आँख हमारे लिए कितनी महत्वपूर्ण होती है, इस बारे हम सभी जानते हैं। आँखों से ही हम इस रंग बिरंगी दुनिया को देख सकते हैं, साथ ही हम इसके जरिये अपने काम को सही तरीके के साथ कर सकते हैं। आँखों से ही हमारी सुन्दरता बढ़ती हैं इसलिए हमें इसका ख्याल रखना चाहिए, लेकिन जब हम दिनभर कम्प्यूटर पर काम करते हैं, टीबी देखते हैं या पढाई करते हैं, तो अक्सर हमारी आँखें थकती ही नहीं बल्कि इसका असर हमारी आँखों की रोशनी पर भी पड़ता है, जिसके कारण हमारी आँखों की रोशनी कम हो जाती है और हमें चश्मा लग जाता है।
आँखों की सरंचना
हमारी आँखों का वजन लगभग 8 ग्राम तक होता है। हमारी आँखों की रेटिना में लगभग 12 करोड़ रोड और 70 लाख कोन पायें जाते हैं। जब भी हमारी आँखों में रोड कम और कोन अधिक होता है, तो हमे रोशनी देखने में सहायता मिलती है। आँख मानव के शरीर में पाया जाने वाला दूसरा जटिल सरंचना वाला अंग होता है। जब भी हम किसी चौका देने वाली चीज को देखते हैं तो हमारी आँखे 45 प्रतिशत बड़ी हो जाती है।
नेत्र गोलक का निर्माण
नेत्र गोलक का निर्माण तीन परतो से मिलकर हुआ होता है
1. बाह्य परत
2. मध्य वाहिकामयी परत
3. आंतरिक तंत्रिकामयी परत
बाह्य परत
यह हमारी आँख की बाह्य, सफेद और अपारदर्शक परत होती है। इसके उभरे हुए भाग को हम कार्निया के नाम से जानते हैं। इस भाग के बाहरी ओर एक पतली झिल्ली पाई जाती है। इसके पिछ्ले भाग से दृष्टि तंत्रिका निकलती है। जिसका सीधा संबंध मस्तिष्क की पालियों से होता है।
अभिमध्य वाहिकामयी
यह ऊतको का बना हुआ पतला स्तर होता है। इसमें वर्णक कोशिकाएं का जाल पाया जाता है। यह कार्निया से पीछे रंगीन गोल आकार का पर्दा बनता है। जिसे हम आइरिस कहते हैं।
आन्तरिक तंत्रिकामयी परत
यह हमारी नेत्र में सबसे अंदर की सबसे महत्वपूर्ण परत होती है। यह दृष्टि पटल पर दृष्टि तंत्रिका कोशिकाओं का जाल होता है। इस स्थान को अंध बिंदु कहते हैं और इसके समीप ही पीत बिंदु होता है।
आँखों के कार्य
आँखों का काम देखने का होता है। आँखों के द्वारा व्यक्ति के चरित्र के बारे में सब कुछ पता चल जाता है। इतना ही नहीं आँखों का रंग देखकर उसके स्वभाव के बारे में भी पता चल जाता है।
आँखों में होने वाले रोग
हमारी आँखें कई छोटे-छोटे हिस्से से मिलकर बनी होती है। यह वह छोटी-छोटी ग्रन्थियां होती है जो हमारी आँखों के लिए बहुत ही अनिवार्य है। उम्र के बढ़ने के साथ हमारी नजर कम हो जाना एक आम बात है, लेकिन कम उम्र में ही रोशनी कम होना एक जटिल समस्या का रूप ले लेती है। हमारी आँखों के कई तरह के रोगों का सामना करना पड़ता है जैसे कि :-
- आँखों से पानी गिरना
- आँखों में जलन होना
- आँख निकलना
- आँख में मोतियाबिंद होना
- सुखी आँखें
- आँख लाल होना
- आँखों में दर्द होना
- पलकों की समस्या
- टेम्पोरल आर्टेराईटिस