विषाणु जनित रोग जिस तरह से विश्व भर के लोगों को परेशान कर रहा है उसकी अपेक्षा स्वास्थ्य संगठन इसकी रोकथाम में काफी पीछे हैं। इबोला नामक बीमारी ने कुछ समय पहले कई देश के लोगों को अपना शिकार बनाया था। इसी तरह भारत के महानगरों में अभी डेंगी ने लोगों को अपनी चपेट में लिया है।
मच्छरों से फैलने वाला इसी तरह का एक रोग आजकल स्वास्थ्य संगठनों के कान खड़े किये हुआ है। विषाणु को ज़िका नाम दिया गया है जिसके कारण बुख़ार आता है। इस विषाणु का नाम युगांडा के ज़िका जंगल के नाम पर रखा गया है जहाँ उसकी पहचान बंदरों में की गयी थी। इन दिनों जिका वायरस का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। जिका वायरस मच्छरों के जरिये फैलता है। इसका सबसे ज्यादा नुकसान गर्भवती महिलाओं को उठाना पड़ता है। जिका वायरस गर्भवती महिलाओं के शरीर में प्रवेश कर जाता है, जो कि माइक्रोफैली की समस्या को जन्म देता है।
माइक्रोफैली असल में न्यूरोलॉजिकल समस्या है जिसमें बच्चे का सिर छोटा रह जाता है और पूरी तरह से उसका विकास भी नहीं होता है। कभी कभी ऐसे मामलों में बच्चे की मौत भी हो जाती है। इसके साथ ही बच्चा दिखने में अजीब लगता है। जिका वायरस अमेरिका सहित कई लैटिन अमेरिकी देशों में लोगों के लिए खतरा बना हुआ है। इसके साथ ही इसके अन्य देशों में फैलने के खतरे को देखते हुए कई देशों की सरकारों ने अपने यहां जिका वायरस का अलर्ट जारी कर दिया है।
मौजूदा समय मे ब्राजील में इस विषाणु का सबसे ज्यादा प्रकोप है। ब्रजीलियन स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक प्रत्येक वर्ष दवाओं के ओवरडोज या जेनेटिक अनियमित्ता की वजह से ऐसे 150 ऐसे केस दर्ज किए जाते हैं। लेकिन जब अक्टूबर 2015 से 15 जनवरी 2016 के बीच 3893 ऐसे मामले दर्ज किए तो जांच मे इस विषाणु के प्रभाव का पता चला। जिका वायरस का पहला केस युगांडा में 1947 मे पकड़ा गया। लेकिन हाल ही के दिनों में जिका वायरस अफ्रीका, साउध एशिया में भी फैल रहा है। मई 2015 में जिका वायरस का एक केस ब्राजील में दर्ज किया गया।
जिका वायरस के प्रभाव को देखते हुए ब्राजीलियन सरकार ने दंपतियों से प्रेग्नेंसी के विचार को थोड़े समय के लिए रोकने को कहा है। ब्राज़ील के कुछ शोधकर्ताओं ने चेतावनी जारी की है कि आने वाले माहों में यह कई गुना बढ़ सकती है। इससे प्रकोप से बच जाने वाले बच्चे ताउम्र बुद्धि सम्बन्धी दोषों से जूझते रहेंगे।
जिका वायरस से प्रभावित देश
मध्य और दक्षिणी अमेरिकी देश
बोलिविया, एक्वाडोर, गुवाना, ब्राजील, कोलंबिया, फ्रांस, होंडुरस, मैक्सिको, पनामा, पराग्वे, वेनेजुएला, सेल्वाडोर
कैरिबियाई देश
बारबाडोस, सेंट मार्टिन, हैती
अफ्रीका
केप वर्डी
क्या है जिका वायरस
जिका वायरस एंडीज इजिप्टी नामक मच्छर से फैलता है। अमेरिका में इस तरह के मच्छर टैक्सास, हवाई और फ्लोरिडा में मिलते हैं। यह वही मच्छर है जो यलो फीवर, डेंगू और चिकनगुनिया फैलाने के लिए भी जिम्मेदार है। ज़िका को पहचानना बहुत मुश्किल है क्योंकि इसके कोई विशेष लक्षण नहीं हैं।
जिका वायरस – लक्षण
जिका वायरस से हल्का बुखार, आंखे लाल हो जाना, सर दर्द करना और जोड़ों मे दर्द की शिकायत होती है। इसके साथ ही हाथ-पैर में सूजन आ जाती है। इसलिए हल्के बुखार और सिर दर्द की समस्या को नजरअंदाज न करें। डॉक्टरों की सलाह लें।
जिका वायरस – उपाय
जिका वायरस से प्रभावित लोगों के लिए एक समस्या ये भी है कि अभी तक इसके लिए कोई दवा नहीं बन सकी है। लेकिन डॉक्टरों की सलाह है कि कुछ उपाय करके इस विषाणु से बचा जा सकता है। जैसा कि बताया गया है कि ये विषाणु मच्छरों के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है इसीलिए चाहिए कि हमेशा पूरी तरह अपने शरीर को ढ़क कर रखें। घर के खिड़की और दरवाजों को बंद करके रखें। घर के आसपास पानी न इकट्ठा होने दें और हो सके तो, ज़िका विषाणु से प्रभावित देशों की यात्रा करने से बचें।