मोटापे से परेशान लोग हर पल अपने शरीर से अतिरिक्त वसा हटा उसे संतुलित बनाने की जुगत में रहते हैं। इसके लिये नियमित व्यायाम आदि के साथ ही वो अपने खान-पान पर भी विशेष ध्यान देने की कोशिश करते हैं। अत्याधुनिक चिकित्सा विज्ञान के कारण लोग सर्जरी के सहारे भी अपने शरीर को संतुलित बनाने की उम्मीद रखते हैं।
मोटापा घटाने के घरेलू उपाय तो बहुत सारे हैं, लेकिन यह भी एक घरेलू उपाय है। घरेलू तरीक़ा है चाय का सेवन। चाय अधिकांश घरों में एक नियमित पेय बन चुकी है। सामान्य रूप से हर घर में दूध, चायपत्ती और चीनी से चाय बनायी जाती है। कुछ लोग अपने चाय में अदरक, काली मिर्च, लौंग, इलायची आदि डालकर इसका स्वाद बढ़ाते हैं।
चाय के स्वास्थ्यवर्धक गुण
चाय में कई गुणकारी रसायनों की पहचान की गई है। इनमें से प्रमुख हैं अलग-अलग तरह के ‘पॉलीफेनॉल्स’ जैसे टैनिन्स, लिग्निन्स, फ्लैवेन्वाएड्स आदि। कैटैकिन्स, कैफ़ीन, फेरूलिक एसिड, इपीगैलोकैटेकिन गैलेट आदि रसायन इन के उदाहरण हैं। इन पॉलीफेनाल्स में से कई ‘एंटी ऑक्सीडेंट’ का काम करते हैं।
ये एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर की कोशिकाओं को ऑक्सिडेशन के हानिकारक प्रभावों से बचाए रखने में सहायक होते हैं। सभी जीवित कोशिकाओं में तरह-तरह की ऑक्सिडेशन प्रतिक्रियाएँ होती रहती हैं जिन में एलेक्ट्रॉन्स का स्थानांतरण एक रसायन से दूसरे ऑक्सिडाइज़िंग रसायन तक होता रहता है। इस के फलस्वरूप H2O2, HOCl जैसी क्रियाशील रसायनों के अतिरिक्त’फ्री रेडिकल्स’ जैसे –OH, O2- आदि रसायनों का निर्माण होता है।
ये रसायन ‘लिपिड-पर-ऑक्सीडेशन’ की प्रकिया द्वारा कोशिका को हानि पहुँचाते हैं या फिर ऐसे रसायनों के संश्लेषण में सहायक होते हैं जो डीएनए से जुडकर उन्हें ‘ऑंन्कोजीन्स म्युटेन्ट’ में परिवर्तित कर कैंसर की संभावना को बढ़ा सकते हैं। माइटोकांड्रिया में तो ऐसी प्रतिक्रियाएँ लगातार चलती रहती हैं। अत: इन से उत्पन्न क्रियाशील ऑक्सीजन युक्त रसायनों को नष्ट करते रहना अति आवश्यक है। एंटी ओक्सिदेंट्स इस कार्य को बड़ी दक्षता के साथ करते रहते हैं और कोशिकाओं को तरह-तरह की हानि से बचाते रहते हैं।
हालाँकि ज्यादा चाय पीना भी सेहत के लिये अच्छा नही है।