पिछले कुछ सालों से नॉन स्टिक बर्तनों में खाना बनाने का चलन बहुत ही चला है। देखा गया है कि नॉन-स्टिक बर्तनों में खाना बनाना लोगों के लिए बहुत ही सुविधा जनक है। इस सबसे बड़ी खास बात यह है कि इसमें खाना बनाने से मसाला चिपकता नहीं हैं। नॉनस्टिक बर्तनों का इस्ते माल करने से तेल कम लगता है, खाना जलता नहीं है। धोने में भी बहुत ही सुविधानजनक है। इन सब फायदों के बावजूद भी नॉन स्टिक बर्तनों में खाना में खाना बनाना सेहत के लिए नुकसानदेह है। इसे बहुत ज्यादा गर्म करने से या इसकी सतह पर खरोंच आने से कुछ खतरनाक रसायन निकलते हैं, जिसका स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। विशेषज्ञ हमेशा इन बर्तनों को बहुत ज्यादा गर्म करने या जलते गैस पर छोड़ने की सलाह नहीं देते। आइए जानते हैं नॉन स्टिक बर्तनों के नुकसान के बारे में…
नॉन स्टिक बर्तनों के नुकसान
#1 दिल की बीमारी
दिल की बीमारी को बुढ़ापे का रोग माना जाता था, लेकिन बदलती जीवन शैली की वजह से आज इससे युवा भी प्रभावित होते हैं। एक अध्ययन के मुताबिक यदि आप नॉन स्टिक बर्तनों में खाना बनाते हैं तो हार्ट अटैक को आने के लिए न्यौता देते हैं। नॉन-स्टिक बर्तन में खाना बनाने से धीरे-धीरे शरीर में हाई ट्राईग्लेसिराइड फैट बढ़ने लगता है। यही फैट कई बार दिल की बीमारी कारण बनता है।
#2 थायराइड को बढ़ाए
भारत में थायराइड के रोगियों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है। खास तौर पर इससे महिलाएं प्रभावित होती हैं। नॉन स्टिक बर्तन में खाना बनाने से थायराइड की समस्या हो सकती है। यदि आप नियमित रूप से नॉन स्टिक बर्तन का इस्तेमाल करते हैं तो इससे परफ्लूरिनेटेड कम्पाउंड (पीएफओए) शरीर में पहुंच जाता है, जो थायराइड को बढ़ाने का काम करता है।
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#3 हड्डियों को पहुंचाए नुकसान
लगातार नॉन स्टिक बर्तनों का इस्तेमाल आपके हड्डियों को कमजोर कर सकता है। ऐसे बर्तनों में खाना बनाने से न केवल आयरन की कमी होती है बल्कि हड्डियों में दर्द होने लगता है।
#4 लिवर पर असर
हमारे बॉडी में लिवर का बहुत ही अहम रोल होता है। यदि लिवर खराब हो जाए तो शरीर की कार्य करने की क्षमता न के बराबर हो जाती है। लिवर की समस्या ज्यादातर बिगड़ते खान-पान की वजह से होती है। इसके अलाव नॉन स्टिक बर्तन भी आपके लिवर को खराब कर सकता है। ऐसे बर्तनों से टॉक्सि फ्यूम्स निकलती हैं, जो पेट को खराब करती हैं।
#5 प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर
शरीर को रोगों से दूर रखने के लिए इम्यून सिस्टम यानि रोग प्रतिरोधक क्षमता का मजबूत होना बहुत ही जरूरी है। नॉन-स्टिक बर्तन से निकलने वाला परफ्लूरिनेटेड कम्पाउंड (पीएफओए) शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर बनाने का काम करते हैं। ऐसे बर्तनों में खाना बनाने से शरीर में तरह-तरह की बीमारियां होने लगती हैं।
#6 कैंसर का भी है खतरा
नॉन स्टिक बर्तनों में खाना बनाना बंद कर दीजिए। यह कैंसर जैसी बड़ी बीमारी की वजह बन सकता है। इन बर्तनों में कैंसर को बढ़ावा देने वाले तत्व कारसीनोजेन पाए जाते हैं जो हमारे शरीर में पहुंचकर ब्रेस्ट कैंसर को भी बढ़ावा देते हैं। इसकी जगह आप लोहे या स्टील का प्रयोग में लाइए।