बीमारी और उपचार

पेचिश रोग के लक्षण और उपचार

dysentery symptoms and cure in hindi

स्वच्छता का ध्यान न रखना, हाथ धोकर भोजन न करना, पानी कम पीना, शौच के बाद साबुन से हाथ न धोना एवं सुरक्षित जल स्रोत का प्रयोग न करना पेचिश या आंव के रोग के कारण हैं। इसके अलावा यदि पेट में कुछ समय के लिए कच्चा या कम पचा भोजन भी रहे तो पेचिश हो सकता है। 

दरअसल पेचिश आंत से संबंधित रोग है जो बैक्टीरिया, वायरस, परजीवी कीड़े, या प्रोटोजोआ के संक्रमण की वजह से होता है। अंतड़ियों में टीस या ऐंठन व दर्द हो तो समझ लीजिए पेचिश या मरोड़ या आंव है।

 

पेचिश के लक्षण 

1. पेचिस रोग में अंतड़ी के निचले हिस्से में थोड़ी-सी सूजन हो जाती है तथा मल के साथ आंव या खून निकलने लगता है जिसे आयुर्वेद में रक्तातिसार कहते हैं।

2. पेचिश रोग होने पर बार-बार दस्त तथा पेट में ऐंठन-भरा दर्द होता है। 

3. इस रोग में पेट में विकारों के कारण अंतड़ी के नीचे की तरफ कुछ सूजन आ जाती है। 

4. बार बार शौच होता है और मल के साथ आंव तथा कभी-कभी खून भी निकलता है। 

5. इसमें बडी आंत में सूजन और घाव हो जाते हैं और शरीर में पानी की कमी भी हो जाती है।  

6. इस रोग में बुखार भी होता है तथा अधिक उग्र होने पर लिवर भी प्रभावित हो जाता है। 

 

 

प्राकृतिक एवं घरेलू उपाय 

1. पेचिश बीमारी लंबे समय तक रहने पर शरीर का सामान्य स्वास्थ्य बुरी तरह प्रभावित होता है इसलिए शरीर में पानी की कमी न होने दें। 

2. जामुन का रस दो चम्मच, गुलाब जल दो चम्मच, थोड़ी-सी चीनी तीनों को मिलाकर रोगी को पिलाने से खूनी पेचिश में रामबाण औषधि की तरह काम करता है।

3. केले की कच्ची फली में खांड़ लगाकर रोगी को दें। यह रोगी के लिए गुणकारी है।

4. जामुन की पेड़ की बीस ग्राम छाल लेकर उसे कूट लें। फिर एक कप पानी में इसे उबालें। पानी जब आधा रह जाये तो उसमें शहद मिलाकर सेवन करें।

5. सूखे आंवले को रात में भिगो दें और सुबह होते ही आंवले का सेवन कीजिए।

6. दस ग्राम सौंफ थोड़े-से पानी में उबाल लें। इस पानी को छानकर बोतल में भर लें। इसमें से एक कप पानी लेकर इसमें थोड़ा-सा काला नमक मिलायें। इसे दिनभर में दो-तीन बार जरूर पियें।

7. चार-पांच बूंद सौंफ के तेल में थोड़ी-सी चीनी मिलायें और दिन में चार-पांच बार इसका सेवन करें। 

8. तेज मसालेदार भोजन की जगह तरल भोजन लेना उपकारी है

9. थोड़ा-सा जीरा लेकर तवे पर भून लें। इसके बाद उसमें दो चुटकी सेंधा नमक मिला लें, फिर इसे छाछ के साथ सेवन करें। पेचिश में आराम देता है।

10. अनार का रस अमीबिक डिसेन्ट्री याने आंव वाली पेचिश में फायदेमंद माना गया है।

11. नींबू के पत्तों को पीसकर उसमें थोड़ी-सी चीनी मिलाकर सेवन करें। यह दवा आंव तथा बवासीर दोनों के लिए लाभदायक है। 

12. हरा धनिया और शकर धीरे-धीरे चबाकर खाएं। पेचिश में फायदा होता है।

13. एक चम्मच सोंठ व दो चम्मच त्रिफला, दोनों को काढ़ा बनाकर सेवन करें। पेचिश में लाभ मिलेगा। 

 

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