गर्भवस्था के पांचवे सप्ताह से दूसरा महीना माना जाता है। ऐसे में प्रेग्नेंट महिला को अपने खानपान पर ध्यान देना चाहिए। इस दौरान आपके शरीर में पौष्टिक चीजों का होना बहुत ही जरूरी है। इस दौरान न्यूरल ट्यूब, विकसित होना शुरू होती है और बाद में बच्चे का दिमाग, रीड की हड्डी और तंत्रिकाओं का विकास होने लगता है। इसलिए, डाइट के लिहाज प्रेग्नेंसी का दूसरा महीना बहुत ही खास है। आइए जानते हैं दूसरे महीने में गर्भवती महिला को क्यों चीजों को खाना चाहिए और किन चीजों से दूरी बनाकर रखना चाहिए।
प्रेग्नेंसी का दूसरा महीना – क्या खाएं
आयरन
मानव शरीर में आयरन इसलिये जरूरी है क्योंकि यह जीवन के लिये जरूरी ऑक्सीजन को फेफड़ों से शरीर के अन्य अंगों तक पहुंचाती है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत होती है। गर्भाव्स्था के दौरान रोजाना 27 एमजी आयरन का सेवन जरूर करें। यह थकान दूर करने के साथ खून की कमी को पूरा करता है। पालक, सरसों का साग, शलगम का साग, मेथी का साग, फूलगोभी का हरा हिस्सा, पुदीना, मूली के पत्ते और प्याज की कलियां आदि शामिल है।
कैल्शियम
हड्डियों को स्वस्य्क रखने में सहायक और रक्त कोशिकाओं के निर्माण के लिये आवश्यक कैल्शियम स्त्री-पुरुष, बच्चे बुढ़े जवान हर किसी के लिए एक जरूरत है। इसकी कमी की वजह से हमें कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ता है। गर्भवस्था के दूसरे महीने से बच्चे की हड्डियां बनना शुरू होती हैं। इसलिए आपको रोजाना 1000 एमजी कैल्शियम लेना चाहिए। इसके लिए आप डेयरी फूड दूध, पनीर, दही और अंडे खा सकती हैं। इसके अलावा आप अमरूद, सीताफल, अनार, नासपाती, अंगूर, केला, खरबूजा, जामुन, आम और संतरा का भी सेवन करें।
गर्भावस्था में फोलिक एसिड क्यों खाते हैं ?
डॉक्टरों के मुताबिक गर्भावस्था में फोलिक एसिड लेना बहुत ही जरूरी है। आपको बता दें कि एनीमिया रोग यानि खून की कमी लौह तत्व, विटामिन बी12, फोलिक एसिड की कमी के कारण होता है। वैसे फोलिक एसिड को प्रेग्नेंसी के शुरुआती कुछ सप्ताहों में लेना जरूरी है, यह न्यूरल ट्यूब को सामान्य रूप से विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। फोलिक एसिड के स्रोत गहरे हरे रंग की पत्तेदार सब्जियों, संतरों, साबुत अनाज और दाल जैसे खाद्य पदार्थ हैं।
प्रोटीन भी है जरूरी
गर्भावस्था के दौरान मस्तिष्क प्रोटीन के स्तर में कमी की वजह से माताओं में अवसाद और बच्चे के जन्म के समय कम वजन में जैसी दिक्कतें पैदा हो सकती हैं। प्रोटीन के सेवन से बच्चे को जरूरी ब्लड सप्लाई होती है और बच्चे की मांसपेशियां विकसित होती हैं। आपको कम फैट वाले चना, मटर, सोयाबीन, पनीर, फलिया और अखरोट में अधिक प्रोटीन मिलेगा। आपको रोजाना 75 से 100 ग्राम प्रोटीन का सेवन करना चाहिए।
प्रेग्नेंसी में महिलाओं नहीं खाना चाहिए ये खाद्य पदार्थ
शराब
गर्भावस्था के दौरान शराब का उपभोग खतरनाक है, क्योंकि इससे बच्चे के जन्म में समस्या हो सकती है। इसलिए इससे दूर ही रहें तो अच्छा रहेगा
पाश्चुरीकृत दूध नहीं तो न पीएं
यदि दूध पाश्चुरीकृत नहीं है, तो इसका उपयोग नहीं करें। इस तरह के दूध में सूक्ष्मजीवों और रोगजनकों का जोखिम होता है जो आपके स्वास्थ्य को खतरे में डालते हैं। ऐसे दूध में हानिकारक जीवाणु हो सकते हैं।
कच्चे अंडे का सेवन
कच्चे और अधपके अंडे गर्भावस्था के दूसरे महीने में नहीं खाने चाहिए क्योंकि इनसे इन्फेक्शन का खतरा रहता है। यह आपके और आपके बच्चे के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।