जिंदगी को खुशी से जीने वाला अचानक कब डिप्रेशन का शिकार हो जाए किसी को पता नहीं चलता। यह एक ऐसी बीमारी है जिसके आने का अंदाजा कोई नहीं लगा सकता। आपने भी कभी ध्यान दिया होगा कि आपका कोई दोस्त या परिजन बहुत उदास दिखता है और लंबे समय तक थका हुआ या सुस्त नजर आता है? आप उसकी परेशानी को ज्यादा गंभीरता से नहीं लेते, लेकिन जब मनोचिकित्सक के जरिए आपको पता चलता है तब आप हैरान हो जाते हैं। आपको बता दें डिप्रेशन एक मनोवैज्ञानिक समस्या है, पर इसका व्यक्ति के शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए इसे केवल उदासी और मन से जुड़ी मामूली समस्या समझकर नजरअंदाज न करें।
अपने जीवन में हर कोई कभी न कभी, किसी न किसी वजह से परेशान जरूर हो जाता है। वह उस परेशानी के बारे लगातार सोचने लगता है। यही सोच जब लंबे समय के लिए हो जाती है तो वह डिप्रेशन के शिकार बन जाता है। वैसे तो डिप्रेशन के बहुत से कारण है लेकिन मुख्य रूप से समय के साथ बढ़ते घरेलू विवाद, कार्य की व्यस्तता, आपसी मतभेद, दूसरों से आगे निकलने की होड़, अपने मनोनुकूल कार्य का न होना, लंबे समय से किसी से न मिलना आदि हो सकता है। वैसे डिप्रेशन का कारण हर किसी के लिए अलग-अलग हो सकता है।
आइए जानते हैं कि हल्दी और नींबू के जरिए कैसे डिप्रेशन की समस्या को कम किया जा सकता है।
नींबू और शहद है गुणकारी
डिप्रेशन की बीमारी में मनोविशेषज्ञ से सलाह लेना ही सबसे सही माना जाता है, लेकिन प्राकृतिक उपचार भी प्रभावी समाधान देता है। कई शोधों से पता चलता है कि हल्दीउ कई बीमारियों में कारगर सिद्ध हुआ है। अल्जा इमर, पर्किंसन, कैंसर और बैड कोलेस्ट्रॉल की तरह डिप्रेशन के इलाज में हल्दी मदद कर सकती है। उसी तरह नींबू को भी कुदरत की एक अच्छी देन माना गया है। विटामिन सी से भरपूर नींबू में एंटीबॉयोटिक गुण पाए जाते हैं, जो शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है। यह एक औषधि है जिसका गर्मी में सेवन एक अमृत के समान माना जाता है।
डिप्रेशन में नींबू और हल्दी के फायदे
एक बर्तन में 4 कप पानी लेकर इसमें 1 नींबू का रस, दो बड़े चम्मच हल्दी पाउडर, 4 बड़े चम्मच शहद या मेपल सीरप लेकर इन्हें अच्छी तरह से मिक्स करें। इस मिश्रण का सेवन अपनी सुविधा के अनुसार करें। आप चाहें तो इसे दिन में 2 या 3 बार ले सकते हैं। इसका सेवन करने से डिप्रेशन में राहत मिलेगी।