गर्भावस्था का छठा महीना अर्थात दूसरा ट्राइमेस्टर का खत्म होना। जब महिला को छठा महीना लगता है, तब उसे देखकर पता चल जाता है कि उसके गर्भ में बच्चा पल रहा है। छठे महीने में मां को बहुत ही सावधानी बरतनी चाहिए। उसे अपने खाने पीने का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। इन दिनों गर्भवती महिला के बहुत से हार्मोन बदलते हैं। जिसका असर उनकी सेहत पर पड़ता है, ऐसे में उन्हें पोषक तत्व युक्त भोजन का सेवन करना चाहिए। उन्हें अंडे, काले सेम, टोफू आदि का सेवन करना चाहिए। आइये जानते हैं गर्भावस्था के छठे महीने के आहार।
गर्भावस्था के छठे महीने के आहार
पोषक तत्वों से भरपूर भोजन
छठे महीने में गर्भवती महिला की कुछ अलग से खाद्य पदार्थ खाने की लालसा हो सकती है। ऐसा भी हो सकता है कि वो खाद्य पदार्थ उसे खाने के लिए न मिले। ऐसे में उसे पोषक तत्वों से भरपूर भोजन करना चाहिए। जिससे उसे और बच्चे को सभी प्रकार के पोषक तत्व मिलते हैं और वो हेल्दी रहते हैं।
गर्भावस्था में कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन
गर्भावस्था के दौरान कार्बोहाइड्रेट बहुत जरूरी है। इसके साथ ही वजन पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। ऐसे में कार्बोहाइड्रेट युक्त पदार्थ जैसे आलू, पास्ता, स्वीट कार्न, बीज, नट्स और जई का सेवन कर सकती हैं। गर्भावस्था के छठे महीने में सब्जियों का सेवन करना भी अति आवश्यक होता है। ऐसे में वो अपने आहार में चुकन्दर, पत्ता गोभी, पालक, गाजर, कद्दू, शलगम, टमाटर आदि को शामिल करना चाहिए।
गर्भावस्था के छठे महीने कैल्शियम युक्त भोजन
गर्भावस्था के छठे महीने के आहार में कैल्शियम युक्त भोजन का सेवन करना चाहिए। इसमें पनीर, दही औए दूध को शामिल करना चाहिए।
पानी का सेवन
गर्भावस्था में पानी का सेवन अधिक मात्रा में करना चाहिए। ऐसे में उन्हें कम से कम दिन में दस गिलास पानी के पीने चाहिए।
गर्भावस्था के छठे महीने ध्यान देने योग्य बातें
1. इस दौरान बच्चे के कपड़े और उपकरण के लिए खरीदारी शुरू कर देनी चाहिए। गर्भावस्था में अक्सर खुजली की समस्या होती हैं। इसे कम करने के लिए सूती कपडे ही पहनने चाहिए। सूती कपड़े शरीर को ठंडक प्रदान करते हैं, जिससे आपको खुजली कम होती है।
2. नहाने के पानी में बेकिंग सोडा डालकर नहायें। इस प्रकार करने से खुजली दूर हो जाती है। आपको आंख या नाक के पास काले धब्बे हो सकते हैं। ये गर्भावस्था की निशानी होती है, जो बाद में चले जाते हैं।
3. इस दौरान पैरों में सुन्न और झुंझलाहट सी होती है साथ ही पैर में भी सूजन आ जाती है। इसके उपाय के लिए पैरों को कभी भी लटका कर न बैठें।
4. गर्भावस्था के छठे महीने पीठ में दर्द हो सकती है। इसका कारण आपका बढ़ा हुआ वजन होता है। ऐसे में अपने उठने और चलने की सही मुंद्रा का उपयोग करें।
5. गर्भावस्था में लंबे समय तक खड़े नहीं रहना चाहिए। इससे आपको पैरों में ऐंठन का अहसास हो सकता है। आमतौर पर ऐसा रात को होता है। ऐसे में आपको मालिश करनी चाहिए। इससे आपको बहुत फायदा प्राप्त होता है।
6. बाहर के खाने से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। इसके साथ ही तली भूनी वस्तुओं का सेवन भी कम करना चाहिए।