आचार खाने के 5 नुकसान

जब किसी दिन घर पर सब्जी अच्छी नहीं बनी होती तो हम पूरा खाना आचार के ही सहारे खा लेते हैं, वह भी बहुत पसंद के साथ, क्यों सही कह रहे हैं ना हम… आचार का स्वाद इतना लज़िज होता है कि बस इसका नाम सुनते ही मुंह में पानी अपने आप आना शुरू हो जाता है। कुछ लोग कभी-कभी इसको बस यूंही खाने के चीज़ के तौर पर खा लेते हैं, तो कुछ को आचार के बिना खाना ही नहीं गले के नीचे उतरता है।

बता दें कि आचार को रोजाना अपने भोजन में लेना किसी बड़े खतरे से कम नहीं है। इस बात से हम इंकार नहीं कर रहे हैं कि आजार का हमारे भोजन में शामिल हो जाने से भोजन का स्वामद ही बदल जाता है। आचार कई तरह के बनते हैं जैसे- नींबू, आम, आंवला, गाजर आदि। भारत में खासकर आचार को बहुत महत्तव दिया जाता है, इसे आमतौर पर बहुत अधिक तेल, मसाले और नमक के साथ बनाया जाता है।
क्या है ज्यासदा आचार खाने के नुकसान :

डायबिटीज का खतरा
बता दें कि आचार खासकर उन लोगों के बहुत बुरी चीज़ है जिन्हें डायबिटीज की शिकायत हो। बता दें कि आचार, संरक्षक के रूप में चीनी के साथ बनाया जाता है। इसलिए यह डायबिटीज से ग्रस्त लोगों के लिए किसी जहर से कम नहीं है। ऐसे रोगियों को चीनी वाले आचार के सेवन से बचना चाहिए।

ट्राइग्लिसराइड की समस्या
यूं तो आचार में मौजूद सभी प्रकार के संरक्षक के कारण स्वाटस्य् ा के लिए बुरा होता है। संरक्षक में आमतौर पर तेल की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। यही नहीं इसकी मौजूदगी से शरीर में ट्राइग्लिसराइड के स्तर में वृद्धि हो जाती है।

पाचन समस्या में शिकायत
यह बहुत कम लोग जानते होंगे कि बहुत अधिक मात्रा में आचार को खाने से, आचार का रस आपकी पाचन समस्याकओं का कारण बन सकती है। पेट की परेशानी, दर्द और पेट फूलना बहुत अधिक खाने से होने वाले दुष्प्राभाव हैं। यही नहीं, इससे डायरिया के कारण पाचन तंत्र की परत को प्रभावित करता है।

शरीर में सूजन होना
जान लें कि आचार में संरक्षण के कारण, नमक की अधिक मात्रा का इस्तेमाल होता है, जिसमें सोडियम बहुत अधिक मात्रा में होता है। सोडियम के कारण शरीर पानी की बड़ी राशि को बनाए रखने के प्रतिक्रिया करता है जो शरीर के संतुलन के लिए आवश्यक होती है, जिससे शरीर में सूजन की समस्याी होती है।

अल्सर की समस्या
यूं तो आचार में बहुत अधिक मसालों के कारण आंतों के अल्सर की समस्या होना बहुत कॉमन बात है। रोजाना आचार का सेवन करने वाले लोगों में यह समस्या ज्यादा देखने को मिलती है, इसलिए जितना हो सके कम आचार खाना चाहिए, घर में बना आचार खाना चाहिए और आचार को बनाते समय उसमें बहुत ज्यादा मसाले मिलाने से बचना चाहिए।