धूम्रपान एक ऐसी जानलेवा आदत है, जो पूरी दुनिया में तेजी से फैल रही है। यह फेफड़े रोग के आलवा कई अन्य रोगों को जन्म देता है। यह शरीर के लगभग प्रत्येक अंग को हानि पहुंचाता है। समूचे विश्व में प्रतिवर्ष धूम्रपान के कारण लगभग 30 लाख लोग कालचक्र के मुंह में समा जाते हैं। अकेले भारत में प्रतिवर्ष 9 लाख लोग धूम्रपान के कारण मरते हैं, जिनमें से 90 प्रतिशत लोगों की मृत्यु कैंसर के कारण होती है।
यह बुरी आदत न केवल धुम्रपान का सेवन करने वालों को प्रभावित करती है बल्कि इससे बच्चे भी प्रभावित होते हैं। आइए जानते हैं धुम्रपान करने से बच्चों पर क्या असर पड़ता है।
धुम्रपान करने से बच्चों की सेहत पर ये 7 नुकसान
करते हैं बड़ों की नकल
बच्चों की नकल उतारते हुए आपने बड़ों को देखा होगा। घरों पर अक्सर हम बच्चे बनकर हंसी-मजाक कर लेते हैं। लेकिन जब बच्चों अपने बड़ों की नकल उतारते हैं, तो इससे बेहतर लम्हा कोई नहीं होता। लेकिन यही बच्चे जब बड़ों की गलत आदतों को देखते हैं तो बड़े होकर उसे अपनी जिंदगी में उतारते हैं, जैसे सीगरेट पीना। बचपन बड़ों के सिगरेट पीने के माहौल देखने के बाद इसकी संभावना रहती है कि बच्चे भी बड़े होकर धूम्रपान करने के आदी हो जाते हैं।
कानों में होता है संक्रमण
देखा जाए तो बड़ों की तुलना में बच्चों में कान का संक्रमण तेजी से होता है क्योंकि बच्चों के कानों की सफाई बेहद कम होती है। इसके पीछे और भी कई कारण है। आपको बता दें कि घर में सिगरेट का धुंआ भरा होने की वजह से बच्चों के कानों में संक्रमण होने का खतरा हमेशा रहता है।
बच्चों को कफ की समस्या
कोल्ड और कफ एक ऐसी बीमारी है जो किसी को भी, कभी भी हो सकती है। इससे ज्यादातर बच्चे प्रभावित होते हैं। इसके पीछे का कारण है बच्चों का कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली। वैसे बड़ों द्वारा धुम्रपान की वजह से भी बच्चों को कफ बहुत बनता है, जिससे उन्हें सांस लेने में तकलीफ होती है।
विकास पर नकारात्मरक असर
बच्चे का विकास एक सतत प्रक्रिया है, जो एक निश्चित क्रम के अनुसार प्रगति करती है। अगर घर का कोई सदस्य् धूम्रपान करता है तो बच्चों के विकास पर नकारात्मक असर पड़ता है। बच्चे बुरी आदतों की ओर बढ़ने लगते हैं। सिगरेट उनके स्वस्थ्य को तो बिगाडेगा साथ ही उन्हें उदासीनता की ओर ढकेल देता है।
अकस्मात मृत्यु का खतरा
बच्चों का शरीर बड़ों के मुकाबले काफी नाजुक होता हैं। वह इंफैक्शन की चपेट में जल्दी ही आ जाते हैं। यदि बच्चों के पास धूम्रपान करते हैं तो बच्चों में अकस्मात मृत्यु खतरा बढ़ जाता है क्योंकि उनमें ऐसे सिंड्रोम डेवलप हो जाते हैं।
हो सकता है निमोनिया और ब्रोनकाईटिस
छोटे बच्चों को ठंड बड़ी जल्दी लग जाती है। जिसकी वजह से वे कई तरह के रोगों से ग्रसित हो जाते हैं। ऐसा ही एक रोग है निमोनिया। लेकिन यदि आप बच्चों के नजदीक धूम्रपान करते हैं तब भी उन्हें निमोनिया और ब्रोनकाईटिस हो सकता है।
गर्भावस्था में धूम्रपान
गर्भवती महिलाएं धुम्रपान न करें। इससे न सिर्फ प्रसव के समय समस्याएं आती हैं बल्कि उनके होने वाले बच्चे में भी विकृतियां उत्पन्न हो सकती हैं यानी धूम्रपान जन्में बच्चे को प्रभावित करता है। चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि गर्भावस्था में धूम्रपान से बच्चे को दमा ( अस्थमा ) होने का खतरा हो सकता है। इसके अलावा एक अध्ययन से पता चला है कि गर्भावस्था में धूम्रपान करने वाली माताओं के बच्चे किशोरावस्था में मोटापे का शिकार हो सकते हैं।