शरद ऋतु की शुरूआत बस होने ही वाली है। शरद बस ऋतु नहीं है, यह एक एहसास है तापमान के नीचे गिरने का और उस दौरान होने वाले नये शारीरिक अनुभवों का। हाथों का बार-बार पैंट या जैकेट की जेब तलाशना या इन अस्थायी उपायों को छोड़ दस्तानों में छिप जाने की स्थिति हर शरद में अपने अस्तित्व का शरीर को आभास करा जाती है।
गिरता तापमान सिर्फ ठंड की भीषणता का एहसास नहीं कराता बल्कि यह शारीरिक उर्जा के गिरते स्तर का भी परिचायक है। इस उर्जा के संरक्षण के लिए हमारे शरीर का मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है। आग तापना और तेज चलना कड़क ठंड से बचने का एक उपाय हो सकता है। हालांकि, अपने अस्थायी प्रकृति के कारण यह शरीर के गिरते तापमान को अल्पावधि के लिए ही उठाता है।
इसलिए यहाँ आपको भोजन के उन प्रकारों की जानकारी दी जा रही है जो हड्डी गलाने वाली ठंड में भी आपको भीतर से गरमी प्रदान करने में सक्षम है। ये भोजन विशद्ध रूप से भारतीय हैं। इनका प्रयोग शरीर में ऊष्मा का संचार करता है जो स्थायी होता है।
ठंड में गर्म रखने वाले आहार
शुष्क फल व नट
दूध भारतीय भोजन का अभिन्न अंग है। अधिकांश घरों में गरम दूध का सेवन सुबह अथवा रात्रि भोजन के समय होता है। ये शरीर के विकास के लिए आवश्यक पौष्टिक तत्वों से भरपूर होते हैं। हालंकि, शरद ऋतु के समय दूध का बहुपयोग हो सकता है। इसमें बादाम, वालनट अथवा पिस्ता मिलाकर पीने से शरीर में उर्जा और उष्मा के स्तर को बढ़ाया जा सकता है। नैसर्गिक स्वाद के लिए दलिया और दूध के मिश्रण में इन शुष्क फलों को मिला कर खाया जा सकता है।
काली मिर्च और हींग
सर्दियों में ज़ुकाम, फ्लू आम हो जाते हैं। भारतीय घरों में छोटी-मोटी ज़ुकामों में घरेलू उपायों को प्राथमिकता दी जाती है। इन उपायों में भोजन में काले मरीच और हींग का उपयोग आम है। काली मिर्च ज़ुकाम के साथ गले की खरास को भी कम करते हैं। हींग स्वाद के साथ-साथ शरीर को सेहतमंद रखने में मदद करता है। इसके अलावा ये बारतीय मसाले शरीर को गरम भी रखती है।
अदरक व तुलसी
अदरक और तुलसी अपने औषधीय गुणों के कारण अमूमन हर घर में पाये जाते हैं। जीवाणु प्रतिरोधक गुण के चलते तुलसी का ज्यादा महत्तव है। किसी कड़कड़ाती ठंड में चाय देह को सुकून देती है। अगर यह चाय अदरक और तुलसी को मिलाकर बनाया और पीया जाए तो इसका शरीर पर ज्यादा सकारात्मक असर होता है। अदरक का इस्तेमाल चाय के अलावा सब्जियों में भी किया जाता है जो खाने को सेहतमंद और सुगन्ध से भर देता है। तुलसी और दूध के अनसुने लेकिन बहुमूल्य फायदे
दाने युक्त अनाज
मकई व बाजरे की रोटी प्याज और अचार के साथ आपको दिनचर्या में उपयोग में लाये जाने वाले समान खाद्य सामग्री से अलग स्वाद का अनुभव करायेगी। इसके अलावा नींबू-नमक मिश्रित भुट्टा भी आप खाने में उपयोग कर सकते हैं।
हरी पत्तीदार सब्जियों का प्रयोग
शरद ऋतु में खाने में धनिया की चटनी और हरी पत्तीदार सब्जियों का सेवन करना चाहिए। बीन्स, बंदगोभी, गाजर और ऐसी सब्जियाँ हैं जो कई पोषक तत्वों से युक्त होती हैं। इनका सेवन सेहत के लिए फायदेमंद होता है।