कैल्सियम तथा विटामिन से भरपूर अंजीर एक शक्तिवर्धक पौष्टिक फल है। देखने में गूलर की तरह लगने वाला अंजीर को लोग ताजे फल और सूखे मेवे के रूप में खाते हैं। लोग इसके सूखे फल को टुकड़े-टुकड़े करके या पीसकर दूध और चीनी के साथ खाते हैं। यह एक ऐसा फल है जिससे न केवल जैम बनता है बल्कि इसे मिलाकर अनेक तरह के व्यंजन भी बनाए जाते हैं।
विश्व के सबसे पुराने फलों में से एक अंजीर रसीला और गूदेदार फल होता है। देश के विभिन्न भागों अंजीर के वृक्ष उगाए जाते हैं इसके अलावा अरब और दूसरे देशों से भी अंजीर मगाएं जाते हैं। गर्मियों में ज्यादा उगने वाले इस फल को सूखे फलों के रूप में अधिक समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है। शुरुआत में अंजीर के फल हरे होते हैं लेकिन पक जाने के बाद यह लाल और आसमानी हो जाते हैं।
कोष्ठबद्धता को दूर करने वाला और शारीरिक शक्ति देने वाला अंजीर जुकाम और फेफड़े के रोगों में काफी लाभकारी है। जिन लोगों को दमा हो, जिसमें कफ (बलगम) निकलता हो उसमें अंजीर खाना गुणकारी है। आइए नीचे दिए गए इन घरेलू उपचारों में अंजीर के विभिन्न प्रकार के प्रयोग को जानते हैं।
अंजीर के फायदे
1. कैल्सियम होने की वजह से अंजीर खाने से हड्डियों को शक्ति मिलती है।
2. मुंह के छाले होने पर अंजीर की पत्तियों को जलाकर, भस्म बनाकर पीसकर मुंह में लगाने से छाले जल्द ठीक होते हैं।
3. मधुमेह रोग में अन्य फलों की तुलना में अंजीर का सेवन विशेष लाभकारी होता है।
4. अंजीर को कुछ घन्टे तक पानी में डालकर रखें और रोजाना उसे चबाकर खाने से रक्त विकारों से उत्पन्न मुंहासे दूर होते हैं।
5. श्वेत प्रदर में भी अंजीर एक गुणकारी फल है।
6 . अस्थमा रोगी को प्रतिदिन दो-तीन अंजीर खाने से बहुत लाभ होता है। अजीर कफ को निष्कासित करके अस्थमा रोगी को आराम पहुंचाता है।
7. शारीरिक शक्ति का विकास करना हो तो अंजीर को दूध में उबालकर सुबह-शाम सेवन करें।
8. अंजीर खाने से कोशिाकाएं स्वस्थ रहती हैं और दिल की बीमारी का खतरा कुछ हद तक कम हो जाता है।
9. रात के समय दो-तीन अंजीर खाकर ऊपर से दूध पीने से कब्ज में राहत मिलती हैं और सुबह जल्दी पेट साफ होता है। अंजीरों को दूध में उबालकर भी सेवन कर सकते हैं।
10. कब्ज की विकृति को दूर करने के लिए अंजीर का सेवन कीजिए। 11. रक्त विकार से उत्पन्न फोडे-फुंसियों को दूर करने के लिए अंजीर के साथ बादामों को उबालकर उसमें मिलाकर खाने से फोडे-फुंसियां दूर होते हैं
12. सूखे अंजीरों को पानी में उबालकर, पीसकर लेप बनाएं। इस लेप को गले पर लगाने से अनेक रोग-विकार नष्ट होते हैं।