बीमारियां

अपेंडिक्स के लक्षण, कारण और उपचार

Appendix symptoms, reasons and Home remedies ayurvedic cure in hindi.

जितने शरीर में अंग उतने ही शरीर में रोग होते हैं। कई तो रोग इतने गंभीर होते हैं जिनका अनुमान आप नहीं लगा सकते। कुछ रोग ऐसे भी होते हैं जो शुरुआत में मामूली दिखते हैं लेकिन बाद गंभीर रूप ले लेते हैं। अगर, खानपान, व्यायाम और अपनी जीवनशैली में सुधार नहीं लाया गया भयंकर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

आप अनुमान लगा सकते हैं कि अकेले पेट से संबंधित कई बीमारियों होती है जिससे रोगी को समय-समय दो चार होना पड़ता है। लेकिन अक्सर देखा गया है कि पेट में दर्द होते ही उसे गैस, कब्ज, एसिडिटी और न जाने कितनी ही तरह की बीमारियों को हम याद करने लगते हैं तथा इससे राहत पाने के लिए तमाम तरह के घरेलू उपाय और दवाइयां भी खाने लगते हैं। पेट के दर्द को एक साधारण दर्द मानना आगे चलकर बहुत बड़ी परेशानी खड़ी कर सकता है। अपेंडिक्स भी एक ऐसी ही खतरनाक पेट से जुड़ी बीमारी है।

महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में होने वाला अपेंडिक्स आँत का एक टुकड़ा है। डॉक्टर की भाषा में एपिन्डिसाइटिस कहते हैं जो एक तरह का संक्रमण होता है। अपेंडिक्स रोग 10 से 30 साल की उम्र के लोगों में होता है। हालांकि अपेंडिक्स मरीज के लिए ही नहीं डॉक्टरों के लिए भी एक समस्या है क्योंकि इसका इलाज इतना आसान नहीं है।

अपेंडिक्स के कारण और लक्षण
जब पेट की सारी गंदगी बाहर नहीं निकलती तो वह अपेंडिक्स की नली में चली जाती है जो दर्द के साथ सूजन की समस्या पैदा कर देता है। इसका परिणाम यह होता है कि अपेंडिक्स संक्रमित हो जाता है।

अपेंडिक्स संक्रमित होने पर भूख न लगना, पेट के दाएं भाग में नीचे की तरफ दर्द होना, उल्टीप, मतली, डायरिया, कब्जी और गैस की समस्या, पेट में सूजन, हल्काु बुखार, यूरिनेशन में प्रॉब्लम रह सकता है।

चौलाई का साग
रक्त विकार, पेट और कब्ज के लिए चौलाई का साग उत्तम माना जाता है। अपेंडिक्स में चौलाई का साग लेकर पीस लें और उसका लेप करें।

पालक का साग
कैल्शियम, सोडियम, क्लोरीन, फास्फोरस, लोहा, खनिज लवण और प्रोटीन से भरपूर पालक अपेंडिक्स रोग में फायदेमंद है।

टमाटर
टमाटर सब्जी नहीं, बल्कि पौष्टिक व गुणकारी फल है। अपेंडिक्स की समस्या होने पर लाल टमाटर में सेंधा नमक और अदरक डालकर भोजन के पहले खाने से फायदा होता है।

राई
राई दिखने में जितनी छोटी है उतने ही बड़े-बड़े फायदों से भरपूर है। यह आपके कई स्वास्थ्य समस्या की दवा है। पेट के निचले भाग में दायीं ओर राई पीसकर लेप करने से अपेंडिक्स दर्द दूर होता है।

लहसुन
भारतीय रसोईघर में आसानी से मिल जाने वाली लहसुन का फांक सिर्फ खाने का जायका नहीं बढ़ाता है बल्कि इसमें बहुत सारे औषधिय गुण है। अपेंडिक्स रोग में रोजाना खाली पेट 2 से 3 कच्चीं लहसुन का सेवन करें।

अदरक
अदरक को हम न केवल भोजन में स्वाद के लिए प्रयोग में लाते हैं बल्कि दवा के रूप में यह बहुत ही उपयोगी खाद्य प्रदार्थ है। अदरक दर्द और सूजन को दूर करने में सहायक है। रोजाना अदरक की चाय दो से तीन बार पियें।

फाइबर युक्त भोजन
फाइबरयुक्त भोजन करने से पेट की सभी गंदगी बाहर निकल जाती है। बींस, खीरा, टमाटर, चुकंदर, गाजर, ब्रॉक्लीब, मटर, ब्राउन राइस, मुनक्काल, वीट जर्म, सूरजमुखी और कद्दू के बीज ये कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ है जिसमें भरपूर मात्रा में फाइबर होता है।

नींबू
विटामिन-सी से भरपूर नींबू न केवल त्वचा में निखार लाती है बल्कि पेट दर्द, अपच और कब्जद से राहत दिलाता है।

माना जाता है कि अपेंडिसाइटिस का पता लगते ही इलाज कराना जरूरी है वरना इसके कारण व्यक्ति की मौत भी हो सकती है।

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