वायरस हेपेटाइटिस या जॉन्डिस को हम साधारण रूप में पीलिया के नाम से ही जानते हैं। पीलिया में परहेज से पहले ये जानना भी आवश्यक है कि यह रोग हमें अक्सर सूक्ष्म विषाणु के कारण होता है। जब यह रोग होता है तब इसकी गति धीमी होती है और इसके लक्षण भी नहीं दिखाई देते, परन्तु कुछ समय के बाद यह अपना रूप धारण कर लेती है, तब रोगी की आँखें और पीली होने लगती है, ऐसे में हम आसानी से कह सकते हैं कि रोगी को पीलिया है।
हालांकि ऐसी स्थिति में रोगी को डॉक्टर के पास जाकर अपने पीलिया होने की जांच करवानी चाहिए। क्योंकि जब हम पीलिया का सही समय पर इलाज नहीं करते, तो इसका सीधा असर हमारे लीवर पर होता है।
हेपेटाईटिस बी का पीलिया रोग से बहुत ही गहरा संबंध होता है। यदि हम इसका इलाज सही समय पर नहीं करवाते, तो हेपेटाइटिस बी रोगी का लीवर खराब हो सकता है और इससे रोगी को कैंसर का सामना भी करना पड़ सकता है। इसके होने का मुख्य कारण दूषित पानी है, जिसके कारण हमें कई रोगों का सामना करना पड़ता, उन्हीं में से एक हैं- पीलिया |
पीलिया के प्रकार
1. वायरस हेपेटाइटिस ए
2.वायरस हेपेटाइटिस बी
3.वायरस हेपेटाइटिस नान ए व नान बी
पीलिया होने पर हमें किन चीजों से पीलिया में परहेज रखना चाहिए, जिसे हम पीलिया से होने वाले खतरे से आसानी से बच सकते हैं, तो आइये जानते हैं :
पीलिया में परहेज
अंडा
अंडा सस्ती, उच्च गुणवत्ता वाला प्रोटीन का बहुत अच्छा स्रोत है। अंडे के सफेद वाले हिस्से मे प्रोटीन और विटामिन बी2 पाया जाता है तथा वसा और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है। इसके अलावा अंडा आपके वजन को नियंत्रित करने में काफी मदद करता है। अंडा खाने के बाद आपकी भूख लगभग शांत सी हो जाती है। इतने गुण होने के बाद अंडे को पीलिया बीमारी में परहेज करना चाहिए। अंडा पचाने में मुश्किल होती है क्योंकि इसमें उच्च मात्रा में प्रोटीन होता है। पीलिया रोगियों को अंडे को पचाने में मुश्किल आती है, इसलिए उन्हें अंडे खाने से बचना चाहिए।
नमक
पीलिया होने पर रोगी को जितना हो सके नमक से बचकर रहना चाहिए। यदि आप खाने-पीने की चीजों में नियमित रूप से नमक का इस्तेमाल करते हैं या आचार खाते हैं तो उसे कम कर दीजिए।
मांस
जब भी रोगी पीलिया से प्रभावित होता है, तो उसे मांस से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। पीलिया में मांस संतृप्त वसा के स्तर को बढ़ा द्ता है। पीलिया के ठीक हो जाने पर रोगी मांस का सेवन कर सकता है।
डेयरी उत्पाद
अगर आप पीलिया से ग्रस्त हैं, तब आपको दूध से बनें उत्पादों से दूरी बनाकर रखना चाहिए। दूध के उत्पाद जैसे पनीर, मक्खन, छाछ, दही आदि शामिल हैं।
कैफीन
चाय और कॉफी की तरह कैफीन युक्त पेय भी पीलिया से पीड़ित रोगी को नहीं देना चाहिए। क्योंकि इससे जिगर को नुकसान बहुत ही तेजी से हो सकता है।
जंक फूड
ये सबसे खतरनाक खाद्य पदार्थों होते हैं, इसलिए पीलिया से पीड़ित रोगियों को इन खाद्य पदार्थों से परहेज रखने की आवश्कता होती है, क्योंकि जंक फ़ूड में तेल, वसा और अन्य मिलावटी सामग्री पाई जाती है, जो व्यक्ति के शरीर को आसानी से खराब कर देते हैं।
मक्खन
पीलिया से पीड़ित व्यक्ति को मक्खन का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे उनके स्वास्थ्य पर बहुत ही गहरा और हानिकारक प्रभाव पड़ता है। इसमें वसा की मात्रा अधिक होती हैं, साथ ही यह पीलिया में तनाव को बढ़ाने का काम करता है।
कैफीन
कैफीन प्राकृतिक रूप से चाय, कॉफी और कोको पौधों में पाया जाता है। यह मस्तिष्क और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करके काम करता है, जिससे आपको सतर्क रहने और थकावट को दूर करने में मदद मिलती है। यह कैसे काम करता है? एक बार खपत करने के बाद, कैफीन जल्दी से पेट से खून में अवशोषित हो जाता है। पीलिया से ग्रस्त होने पर चाय और कॉफी जैसी कैफीनयुक्त पेय पदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिए। यह पीलिया रोग में हो रहे सुधार को धीमा कर सकता है।