बीमारियां

क्या है ऑस्टियोपोरोसिस – जानें लक्षण, कारण और उपचार

क्या है ऑस्टियोपोरोसिस - जानें लक्षण, कारण और उपचार

50 की उम्र पार करते ही एक बीमारी का सामना ज्यादातर महिलाओं को करना पड़ता है। वह बीमारी है ऑस्टियोपोरोसिस यानी हड्डियों का कमजोर होना। पहले यह बीमारी बुढ़ापे में ज्यादा होती थी लेकिन जीवनशैली में बदलाव के चलते इस बीमारी से युवा वर्ग भी प्रभावित हो रहा है। आइए जानते हैं ऑस्टियोपोरोसिस के कारण, लक्षण और उपचार के बारे में…

क्या है ऑस्टियोपोरोसिस ?

ऑस्टियोपोरोसिस का शाब्दिक अर्थ पोरस बोन्स है। अर्थात ऐसी बीमारी, जिसमें हड्डियों की गुणवत्ता और घनत्व बहुत ही कम होता जाता है। ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी बीमारी है जहां हड्डियां कमजोर हो जाती हैं जिसमें हड्डियां आसानी से टूट जाती हैं। इसमें मुख्य रूप से नितंब, बांह की कलाई और रीढ़ की हड्डियां प्रभावित होती हैं। इसे साइलेंट डिजीज भी कहा जाता है। ऑस्टियोपोरोसिस रोग में हड्डियां इस कदर कमजोर हो जाती हैं कि उठने, बैठने और झुकने में बहुत ही दिक्कत आती है। इसमें हड्डियां टूटने की संभावना रहती है। यह ज्यादातर उन महिलाओं को होता है जो 50 की उम्र को पार कर चुकी हैं। इस बीमारी के होनी की संभावना हर तीन में से एक महिला को रहती है। हालांकि ऑस्टियोपोरोसिस बीमारी हर पांच में से एक पुरुष को भी होती है।

क्या है ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण

ऑस्टियोपोरोसिस - जानें लक्षण, कारण और उपचार

सामान्य तौर पर शुरुआत में ऑस्टियोपोरोसिस के कुछ खास लक्षण नहीं दिखाई देते, लेकिन जब अक्सर कोई मामूली सी चोट लग जाने पर भी फ्रैक्चर होने लगे, तो यह ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण माने जाते हैं। ओस्टियोपोरोटिक फ्रैक्चर उन स्थितियों में होते हैं, जहां नितंब, बांह की कलाई और रीढ़ की हड्डियां जल्दी से फ्रैक्चर हो जाती है। बहुत जल्दी थक जाना, शरीर में बार-बार दर्द होना, खासकर सुबह के वक्त कमर में दर्द होना इसके लक्षणों में शामिल है।

ऑस्टियोपोरोसिस के क्या है कारण ?

आपको मालूम हो कि हमारी हड्डियां कैल्शियम, फॉस्फोरस और प्रोटीन के अलावा कई प्रकार के मिनरल्स से बनी होती हैं। लेकिन अनियमित जीवनशैली, व्यायाम न करना, बढ़ती उम्र, धूम्रपान, डायबिटीज, थाइरॉयड, शराब का सेवन, विटामिन डी कमी और बढ़ती उम्र के साथ ये मिनरल नष्ट होने लगते हैं, जिस वजह से हड्डियां कमजोर होने लगती है। कई बार ये हड्डियां इतनी कमजोर हो जाती हैं कि काई छोटी सी चोट भी फ्रैक्चर का कारण बन जाती है।

हड्डियों की मजबूती – घरेलू नुस्खे और उपचार

महिलाओं को होता है खतरा

सामान्य रूप से ऑस्टियोपोरोसिस उन महिलाओं को होता है जो 40 के बाद मेनोपॉज की शिकार होती हैं। मेनोपॉज से उनके शरीर में कैल्शियम की कमी होने लगती है। मेनोपॉज तब होता है जब महिलाओं एस्ट्रोजन की कमी होती है। यह एक तरह का हार्मोन होता है जो महिलाओं को हड्डियों के साथ दिल की बीमारी से भी बचाता है।

ऑस्टियोपोरोसिस – क्या है उपचार

ऑस्टियोपोरोसिस होने का मुख्य कारण हड्डियों में कैल्शियम की कमी होती है। वैसे डॉक्टर गर्भवती और दूध पिलाने वाली महिलाओं को अलग से कैल्शियम लेने की सलाह देते हैं लेकिन जब बात एक सामान्य महिला की होती है तो उन्हें अलग से कैल्शियम लेने की जरूरत नहीं पौष्टिक भोजन, नियमित रूप से व्यायाम करना और सक्रियता के साथ जीवन जीना उनकी कैल्शियम की कमी को पूरा कर देगा। हालांकि 45 साल की उम्र के बाद डॉक्टर की सलाह से अलग से कैल्शियम लिया जा सकता है। आइए जानते हैं इसके उपचार!

1. ऑस्टियोपोरोसिस बीमारी को खूद से दूर करना है तो नियमित रूम से व्यायाम कीजिए। खासकर वह व्यायाम जिससे हड्डियां मजबूत होती हों।
2. हड्डियों की मजबूती के लिए शारीरिक गतिविधियों में भाग लें। इसके लिए जॉगिंग, जंपिंग और स्किपिंग का सहारा लें।
3. साइक्लिंग, वाकिंग, एरोबिक या स्ट्रेचिंग का भी सहारा लिया जा सकता है।
5. योग में आप तड़ासन, कटिचक्रसान और भुजंगासन आदि को कर सकते हैं।

डिसक्लेमर : Sehatgyan.com में जानकारी देने का हर तरह से वास्तविकता का संभावित प्रयास किया गया है। इसकी नैतिक जिम्मेदारी sehatgyan.com की नहीं है। sehatgyan.com में दी गई जानकारी पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। अतः हम आप से निवेदन करते हैं की किसी भी उपाय का प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से सलह लें। हमारा उद्देश्य आपको जागरूक करना है। आपका डाॅक्टर ही आपकी सेहत बेहतर जानता है इसलिए उसका कोई विकल्प नहीं है।

Leave a Comment