जिम या बड़े व्ययाम करने की बजाय आजकल कुछ महिलाएं योग की ओर बहुत ही आकर्षित हो रही हैं। योग उनके लिए बहुत सुगम और आसान व्यायाम लगता है जिसे वह कभी भी किसी भी समय कर सकती हैं। आज महिलाएं अपनी सुंदरता और फिगर को मेंटेन रखने के लिए नियमित रूप से व्यायाम कर रही हैं। योग में ऐसे बहुत से प्राणायाम और व्यायाम है जो खास तौर पर महिलाओं के लिए लाभकारी माना जाता है हालांकि इसे पुरुष भी कर सकते हैं। ऐसे ही एक आसन है शशांक भुजंगासन। इस आसन को हम कोबरा पोज भी कहते हैं। यह आसन आपको फ्लेक्सिबल तो बनाता ही है साथ ही महिलाओं के मासिक संबंधी विकार को भी दूर करता है।
शशांक भुजंगासन करने की विधि ( Shashank bhujangasana yoga ki vidhi )
सबसे पहले वज्रासन मुद्रा की स्थिति में आ जाएं। इसके बाद आप शशांकासन की स्थिति में आ जाइए। ध्यान रखिए आपके हाथ और कंधों के बीच की दूरी बरकरार रहे। अपने माथे को फर्श पर टिकाएं इसके बाद सीने से फर्श को स्पर्श करते हुए उसे आगे की तरफ तब-तक लेते जाइए जब तक कि वह हाथों की सीध में न आ जाए।
हाथों को सीधे करते हुए तथा पेट को जमीन से लगाते हुए सीने को और आगे व ऊपर की ओर कीजिए। इस स्थिति में पीठ धनुषाकार बनाते हुए सिर को पीछे की ओर झुकाना चाहिए। धीरे-धीरे पीठ को ऊपर की ओर धनुषाकार बनाते हुए सिर तथा पूरे शरीर को पीछे ले जाते हुए शशांकासन की स्थिति में आ जाइए। कुछ क्षणों तक इस स्थिति में रहकर जांघों और भुजाओं को सीधा करते हुए वज्रासन की स्थिति में आ जाइए। इसे आप 10 बार दोहरा सकते हैं।
कैसा हो श्वास लेने का स्वरूप
वज्रासन की स्थिति में श्वास सामान्य हो। भुजंगासन में सामने आते हुए श्वास लीजिए। शशांकासन में लौटते हुए श्वास लीजिए।
शशांक भुजंगासन के लाभ ( Shashank bhujangasana yoga ke fayde )
- इस आसन के करने से मन में शिथिलता आती है तथा इससे तनाव को कम किया जा सकता है।
- मोटापे से छुटकारा पाना के लिए यह आसन बहुत ही लाभकारी है। इसके अलावा पेट और लीवर को स्वस्थ रखने के लिए आप इस आसन को नियमित रूप से करें।
- शशांक भुजंगासन से न केवल शरीर फ्लेक्सिबल होता है बल्कि पीठ, हाथ और सीने को मजबूती मिलती है।
- कंधा, गला, गर्दन और बॉडी आर्म को भी यह मजबूत बनाता है।
- यह आसन महिलाओं के मासिक धर्म संबंधी विकार को दूर करता है।
- महिलाओं के लिए प्रजनन-प्रणाली में यह आसन बहुत ही लाभप्रद है।
शशांक भुजंगासन की सावधानियां
जिन लोगों को हाई ब्लडप्रेशर की समस्या हो या जिन्हें दिल की बीमारी हो उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए। गर्भवती महिलाएं भी इस आसन को न करें। इसके अलावा जिन्हें स्लिप डिस्क की समस्या हो उन्हें भी इस आसन से दूरी बनाकर रखना चाहिए।