
6. गठिया की दवा है दशमूल
दशमूल उपयोगी पौधों की दस जड़ों को दिया गया नाम है। आयुर्वेद में इन दस जड़ों के मिश्रण को जोड़ों, मस्तिष्क, मांसपेशियों, हड्डियों और गठिया से संबंधित कई स्वास्थ्य स्थितियों के लिए उपयोग किया जाता है और एक दवा के रूप में काम करता है। इनमें शक्तिशाली सूजन-विरोधी, एंटीऑक्सीडेंट, एनाल्जेसिक और गठिया विरोधी गुण होते है जो विभिन्न आर्थराइटिस और गठिया दर्द में उपयोगी होते हैं।