अल्ज़ाइमर्स रोग क्या है और इससे कैसे बचें

आपने कभी-ना-कभी तो अपने भाई या बहन या फिर दोस्त को कोई बात या चीज़ भूल जाने पर ‘भुलक्कड़’ का नाम जरूर दिया होगा। साथ ही सलाह भी दी होगी कि ‘भूल जाते हो कोई बात तो लिख लिया करो…’ क्यों कहा है ना आपने यह लाइन कभी किसी से… यूं तो हम आए दिन किसी को भी मजाक मजाक में यह भुलक्कड़ बोलकर पुकार देते हैं लेकिन यह वाकई में एक बड़ी बीमारी भी है। इस बीमारी को ‘अल्ज़ाइमर’ कहते हैं, जो बहुत खतरनाक भी आपके लिए साबित हो सकती है।

यह बीमारी कोई उम्र देखकर नहीं होती… यह बीमारी कभी भी, किसी को भी अपने घेरे में ले सकती है। अल्ज़ाइमर कब आप पर अटैक कर दें आप सोच भी नहीं सकते और धीरे धीरे यह और बिगड़ता चला जाता है। क्या आप भी या आपके परिवार में कोई इस बीमारी से परेशान हो गया तो इसका इलाज आसान है और आप जल्दी भी ठीक हो जाएंगे।

आज sehatgyan.com आपको बताएगा कि कैसे अल्ज़ाइमर की बीमारी को आप बस कुछ चीज़ों अपने डाइट में शामिल कर दूर भगा सकते हैं।

ओमेगा 3 फैट
साल्मन मछली, टुना और दूसरी मछलियां हेल्दी ऑयल और ओमेगा 3 फैटी एसिड का एक अच्छा स्रोत मानी जाती है। अपनी डाइट में ऐसी चीजों को शामिल करना आपके लिए अच्छा होगा।

हरी सब्जि यां (Green Vegettables)
जब आपको छोटी-छोटी बातें याद नहीं रहने लगे तब आप कोशिश करें ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जिायों को अपने डाइट में शामिल करने की। बता दें कि हरी सब्जियों में विटामिन ए और सी की मात्रा खूब होती है। अपने डाइट में पालक, ब्रोकली, बीन्स और ऐसी ही दूसरी हरी सब्जिखयों को जरूर शामिल करें।

अलसी या फ्लैक्स सीड्स
जान लें कि फ्लैक्स सीड्स में भी ओमेगा 3 फैटी एसिड्स की अच्छी मात्रा पायी जाती है। फ्लैक्स सीड्स बीटा-एमिलॉयड प्लाक को बनने से रोकता है, जिससे अल्ज़ाइमर का खतरा कम होता है।

फल खाएं
वहीं फलों में एंटी-ऑक्सीडेंट, विटामिन, कैल्शियम, आयरन, जिंक और दूसरे कई पोषक तत्व भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं, जिनके सेवन से आपकी याददाश्त दुरुस्त रहती है। साथ ही इससे अल्ज़ाइमर का खतरा भी कम होता है।

ड्राई फ्रूट्स
क्या आप अल्ज़ाइमर बीमारी से बचे रहना चाहते हैं, तो ड्राई फ्रूट्स जरूर खाएं। इनमें फाइबर, फैट और एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं. जो दिमागी सक्रियता को बढ़ाते हैं और अल्ज़ाइमर के खतरे को कम करते हैं।

ध्यान रहें
अल्ज़ाइमर एक खतरनाक दिमागी बीमारी मानी जाती है, जिसका सीधा असर आपके दिमाग पर होता है और इससे ता‍र्किक क्षमता और याददाश्त पर असर पड़ता है।