खिरनी नींबोली के समान आकार का होता है। यह ग्रीष्म ऋतू में देखने को मिलता है। खिरनी लोक में प्रचलित नाम है। आयुर्वेद में खिरनी को क्षीरिणी के नाम से जाना जाता है। इसी का अपभ्रंश नाम खिरनी हो गया है। क्षीरिणी का अर्थ है क्षीर इसके फलों एंव पत्तों को तोड़ने पर दूध निकलता है। इसके गुणों के आधार पर इसे फलों का राजा कहना गलत नहीं है। प्राचीनकाल में राजाओं द्वारा इस फल का सेवन किया जाता था। इसलिए आज हम विस्तार में बात करेंगे खिरनी के फायदे और नुकसान के बारे में।
आयुर्वेद में राजदान,राजफल,एंव फलाध्यक्ष आदि नामों से भी खिरनी को जाना जाता है। खिरनी का उंचा घना वृक्ष होता है जो उतरी भारत में उगता है अथवा उगाया जाता है। इस वृक्ष पर पीले छोटे फल लगते है जो खाने में बहुत स्वादिष्ट और मीठे होते हैं। इस वृक्ष की छाल औषधि के कार्य में काम आती है। इसके बीज से तेल निकलता है साथ ही इसकी लकड़ी भी बहुत मजबूत और चिकनी होती है। खिरनी के पेड़ पर सितम्बर से दिसम्बर में फुल लगते हैं और इस पर अप्रैल से जून के महीने में फल लगते हैं। बारिश के मौसम में इसके फलों में कीड़े पड़ जाते हैं। आयुर्वेद के अनुसार इसके फल शरीर में शीतलता लाते हैं। आइये जानते हैं खिरनी के फायदे और नुकासन के बारे में।
खिरनी के फायदे – Khirni ke fayde in hindi
#1 वात रोग का नाशक
वात रोग जिसमें जोड़ो का दर्द, यूरिन एसिड का बढ़ना, कमर दर्द और गठिया आदि विशेष रूप से शामिल है। खिरनी का सेवन करने से वात रोग का नाश होता है।
#2 क्षय रोग का नाश
क्षय रोग अर्थात टी.बी एक संक्रामक बीमारी का नाम है। यह बीमारी कमजोर लोगों को होती है या फिर जिन लोगों को होती है उनकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। ऐसे लोगों को टीबी का खतरा समान्य लोगों के मुकाबले अधिक होता है।
#3 पित्त नाशक
यह फल मद, मूर्छा, मोह, भ्रांति, दाह आदि को नष्ट करता है। यह फल पित्त नाशक होने के कारण रक्त पित्त रोग में लाभ पहुंचाते हैं।
#4 मोटा करे
यह शरीर को मोटा करने वाला फल होता है अत: यह खिरनी का फल दुर्बल व्यक्तियों के लुए बहुत ही हितकारी है।
#5 शरीर में शीतलता प्रदान करे
खिरनी के फल मीठे और स्वादिष्ट होने के साथ-साथ शरीर में शीतलता भी प्रदान करते हैं।
#6 प्रोटीन की मात्रा
इसमें प्रोटीन की मात्रा 0.48 प्रतिशत होती है। अच्छी सेहत के लिए प्रोटीन बहुत आवश्यक होता है। प्रोटीन का मुख्य कार्य शरीर की मरम्मत और निर्माण करना होता है।
#7 वसा
खिरनी में वसा की भरपुर मात्रा मौजूद होती हैं। शरीर के उचित कार्य के लिए वसा की आवश्यकता होती हैं। वसा शरीर को फैटी एसिड प्रदान करता है जो शरीर द्वारा नहीं बनाया जाता। यह एसिड हमें भोजन के माध्यम प्राप्त होता है। वसा हमारे बालों और त्वचा को स्वास्थ्य बनाएं रखने में मदद करता है।
#8 विटामिन
खिरनी में विटामिन ए, विटामिन बी और विटामिन सी पायें जाते हैं जो हमारी सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं।
#9 पोषक तत्वों से भरपूर
खिरनी के फल में कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं जैसे कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन, कैल्शियम, फास्फोरस, लौह आदि। ये सभी पोषक तत्व सेहत के लिए बहुत गुणकारी होते हैं। यदि इनमें से किसी एक की भी कमी शरीर में आ जाएँ तो सेहत को नुकसान का सामना करना पड़ता हैं।
#10 ज्वर या बुखार में फायदा
ज्वर होने पर खिरनी की छाल का काढ़ा बनाकर पीने से ज्वर या बुखार उतर जाता है। मियादी बुखार का उपचार और लक्षण
खिरनी के नुकसान – Khirni ke nuksan in hindi
खिरनी के फायदे के साथ-साथ खिरनी के कुछ नुकसान भी होते हैं। आइये जानते है खिरनी के नुकसान के बारे में –
#1 खिरनी के फल में कीड़ा
बरसात की कुछ बुँदे इसके फल पर गिरते ही फल में कीड़ा पड़ जाता है। इसलिए बरसात के मौसम में इस फल का सेवन नहीं किया जाना चाहिए।
#2 पचने में भारी
खिरनी का फल स्वादिष्ट और मीठा तो होता है लेकिन यह पचने में भारी होता है।
#3 अत्याधिक सेवन करने से नुकसान
जब आप इसका इसका अधिक मात्रा में सेवन करते हो, तो खिरनी का फल आपकी सेहत के लिए हानिकारक सिद्द हो सकता है।