डिप्रेशन किसी बीमारी का नाम नहीं है और न ही यह कोई दिमागी फतूर होता है। यह एक ऐसी मानसिक हालत होती है। जिसमें इन्सान की सोचने समझने की शक्ति कम हो जाती है। वह किसी भी प्रकार का सही डिसीजन नहीं ले सकता। देखा जाए तो डिप्रेशन ने एक बीमारी का रूप धारण कर लिया है। जिसने बच्चों से लेकर बूढों को अपनी चपेट में ले लिया है। इसका मुख्य कारण होता है। दुःख जब भी हम अधिक दुखी हो जाते हैं तो हम अपना मानसिक संतुलन खो देते है। जिसके कारण हम डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं।
डिप्रेशन में आने के बाद लोग में चिड़चिड़ापन आ जाता है साथ ही वो अकेला रहना पसंद करते हैं। इससे उनकी मनोदशा स्वाभिक रूप से परिवर्तन होता हैं साथ ही यह दिमाग की शारीरिक और मानसिक स्तिथि को भी प्रभावित करता है। कुछ लोग मौसम में अवसाद महसूस करते हैं जबकि कुछ उनके जीवन में घटी हुई दुर्घटना के बाद डिप्रेशन में आ जाते हैं। डिप्रेशन में आने के बाद व्यक्ति का सारा जीवन तवाह होने लगता है। ऐसा न हो इसके लिए आज हम आपको कुछ ऐसे आयुर्वेद उपचार बतायेंगे। जिसको करके आप आसानी से डिप्रेशन में बाहर निकल सकते हो। आइये जानते हैं डिप्रेशन को दूर करने वाले आयुर्वेद उपचार के बारे में।
डिप्रेशन दूर करने के तरीके – आयुर्वेदिक उपचार
आयुर्वेद में बहुत सी अलग अलग जड़ी बूटियाँ देखने को मिलती है। ऐसे में हमें डिप्रेशन या अवसाद के उपचार के लिए दूर जाने की जरूरत नहीं होती, बल्कि यह हमें आसानी से मिल जाती है और यह अवसाद में भी बेहतर तरीके के साथ काम करती है।
1. डिप्रेशन में तुलसी के पत्ते
तुलसी को सबसे पवित्र जड़ी बूटी माना जाता है। इसे जड़ीबूटियों की रानी भी कहा जाता है। तुलसी के पत्ते तनाव को दूर करते हैं। तुलसी की पत्तियाँ तनाव के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करती है। तुलसी की दस से बारह पत्तियों को दिन में दो बार चबाने से तनाव को दूर किया जा सकता है साथ ही इसका सेवन करके रक्त को शुद्द भी किया जाता है। इसके अलावा तुलसी की पत्तियों के साथ चीनी, दालचीनी और सूखे अदरक जड़ों के साथ पानी डालकर एक मिश्रण तैयार करें। इस मिश्रण का सेवन दिन में पांच बार करें। इस प्रकार करने से आप डिप्रेशन से बाहर आ जाओगे।
2. डिप्रेशन में इलाइची
यदि आप किसी चिंता में हैं या अकेलापन महसूस कर रहे हैं। ऐसे में आप डिप्रेशन का शिकार हो सकते हैं। तनाव मुक्त रहने में इलाइची आपकी बहुत मदद करती है। इसको जब आप चबाते है या चाय में डालकर पीते हैं। तब आपके हार्मोन्स बदल जाते हैं जिससे आपका मन शांत हो जाता है।
3. डिप्रेशन में काली मिर्च
काली मिर्च में पिपेरिन सेरोटोनिन उत्पादन में वृद्दि करके एक एंटी डिप्रेशन के रूप में कार्य करता है। काली मिर्च का सेवन करने से तनाव कम होता है और कल्याण की भावना पैदा हो जाती है। जिससे चिंता और उदासी कम हो जाती हैं इसलिए अपने दैनिक भोजन में काली मिर्च का उपयोग करना चाहिए। इससे मूड बेहतर होने के साथ साथ सकरात्मक विचार भी पैदा होते हैं।
4. डिप्रेशन में अदरक
यदि आप डिप्रेशन का शिकार हो रहें हैं और आप इलाइची को पसंद नहीं करते। तब आप अपनी चाय में अदरक डाल सकते हैं। अदरक में ऐसे गुण मौजूद होते हैं जो आपका अवसाद कम करने में मदद करते हैं।
5. डिप्रेशन में नींबू
नींबू भले ही आयुर्वेद औषधि नहीं है, लेकिन इसमें ऐसे गुण मौजूद होते हैं जो आपके अवसाद को कम करके आपके मन को खुश करने में सहायक होते हैं। इसके लिए नींबू को निचोड़ कर चीनी के साथ खाएं कुछ ही समय में आपका मन ठीक हो जायेगा।
6. डिप्रेशन में ब्राह्मी
ब्राह्मी एक लोकप्रिय आयुर्वैदिक पौधा होता है। तनाव और चिंता से राहत पाने के लिए ब्राह्मी की पत्तियों को चबाएं। ब्राह्मी में कुछ ऐसे सक्रिय तत्व मौजूद होते हैं जो हमारे शरीर के हार्मोन पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। जिससे हमारा दिमाग शांत हो जाता है।
7. डिप्रेशन में हल्दी
हल्दी मौसमी अवसाद में प्रभावी ढंग से उपचार करने में मदद करती है। यदि आप मौसम परिवर्तन के साथ उदास रहने लगते हैं। तब आप गर्म दूध में हल्दी डालकर ले सकते हैं। इसका सेवन कम से कम एक सप्ताह तक करना चाहिए।
8. डिप्रेशन में जटामासी
जटामासी अवसाद या डिप्रेशन को दूर करने वाली एक आयुर्वैदिक जड़ी बूटी है। यह जड़ी बूटी अवसाद ग्रस्त भावनाओं को मन से दूर करने में मदद करती है।