इन दिनों चिकुनगुनिया और डेंगू के कहर से लोग बहुत घबराए हुए हैं और खुद को इन दो गंभीर और जानलेवा बीमारियों से बचाने की कोशिश में भी जुटे हुए हैं। लोग इनसे बचने के लिए गिलोय का सहारा ले रहे हैं। कोई गिलोय का काढ़ा बनाकर पी रहा है तो कोई इसकी गोली बनाकर खाया चला जा रहा है।
इसमें कोई शक नहीं हैं कि गिलोय एक बेहतरीन और कारगर आयुर्वेदिक दवा के रूप में काफी लाभदायक है। लोग इसका सेवन अमृत मानकर किए चले जा रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि जिनके घर में गिलोय, एलोवेरा और तुलसी का पौधा हो वह हर समय स्वस्थ रहते हैं।
इसके पत्ते पान के पत्तों की तरह होते हैं और यह चिपचिपा होता है। इसे दिव्य औषधी भी माना जाता है। यह एक ऐसा पौधा है जो कभी भी समाप्त या नष्ट नहीं होता बल्कि इसके छोटे से टुकड़े से भी एक अलग पौधा निकल सकता है। पहले देश में गिलोय के पौधे की संख्या सबसे ज्यादा थी लेकिन अब धीरे-धीरे कम होती जा रही है। इसका दोहन भी होने लगा है।
गिलोय एक ऐसा आयुर्वेदिक पौधा है जिसका जूस पीने से आपके अंदर विभिन्न तरह की बीमारियों से लड़ने की क्षमता विकसित होती है।
आइए सबसे पहले बताते हैं कि क्या है गिलोय से आपके स्वास्थ्य में लाभ:
1. एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर गिलोय, जोकि फ्री रेडिकल्स डैमेज से भी सुरक्षित रखने और इम्यूनिटी सिस्टम को बूस्ट करने में काफी मदद करता है।
2. जब कभी आपको तेज़ बुखार हो जाए तो ऐसे में भी गिलोय लेना बहुत फायदेमंद है।
3. गिलोय से आपके ब्लड प्लेटलेट्स की काउंटिंग भी बढ़ती है।
4. यही नहीं, गिलोय आपके पाचन क्रिया को भी दुरुस्त रखने में बहुत लाभकारी है। गिलोय से आपके अर्थराइटिस और अस्थमा जैसी समस्या को भी ठीक किया जा सकता है।
5. जो लोग टाइप 2 डायबिटीज के रोगी हैं, उनके लिए भी गिलोय बहुत फायदेमंद होगा।
6. प्रदूषित हवा और वायरस से बचने के लिए गिलोय एक उत्तम और सर्वश्रेष्ठ औषधी है।
7. यह दस्त, पेचिस रोग में बहुत ही लाभदायक है। इसके लिए आपको गिलोय के रस को पीना होगा।
अब जानें कि गिलोय कितनी मात्रा में लेना सही होगा?
इस बात का ध्यान दें कि एक वयस्क को एक दिन में एक ग्राम से ज्यादा गिलोय नहीं लेनी चाहिए। गिलोय को अगर ज्यादा मात्रा में ली गई तो यह खतरनाक साबित हो सकता है।
छोटे बच्चों के लिए गिलोय कितना ठीक होगा?
अगर बच्चे बहुत छोटे हो या फिर नवजात हो तो उन्हें गिलोय देना बहुत खतरनाक होगा। बता दें कि पांच साल की उम्र के बाद बच्चों को गिलोय देने में कोई बुराई नहीं है। इसलिए छोटे बच्चों को एक दिन में 250 मिलीग्राम से अधिक गिलोय बिल्कुल भी ना दें।
गिलोय को कैसे लें –
यह आपके चाहने पर निर्भर करता है कि आप गिलोय को किस तरह पीना चाहते हैं। यूं तो आप गिलोय को पाउडर, जूस या फिर कैप्सूल के रूप में भी लें सकते हैं लेकिन इसे आप पाउडर के रूप में लेंगे तो आपको सबसे ज्यादा फायदेमंद होगा।
गिलोय को आप हथियार मानते हैं डेंगू और चिकुनगुनिया से बचने का तो यह अच्छी बात है औऱ वाकई यह एक हथियार ही तो है जो हमें इन दो बड़ी बीमारियों से बचाता है। इन सबके बावजूद हमें यह जान लेना बहुत जरूरी है कि गिलोय का पीना किन किन लोगों के लिए सही है और किस उम्र के लोगों के लिए इसका पीना खतरनाक। साथ ही इसकी मात्रा भी ना ज्यादा होनी चाहिए और ना ही कम।
बच्चों के लिए गिलोय के नुकसान पढ़ने के बाद जाने ‘लोकजीवन में इसकी प्रचलित कथा’
कुछ जगहों में गिलोय से संबंधित एक कथा प्रचलित जिसके मुताबिक जब समुद्र मंथन हो रहा था। उस दौरान राक्षसों ने चालाकी से अमृत देवों से छीन लिया। ऐसा माना जाता है कि जब एक राक्षस कलश को लेकर भाग रहा था और जहां-जहां अमृत की बूंदे गिर रही थी वहां-वहां अमृता अर्थात गिलोय पैदा हो गई।
खुराक के रूप में कैल्शियम नुकसानदेह
एक अध्ययन से पता चला है कि कैल्शियम को अतिरिक्त खुराक (दवा) के तौर पर लेना आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है, क्योंकि यह धमनियों में प्लेक (धमनियों का जाम होना) का कारण बन सकता है, जिससे हृदय को नुकसान पहुंच सकता है। मैरिलैंड के जान हॉपकिंस विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ मेडिसिन बाल्टीमोर में सहायक प्रोफेसर इरिन मिचोस की माने तो शरीर में पूरक खुराक के रूप में अतिरिक्त कैल्शियम का सेवन दिल और नाड़ी तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है। हालांकि कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ लेने से दिल पर इसका कोई असर नहीं होता बल्कि यह फायदा पहुंचाता है।