अलसी का सेवन हम कई हजारों सालों से करते आ रहे है। इसके छोटे छोटे दाने भूरे रंग के होते हैं। अलसी ओमेगा -3 फैटी एसिड, विटामिन बी 1, प्रोटीन , फाइबर, मैगज़ीन, फास्फोरस आदि भरपूर मात्रा में पायें जाते हैं। अलसी में घुलनशील और अघुलनशील रेशों की मात्रा अधिक होती है इसलिए हम इसका उपयोग सीधे इसके बीजों को चबाकर या भोजन में इस्तेमाल करके या फिर इसको तेल के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर आप इसके अधिक लाभ प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको इसे अपने आहार में शामिल करना चाहिए इसीलिए अलसी खाने का तरीका और इसके फायदे जानना जरुरी हो जाता है।
ओमेगा 3 फैटी एसिड सामन्य रूप से मांसाहारी खाद्य पदार्थो में पाया जाता है। लेकिन अलसी में यह सबसे अच्छा स्त्रोत हैं यही कारण है कि शाकाहारी लोगो को अलसी का सेवन अपने आहार में करना चाहिए। अलसी को किस प्रकार से खाया जा सकता है। आज हम आपको इस बारे में बताते हैं :-
अलसी खाने का तरीका
भुनी हुई अलसी
कुछ लोग सादी अलसी को खाना पसंद नहीं करते उन्हें चाहिए कि वह अलसी का सेवन भूनकर करें ऐसा करने से अलसी स्वादिष्ट हो नहीं होती, बल्कि इसका स्वाद भी कुरकुरा हो जाता है और यह अलसी खाने का तरीका बहुत आसान और उपयोगी है।
गर्म पानी के साथ
अलसी को पीसकर उसका पाउडर बना कर इस्तेमाल करना बहुत ही अच्छा तरीका होता है। इसके लिए आप गर्म पानी के एक गिलास के साथ एक चम्मच अलसी के पाउडर का इस्तेमाल कर सकते हो। लेकिन आप को इस बात का ध्यान रखना होता है कि अलसी का पाउडर अधिक न हो क्योंकि यह पाउडर जल्दी ही खराब हो जाता है।
फलों के रस में
आप अलसी के पाउडर को फलों के रस में भी मिलाकर पी सकते हो, इसके लिए एक गिलास जूस में एक चम्मच ही अलसी के पाउडर का इस्तेमाल करना चाहिए।
दही या रायते में इस्तेमाल
अगर आप दही खाना पसंद करते हो तब आप के लिए अलसी का रायता एक अच्छा विकल्प है। इसको रायते में इस्तेमाल करने एक कप कसी हुई लौकी, एक कप दही, आधा चम्मच मोटी पीसी अलसी, आधा चम्मच काला नमक, और थोड़ी सी चीनी डालकर एक घंटे के लिए ठंडा होने के लिए रख दे फिर इसका इस्तेमाल करें ।
रोटी के रूप में
अलसी में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है और शक्कर की मात्रा न्यूनतम होती है। इसके स्वास्थ्य लाभों को प्राप्त करने के लिए आप इसका इस्तेमाल रोटी या पराठे के रूप में भी कर सकते हो। इसके लिए आप आटे को गूंथते समय अलसी को पीसकर आटे में मिक्स कर लें।
अलसी के चाय
अलसी का सेवन चाय के रूप में भी किया जा सकता है। इसके लिए दो कप पानी में एक चम्मच अलसी का पाउडर डालकर धीमी आंच में तब तक पाकाएं। जब तक पानी आधा न रह जाएं थोडा ठंडा होने पर गुड या शक्कर मिलाकर आप इसका सेवन कर सकते हैं। इसका सेवन करने से आपको सर्दी, जुकाम, दमा आदि में लाभ प्राप्त होता है।
गर्म दूध में अलसी
एक गिलास गर्म दूध में एक चम्मच अलसी का पाउडर मिलाकर पीने से सेरोटोनिन का स्तर बढ़ता है, जिससे आपको नींद अच्छी आती है।
सलाद के साथ
जब आप अपने आहार या सलाद में अलसी को शामिल करते हो, तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत ही अच्छा तरीका होता है। अपने सलाद को स्वाद आय अच्छा फ्लेवर देने के लिए एक चम्मच भुनी हुई अलसी का पाउडर उसके के ऊपर छिडक दे। आप इसका इस्तेमाल सब्जी की ग्रेवी में भी कर सकते हो ।
अलसी खाने के फायदे
अलसी को खाने से हमें बहुत से लाभ प्राप्त होते हैं जो इस प्रकार से हैं।
आपकी त्वचा और बालों के लिए अलसी
अलसी खाने के फायदे त्वचा के लिए भी होते हैं क्योंकि इसमें विटामिन बी होता है जो हमारी त्वचा के रूखेपन और ज्वलन को दूर करता है। इसके साथ ही अलसी के तेल का इस्तेमाल करके कील-मुंहासों को आसानी से दूर किया जा सकता है और इससे आपकी त्वचा खिलने लगती है। इसका इस्तेमाल से बालों का रूखापन भी दूर होता है और आपके बाल काले और घने होने लगते हैं।
वजन को नियंत्रण में करें
अलसी में हाई फाइबर की मात्रा होती है जो हमारे वजन को नियंत्रित करती है साथ ही इसका सेवन करने से भूख कम लगती है।
कोलेस्ट्रोल को कम करना
अलसी का सेवन करके कोलेस्ट्रोल को कम करने में बहुत मदद मिलती है। इसके सेवन से ह्रदय संबंधी रोगों से आसानी से बचा जा सकता है ।
सर्दी और फ्लू से राहत
अलसी में भिन्न प्रकार के एंटी वायरल और जीवाणु रोधक गुण पायें जाते हैं जब हम इसका नियमित रूप से इस्तेमाल करते हैं तो बार बार होने वाली सर्दी और फ्लू से आसानी से बचा जा सकता है।
पाचन तन्त्र के लिए
अलसी का सेवन करने से पाचन तन्त्र ठीक रहता है। अलसी का सेवन करके पेट की सुजन को कम किया जा सकता है और पेट से जुडी हुई बीमारयों से बचा जा सकता है ।
उच्च रक्तचाप पर नियंत्रण
अलसी का नियमित रूप से सेवन करके उच्च रक्तचाप पर नियंत्रण पाया जा सकता है साथ ही बुढापे में होने वाली जोड़ो की दर्द से भी यह राहत दिलाता है।
कैंसर से राहत
अलसी के तेल में एंटी ऑक्सीडेंट पाया जाता है। इसका सेवन करने से विभिन्न प्रकार के होने वाले कैंसर जैसे- प्रोस्टेट कैंसर, स्तन कैंसर, स्किन कैंसर आदि से बचा जा सकता है ।
अलसी से हानि
गर्भावस्था में अलसी खाने से बरते सावधानी
प्रेग्नेंट महिलाओं या फिर स्तनपान करा रही महिलाओं को पीसे हुए अलसी के बीज या फिर अलसी के तेल इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। अध्ययन ने सिद्ध किया है कि इन खुराक की हार्मोनिक भिन्न संपत्ति मासिक धर्म चक्र पैदा कर सकती है, एक अप्रत्याशित हानिकारक तरीके से माँ और बच्चे को प्रभावित कर सकती है।
अलसी के बीज से दस्त की समस्या
अलसी के बीज में फाइबर की उच्च मात्रा की उपस्थिति, यह एक रेचक संपत्ति प्रदान करता है। जब अत्यधिक मात्रा में इसका प्रयोग किया जाता है, यह वास्तव में पेट की असुविधा को बढ़ा सकता है। यह आपकी मल त्याग करने की गिनती को बढ़ा सकता है। इसका मतलब यह हुआ कि आपको दस्त भी हो सकता है। यदि इसका जल्दी उपचार नहीं किया गया तो इस स्थिति में जटिल स्वास्थ्य स्थितियां हो सकती हैं, जैसे अल्सरेटिव कोलाइटिस (आंत में सूजन) और इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम (अनियमित मलत्याग)।
रक्त के थक्के
अध्ययनों से पता चलता है कि अलसी के बीज का अत्यधिक उपयोग रक्त के थक्के की समस्या को बढ़ा सकता है। यह गंभीर स्थिति को ट्रिगर करने के लिए भी जाना जाता है, जैसे कि खून में रक्त और रक्त के साथ उल्टी।