पानी फल के नाम से मशहूर सिंघाड़ा सेहत के लिए पौष्टिकता से भरपूर होता है। यह फल न केवल कई बीमारियों के लिए फायदेमंद है बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी इस फल को पवित्र और पौष्टिक माना जाता है। इसकी पवित्रता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि व्रत-उपवास में इसे फलाहार में शामिल किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि सिंघाड़े के तीन कोने ब्रह्मा, विष्णु और महेश के प्रतीक हैं।
यह एक ऐसा फल है जिसे किसी भी रूप में खाया जा सकता है। इसका छिलका उतारकर इसे आप कच्चा तो खा ही सकते हैं। आप इसे हल्का उबालकर नमक के साथ भी खा सकते हैं। आप चाहे तो सिंघाड़े से साग-सब्जी और बर्फी, खीर, हलवा जैसे मिठाई भी बना सकते हैं।
नदियों और तलाबों के ठहरे हुए पानी से उत्पन होने वाला संघाड़े विटामिन सी, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फॉस्फोरस, आयरन, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे तत्व पाये जाते हैं। सिंघाड़ा खाने से अधिक शक्ति मिलती है। इसलिए शारीरिक श्रम करने वाले स्त्री-पुरुष इसका ज्यादा से ज्यादा सेवन करें। इसे खाने से न केवल रक्त विकार दूर होते हैं बल्कि शारीरिक आकर्षण भी बढ़ता है।
सिंघाड़े के फायदे
- सिंघाड़े में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल और एंटी-कैंसर आपको कई बीमारियों दूर भगाने में मदद करता है।
- अधिक घबराहट और ह्रदय की तेज धड़कन होने पर रोजाना सिंघाड़ा खाने से पौष्टिक शक्ति मिलने से बहुत फायदा होता है।
- सिंघाडों को जल में उबालकर काढ़ा बनाकर पीने से पेशाब की समस्या नष्ट होती है। दो-तीन सप्ताह काढ़ा का सेवन करने से बहुत लाभ होता है।
- सिंघाड़ों की गिरी को सूखाकर कूट-पीसकर चूर्ण बनाकर रखें। रोजाना सात-आठ ग्राम चूर्ण दूध के साथ सेवन करने से वीर्य में वृद्धि होती है। स्वप्नदोष और हस्तमैथुन से धातु क्षीणता होने पर सिंघाड़े का चूर्ण सेवन करने से बहुत लाभ होता है।
- इसके सेवन से नींद न आने की समस्या भी दूर होती है।
- सिंघाड़ों के छिलकों को पत्थर पर घिसकर या सिल पर पीसकर सूजन वाले भाग पर लेप करने से जल्द सूजन खत्म होता है।
- नीबू के रस में सिंघाड़े को घिसकर लगाने या पीसकर लेप करने से दाद या चर्मरोग की समस्या दूर होती है।
- सिंघाड़े में ऐसी क्षमता है कि वह आपके शरीर में मौजूस विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल सकता है।
- सिंघाडों की गिरी का हलुवा बनाकर रोजाना खाने से कुछ महीनों में ल्यूकोरिया रोग नष्ट होता है।
- सिंघाड़ों की बेल को पीसकर शरीर पर लेप करने से शरीर की जलन व दाह नष्ट होती है।
- प्यास बुझाने में कारगर सिंघाड़ा दस्त होने पर इसका सेवन करना चाहिए।
- शरीर में आयोडीन की कमी होने पर गले और टांसिल की समस्या से सुरक्षा के लिए रोजाना सिंघाड़ा खाना चाहिए।
- गर्मियों में अधिक गर्मी के कारण बच्चों के नाक से ब्लीडिंग होने पर सिंघाड़े खिलाने व रस पिलाने से बहुत फायदा होता है।
- सिंघाड़े के सेवन से वात, पित्त, कफ, दाह, बुखार और रक्तपित्त की समस्या दूर होती है।
- सिंघाड़े के नियमित सेवन से शरीर मोटा और शक्तिशाली बनता है।