हेपेटाइटिस सी लिवर से जुड़ी एक ऐसी बीमारी है। जिससे लिवर में सूजन पैदा हो जाती है। यह सूजन हेपेटाइटिस सी वायरस के द्वारा पैदा होती है। इसे हेप सी या एचसीवी भी कहते हैं। हेपेटाइटिस के कई प्रकार होते हैं जैसे हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी यह यकृत को प्रभावित करते हैं। यह गंभीर बीमारी होती हैं।
शुरुआत में इसके लक्षणों को पहचाना बेहद कठिन होता है। लेकिन इसे बारे में जानना आपके लिए बेहद जरूरी होता है। हेपेटाइटिस सी छह महीने के कम समय तक रहता है यदि आपका रोग तीव्र है, तो आपका प्रतिरक्षक तन्त्र सामान्यतया वायरस शरीर से बाहर निकलने में समर्थ होता है और आप कुछ महीनों में पूरी तरह से ठीक हो जाते हो। यदि हेपेटाइटिस सी आपको छह महीने से अधिक समय तक रहता है और आपका प्रतिरक्षक तन्त्र इसका मुकाबला नहीं कर पाता, तब आपको हेपेटाइटिस सी संक्रमण जीवन भर के लिए हो जाता है। आइये हम आपको हेपेटाइटिस सी के कारण, लक्षण और निदान के बारे में विस्तार से जानकारी दें।
हेपेटाइटिस सी के कारण
हेपेटाइटिस सी प्रमुख रूप से लिवर कमज़ोर होने की स्थिति में होता है लिवर की कमजोरी और इसके खराब होने के कारण कुछ इस प्रकार से हैं।
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अधिक तेल युक्त भोजन का सेवन
अधिक मात्रा में तेल का सेवन करने से लिवर को नुक्सान होता है। चटपटे एंव मिर्च मसाले युक्त, बेसन और मैदे से बने हुए व्यंजनों का सेवन अधिक मात्रा में प्रयोग करना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।
धूम्रपान
किसी प्रकार का नशा या मांसाहार का सेवन लिवर के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इसका सेवन करने से लिवर में सूजन पैदा हो सकती है।
गरिष्ठ भोजन से दूरी
आपको ऐसा गरिष्ठ भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। जिसे पचाने में लिवर को अधिक मेहनत करनी पड़े। यदि वो खाना सक्षम नहीं है और उसका सेवन करने से लिवर पर दबाव पड़ता है। वो भोजन आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक सिद्द हो सकता है। इस स्थिति में भोजन पेट में ही सड़ने लगता है। जिससे कीटाणु बीमारी को पैदा करने लगते हैं।
दवाइयों का सेवन
दवाइयों का अत्याधिक सेवन लिवर की समस्याओं के लिए जिम्मेदार होता है। अधिक मात्रा में दवाइयों का सेवन करने से आपका लिवर खराब हो जाता है।
हेपेटाइटिस सी के लक्षण
हेपेटाइटिस सी के लक्षण कुछ इस प्रकार से हैं
• कमजोरी
• भूख न लगना
• वजन कम होना
• पुरुषों में छाती विकसित होना
• खून का थक्का जमने में कठिनाई
• हथेलियों पर घांव के निशान आदि।
हेपेटाइटिस सी का उपचार
हेपेटाइटिस सी का घरेलू और आयुर्वैदिक उपचार कुछ इस प्रकार से हैं…
1. तुलसी के पत्तें
तुलसी गुणों से भरपूर होने के कारण हेपेटाइटिस सी में बहुत फायदेमंद होती है। हेपेटाइटिस सी वाले रोगी को तुलसी के पत्तों का पेस्ट बनाकर गन्ने के रस में मिलाकर देने से लाभ प्राप्त होता है। इसका सेवन नियमित रूप से 20 से 21 दिन तक करना चाहिए।
2. शहद और कपूर
हेपेटाइटिस सी वाले रोगी को शहद में थोड़ा सा कपूर मिलाकर देना चाहिए। ऐसे में कपूर की मात्रा लगभग गेंहू के दाने जितनी होनी चाहिए।
3. हरे धनिये का प्रयोग
हरे धनिये को बारीक काट लें और फिर उसमें 8 से 10 तुलसी के पत्ते मिला लें। अब इसे 4 लीटर पानी में तब तक उबालें। इस पानी को तब तक उबालें जब तक यह पानी 1लिटर न रह जाएं।
4. डाइट
हेपेटाइटिस सी के रोगियों को अपनी डाइट में नींबू, छुहारे, इलाइची, बादाम, किशमिश, आंवला, पालक, टमाटर के अलावा और भी अन्य फलों को शामिल करना चाहिए।
5. पानी का सेवन
हेपेटाइटिस सी में रोगियों को अधिक से अधिक पानी का सेवन करना चाहिए। इसके साथ फलों का रस और सूप भी पीना चाहिए।
6. मूली का रस
मूली के रस से शरीर को ताकत मिलती है इसलिए मूली के रस में तुलसी के पत्ते को मिलाकर पीना चाहिए।
7. जंक फूड से दूरी
फास्ट फूड और जंक फ़ूड से दूरी बना कर रखनी चाहिए।
ध्यान देने योग्य बातें
• बच्चों के लिए हेपेटाइटिस सी के लिए विशेष टीका उपलब्ध होता है।
• हेपेटाइटिस संक्रमित इंजेक्शन, रेजर आदि का प्रयोग आपको संक्रमित कर सकता है।
• संक्रमित व्यक्ति से संबंध बनाना, टैटू बनवाना, कान या नाक छिदवाते समय सावधानी बरतनी चाहिए।