तुलासान एक ऐसा आसन है जिसको करते समय इंसान का शरीर तुला अर्थात तराजू के समान हो जाता है। जब मनुष्य तुलासन को करता है तब वो अपने शरीर का सारा भार अपने हाथों की मुठियों पर उठाने का अभ्यास करता है। यहीं कारण है कि हम इसे तुलासन के नाम से जानते हैं। इस आसन को उतनी ही देर करना चाहिए, जितनी देर आपका शरीर इसे कर सकें।
तुलासन करने से शरीर का संतुलन बना रहता है साथ ही इससे बाजुएँ मजबूत होती है। तुलासन के फायदे जानने से पहले इसको सही तरीके के साथ करने की विधि के बारे में जानना भी आवश्क है। तुलासन प्रथम बार करने में बहुत मुश्किल जरुर होती है। लेकिन जब आप इसे नियमित अभ्यास के साथ करते हैं तब आप एस आसन को सही तरीके के साथ कर सकते हैं। आइये जानते हैं तुलासन के फायदे और इसको करने की विधि के बारे में।
तुलासन योग करने की विधि
- तुलासन करने के लिए सबसे पहले चटाई बिछाएं।
- अब आप चटाई पर पलथी मारकर कमल मुंद्रा में बैठ जाएं।
- अपने हाथों को चटाई पर अपने कूल्हों के बगल में रखें। आपको कलाइयां आगे की ओर और उगलियाँ फैली हुई होनी चाहिए।
- अब गहरी साँस लें।
- धीरे-धीरे साँस लें और सांस लेते हुए अपने शरीर को ऊपर उठाने की कोशिश करें।
- अपने शरीर को उतना ही ऊपर उठायें जितना आप उठा सकते हो।
- अब धीरे-धीरे साँस को बाहर निकालने हुए अपने शरीर को वापिस पहले वाली अवस्था में लें आयें।
- इस आसन को करते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि आपके हाथ बिल्कुल सीधे होने चाहिए।
- इस आसन को शरीर की क्षमता और सुविधा अनुसार 4 से 5 बार दोहरायें।
तुलासन योग के फायदे
आइये जानते हैं तुलासन के फायदे के बारे में
- तुलासन के फायदे में सबसे बड़ा फायदा यह हैं कि इससे रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।
- तुलासन करने से मांसपेशियां लचकदार होती है।
- प्रतिदिन तुलासन करने से बाजुएं, हथेलियां और कलाइयां मजबूत होती है ।
- इससे पेट की चर्बी कम होती है और आपकी पाचन क्रिया दुरुस्त होती है।
- इसको करने से मानसिक तनाव दूर होता है और आपका मन शांत हो जाता है।
- यदि किसी कारणवश पैर में सूजन, सुन्नपन, जकड़न या हल्का सा दर्द हो तो इस आसन को करने से आपको आराम मिलता है।
- यह आसन शरीर का संतुलन बढ़ाता हैं।
- तुलासन शरीर के हर रोग और दर्द से मुक्ति दिलाता है।
- इससे करने से दिमाग शांत रहता है।
तुलासन योग में सावधानियां
- यदि आपके कूल्हों और जांघों में दर्द हो रहा हो तो इस आसन को नहीं करना चाहिए।
- अगर आपके घुटनें या एड़ी में किसी कारण से चोट लगी है तो आपको इस आसन से दुरी बना कर रखनी चाहिए।
- कलाई या कंधे में चोट लगने पर भी इस आसन को नहीं करना चाहिए।