सब्जियों की एक महत्व पूर्ण फसल आलू पौष्टिक और शक्तिवर्धक है। इसे सब्जियों का राजा कहा जाता है। घर के अलावा हर तरह के आयोजनों में आलू का विशेष स्थान है। इसके बिना कोई भी सब्जी पूरी नहीं मानी जाती है।
आलू के फायदे
1. थोड़ा-सा नमक डालकर आलू को पानी में उबालें। उसके बाद आलू को छीलकर खाने से बल्डप्रेशर कम होता है।
2. आलू को पीसकर, उसे कपड़े में बांधकर रस निकालकर आंखों में लगाने से बहुत लाभ होता है। इससे आंखों में जलन नहीं होती। रोगी को यह उपचार दस-बारह सप्ताह तक करना चाहिए।
3. गठिया रोग में सूजन और शूल की समस्या होने पर आलू को गर्म रेत या गर्म राख में भूनकर, छीलकर सेंधा नमक और काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर खाने से आराम मिलता है।
4. आग से जलने वाले भाग पर कच्चे आलू को पीसकर लेप करने से जलन और पीड़ा शीघ्र दूर होती है।
5. बेरी-बेरी रोग की समस्या में आलू को कुचलकर, कपड़े में बांधकर निचोड़कर रस निकालें। पांच-पांच ग्राम रस दिन में तीन-चार बार सेवन करें।
6. आलू को भूनकर खिलाने और अधिक मात्रा में पानी पिलाने से वृक्क की पथरी सरलता से निष्कासित होती है।
7. गोरा रंग के लिए लोग आलू को पीसकर चेहने या त्वचा पर मलते हैं।
8. जोड़ो की सूजन में कच्चे आलू को पीसकर लेप करने से जल्दी सूजन व पीड़ा नष्ट होती है।
9. स्त्रियों में कमर की समस्या होने पर आलू की सब्जी खाने और कच्चे आलू पीसकर कमर पर बांधने से बहुत लाभ होता है।
10. कच्चे आलुओं को देर तक पानी में उबालकर, छानकर उस पानी से किसी सूजन को धोने से बहुत जल्दी सूजन नष्ट होता है।
11. जब चहरे व हाथों की त्वचा पर झुरियां पड़ जाए तो आलू को पीसकर मलने से झुर्रियां नष्ट होती है, त्वचा में निखार आता है।
12. आलू के छिलकों को धोकर, रात में पलकों पर रखने से आंखों के आसपास के काले निशान खत्म हो जाते हैं।
13. आलू को उबालकर खाने से शरीर में पोटेशियम की मात्रा विकसित होती है। पोटेशियम गुर्दो में एकत्र सोडियम को तीव्रता से निष्कासित करके गुर्दो को विभिन्न रोग से व शोथ से सुरक्षित रखता है।
14. आलू को उबालकर, छीलकर मसलकर, उसमें दूध की मलाई में मिलाएं। इस मिश्रण को त्वचा लगाने से त्वचा कोमल व मुलायम होती है।
15. आलू के सेवन से स्कर्वी रोग का शीघ्रता से निवारण होता है।
16. चेहरे पर आलू काटकर रगड़ने से त्वचा का सौंदर्य आकर्षण विकसित होता है।
17. दूध के साथ आलू को पकाकर खाने से मोटापा बढ़ता है।
17. वैसे आलू के छिलके ज़्यादातर फेंक दिए जाते हैं, जबकि छिलके सहित आलू खाने से ज्यादा शक्ति मिलती है।
आलू से हानि
1. अफारा, वात विकार और कब्ज की विकृति होने पर आलू का सेवन न करें।
2. अतिसार, प्रवाहिका, बवासीर रोग में भी आलू का सेवन नहीं करना चाहिए।
3. बवासीर रोगी को आलू का सेवन करने से अधिक खून निकलने लगता है।
4. डायबिटीज से पीड़ित रोगियों को आलू का सेवन नहीं करना चाहिए।
5. आलू की सब्जी बनाते समय अच्छी तरह देख लीजिए कि उसका कोई भाग हरा तो नहीं है। हरे आलू की सब्जी बनाकर या भूनकर खाने से हानि होती है।