शतावरी का उल्लेख आयुर्वेद में किया जाता है, क्योंकि यह एक औषधीय पौधा है। इसका उपयोग कई रोगों के इलाज के लिए किया जाता है। आज हम शतावरी के फायदे के बारे में आपको बताएंगे, लेकिन उससे पहले इसके गुणों के बारे में जानना भी आपके लिए अति आवश्यक हैं। शतावरी में ऐसे कई तरह के गुण होते हैं, जो हमारी हर बीमारी को ठीक कर सकते हैं। शतावरी एक झाड़ीनुमा पौधा होता है। इसके फूल मंजरियों में एक से दो इंच लंबे एक या गुच्छे में लगते हैं। इसकी लता खूबसूरत होने के कारण लोग इसे अपने घरों के गमले में लगाना पसंद करते हैं।
आयुर्वेद के आचार्य के अनुसार शतावरी पुराने से पुराने रोगी के शरीर में रोग के खिलाफ लड़ने की क्षमता प्रदान करती है। आयुर्वेद में शतावरी की पत्तियों और जड़ों को शुक्रजनन, शीतल, मधुर और द्रिव्य रसायन माना जाता है। महर्षि चकर ने भी शतावर को बल्य और वय: स्थापक माना है। शोध में भी शतावरी की जड़ को ह्रदय रोगों के लिए प्रभावी मान चुके हैं।
शतावरी गुणों में भारी होने के साथ-साथ स्वाद में कड़वी व मधुर, रसायन गुणों में भरपूर वायु और पित्त नाशक, पुरुषों में शक्ति, स्त्रियों के स्तनों में दूध बढ़ाने वाली, नेत्र ज्योति, स्मृति, पाचन, बुद्दि बढ़ाने वाली, स्नायु रोग नाशक, गुर्दे की बीमारी आदि में लाभकारी होती है। आइये जानते है शतावरी के फायदे के बारे में।
शतावरी के फायदे
1. नींद न आने की समस्या
पूरी नींद लेना सेहत के लिए आवश्यक है। ऐसे में यदि आपको नींद को लेकर किसी तरह की परेशानी हैं तो शतावरी की जड़ को खीर के रूप में पका लें और इसमे थोड़ा गाय का घी डालें। इससे आप तनाव से मुक्त हो जायेगें और आपको अच्छी नींद भी आयेगी।
2. अतिरिक्त वजन कम करें
महिलाओं में मासिक के दौरान पानी की मात्रा अधिक लेने के कारण वजन अधिक बढने लगता है। ऐसे में यदि महिलाएं शतावरी का सेवन करती है तो वो अपने वजन को कम कर सकती है।
3. माइग्रेन
शतावरी की ताज़ी जड़ को लें और उसे मोटा मोटा कूट लें। अब इसका रस निकाल लें शतावरी का रस और बराबर मात्रा में तिल का रस लें और इसे पकाएं। इस मिश्रण का इस्तेमाल करने से माइग्रेन जैसे सिर दर्द में लाभ मिलता है।
4. ब्रेस्ट मिल्क बढाएं
प्रसूता माता को यदि दूध न आ रहा हो या फिर उसे दूध कम आ रहा हो, तब शतावरी की जड़ों का चूर्ण उसे दिन में कम से कम चार बार लेते रहना चाहिए।
5. मधुमेह
शतावरी के फायदे में एक फायदा यह है कि शतावरी मधुमेह के रोगियों के लिए फायदेमंद होती हैं। मधुमेह के रोगियों को शतावरी की जड़ों के चूर्ण का सेवन शक्कर युक्त दूध के साथ करना चाहिए।
6. शक्ति वर्धक
शतावरी हमारे शरीर को शक्ति प्रदान करता है। इसके लिए शतावरी के पत्तों का रस दो चम्मच दूध में मिलाकर पीना चाहिए।
7. पेशाब में खून
अगर आपके पेशाब में खून आता है तो आपको शतावरी का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए। इससे आपके पेशाब में खून आने की समस्या ठीक हो जाएगी।
8. प्रदर रोग
नियमित रूप से तीन दिन तक शतावरी का चूर्ण लगभग पांच से दस ग्राम की मात्रा में शुद्द घी में डालकर चाटने से प्रदर रोग से मुक्ति मिल जाएगी।
9. बुखार और जलन
शतावरी ठंडी होने के कारण बुखार, जलन और पेट के अल्सर को दूर करने में सहायक होती है।
10. बीमारियों का नाश करे
यह ऐसी जडी बुटी है जो टाइफाइड, हैजा, बुखार ईकोलाई से लडती है। यह बैक्टीरिया शरीर में डायरिया और मतली पैदा करते हैं।
11. सुन्दरता निखारे
शतावरी में विटामिन ए मौजूद होता है जो हमारी त्वचा को सुंदर बनता है। इसका नियमित रूप से इस्तेमाल करने से चेहरे की झुर्रियां साफ हो जाती है।
12. घाव भरे
शतावरी की पत्तियों की कलख बनाकर घाव वाले स्थान पर लगायें। इससे घाव जल्दी भरकर ठीक हो जाता है।