आयुर्वेदिक उपचार

आरारोट के आयुर्वेदिक फायदे

Arrowroot health benefits in hindi

अरारोट अंग्रेजी के शब्द ऍरोरूट का बिगड़ा हुआ नाम है। चूंकि यह एक प्रकार की जड़ होती है। इस वजह से इसका नाम ऍरोरूट पड़ा। इसे वैज्ञानिक भाषा में ‘मैरेंटा अरुंडिनेशी’ कहते हैं। आरारोट दिखने में मूली के समान दिखता है और यह मूली की तरह ही भूमि में पाया जाता है। लेकिन इससे प्राप्त स्टार्च की मात्रा इसको अन्य से अलग करती है। आरारोट के स्वास्थ्य लाभ के बारे में कम ही लोगों को मालूम होता है। यह एक तरह का हर्बल पाउडर है जो सदियों से स्वस्थ लाभ के लिए इस्तेमाल होता आ रहा है। आरारोट को बहुत से बच्चों के खाद्य पदार्थो में डाला जाता है क्योंकि यह शरीर में होने वाले दर्द से भी राहत दिलाता है। अरारूट का स्टार्च बहुत छोटे दानों का और सुगमता से पचनेवाला होता है। इस गुण के कारण इसका उपयोग बच्चों तथा रोगियों के भोजन के लिए विशेष रूप से होता है। इसलिए आररोट को रोजाना बतौर डाइट इस्तेमाल करना चाहिए। आरारोट से चोको आरारोट से कई तरह ही डिश बनायी जाती हैं।

अरारोट सेहत के लिए बहुत ही प्रभावशाली है। यह न केवल आपके वजन को कम करने में सहायक है बल्कि पेट के दर्द को कम, जन्म दोष को दूर करने, मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देने, परिसंचरण को बढ़ाने, रक्तचाप कम करने, और एक स्वस्थ पाचन तंत्र को बढ़ावा देने का काम करता है।

उच्च पोषक तत्वों से भरपूर अरारोट का इतिहास बहुत ही पुराना है। सालों से इसका प्रयोग हर्बल दवाइयों को बनाने में किया जाता रहा है। स्वास्थ्य के विशेषज्ञों की माने तो अरारोट कई अलग-अलग स्वास्थ्य की स्थितियों में एक उपचार के तौर पर काम करता है। मूलतः अरारोट का पाउडर ब्रेड, पास्ता और केक बनाने के लिए एक स्वस्थ और अच्छा विकल्प माना गया है।

आरारोट के लाभ

आरारोट के पाउडर को त्वचा पर टेलकम पाउडर और मॉश्चराइज के तौर पर इस्तेमाल करने पर साफ और सुंदर त्वचा मिलती है। वहीं आरारोट के उपयोग से कोलेस्ट्राल की मात्रा नियंत्रित रहती है। आरारोट शरीर में होने वाले दर्द से राहत दिलाता है। आरारोट में अमिलोपेक्टिन और अमीलोसे नामक 2 स्टार्च पाये जाते हैं, जो कैलोरी में कम और प्रोटीन मे ज्यादा होते हैं। यह उनके लिए बहुत लाभदायक है जो अपना वजन कम करना चाहते हैं। आरारोट में भूर्ण के विकास में मदद करने के साथ ही कोशिकाओं के निर्माण में भी मदद करता है। इसी वजह से गर्भवती महिलाओं को आरारोट खाने की सलाह दी जाती है। आरारोट पाचन तंत्र को सुधारने में मदद करता है। घाव भरने में भी आरारोट एक बेहतरीन दवा की तरह उपयोग में लाया जाता हैं। मसूड़ों में खून आने पार भी उपयोग में लाने पर आरारोट काफी फायदेमंद होता है।

आयुर्वेद में आरारोट का लाभ

आयुर्वेद में भी आरारोट के उपयोग को बहुत ही लाभकारी करार दिया है। आयुर्वेद के मुताबिक आरारोट से पित्तजन्य रोग, आंखों के रोग, जलन, सिरदर्द, खूनी बवासीर और रक्तपिक्त आदि रोगों मे सेवन किया जाता है। कमजोर रोगियों और बालकों के लिए यह काफी लाभदायक है यह आंत और मूत्राशय सम्बन्धी रोगों के बाद की कमजोरी में यह आराम पहुंचाता है।

सावधानी

आरारूट अधिक वर्षा वाले स्थानों पर पाया जाता है। यह सभी जगह उपलब्ध नहीं होता है। ऐसे में इसकी जमकर कालाबाजारी होने के साथ मिलावट भी होती है। बाजार में आरारोट के नाम पर बिकनेवाले पदार्थ बहुधा या तो कृत्रिम होते हैं या उनमें अनेक प्रकार की मिलावटें होती हैं। कभी-कभी आलू,चावल, साबूदाना को महीन पीसकर आरारोट के नाम पर बेंच दिया जाता है। इसलिए आरारोट लेते समय सावधान रहना चाहिए।

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