बीमारी और उपचार

क्रायोथेरेपी क्या है और उसके फायदे

What is Cryotherapy and its benefits - read in hindi

क्रायोथेरेपी का उपयोग शरीर की मांसपेशियों के खिचने और ऊतकों के डैमेज होने पर किया जाता है। इस इलाज में मनुष्य के शरीर को बहुत ही कम तामपान पर रखा जाता है। क्रायोथेरेपी शब्द लैटिन भाषा के क्रायो (ठंडा) और क्योर (इलाज) से मिलकर बना है। इसे आइस पैक थैरेपी और क्रायो सर्जरी के नाम से भी जाना जाता है। क्रायोथेरेपी का उपयोग 17वीं शताब्दी से ही प्रारम्भ हो गया था। इस इलाज के जरिये शरीर की कोशिकाओं की बढ़ोत्तरी को रोकने, दर्द और ऐंठन दूर किया जाता है। इसके साथ ही क्रायोथेरेपी से मसे, तिल, सनबर्न जैसी त्वचा से संबंधित बीमारियों को दूर किया जाता हैं। साधारण शब्दों में कहें तो क्रिकेट के दौरान चोटिल खिलाड़ी के शरीर को बर्फ से सेकना भी क्रायोथेरेपी का ही रुप है।  

 

क्रायोथेरेपी के चिड़चिड़ापन और संक्रमण जैसे साइड इफेक्ट्स भी होते हैं। क्रायोथेरेपी का इलाज 2,000 रुपये से शुरू होता है। क्रायोथेरेपी का उपयोग हॉलीवुड की अधिकतर अभिनेत्रियां खुद को जवां रखने के लिए करती हैं। यह थेरेपी आपकी त्वचा को बेदाग रखती है। 

 

जानें कैसे क्रायोथेरेपी से होता है इलाज

क्रायोथेरेपी में व्यक्ति को लगभग बिना कपड़ों के एक विशेष तरह के कमरे में रखा जाता है। जिसमें बहुत ही ठंडी हवा (-100 डिग्री से.) को लगभग 4 मिनट तक प्रवाहित किया जाता है। हालांकि कई डॉक्टर ठंडी हवा के स्थान पर तरल नाइट्रोजन का भी उपयोग करते हैं।

 

इस ट्रीटमेंट में क्या होता है

क्रीमोथेरेपी के इलाज में ब्लड, स्किन के सर्फेस तक पहुंच जाता है। जिससे त्वचा की अशुद्ध चीजों को खून शुद्ध करता है। जिसके बाद आपकी त्व चा में बेदाग निखार हो जाता है। इसके साथ ही इस इलाज से शरीर की त्वचा के खराब हिस्सों या घाव वाले त्वचा को तरल नाइट्रोजन के जरिये फ्रीज किया जाता है जिससे त्वचा से जुड़ी सारी अशुद्धियां तुरंत खत्म हो जाते हैं।

 

इसके क्या फायदे हैं

इस इलाज से मस्से, अनचाहे तिल, घातक ट्यूमर या उनकी वृद्धि औऱ सनबर्न स्कीन को ठीक किया जाता है। इसके अलावा मुँहासे और गहरे घाव के इलाज के लिए भी इस थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं सिर दर्द को दूर करने में भी उपयोगी है।

 

सावधानी –

क्रायोथेरेपी सभी तरह की त्वचा की बीमारियों और शरीर के घावों के इलाज में उपयोगी नहीं है। इसलिए बेहतर होगा कि क्रायोथेरेपी अपनाने से पहले डर्मेटोलॉजिस्ट से अपनी त्वचा की जांच करा लें। उसके बाद अगर डर्मोटोलॉजिस्ट ट्रीटमेंट कराने को कहें तो बेहिचक कर लें। लेकिन इस इलाज से 18 साल से कम उम्र के बच्चों को दूर रखना चाहिए। 

 

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