वैदिक और पौराणिक काल से हिंदू धर्म में सूर्य का आध्यात्मिक महत्व रहा है। वेदों में सूर्य को रोशनी का प्रतीक माना गया है. यह एक ऐसी शक्ति है जिसकी वजह से पौधों, पशुओं और मनुष्यों को जीवन मिलता है। दुनियाभर में सूर्य की किरणों से उपचार की बात स्वीकारी गई है और इसका लाभ भी उठाया जाता रहा है।
सूर्य स्नान क्या है
सूर्य स्नान या धूप स्नान एक वैज्ञानिक प्रक्रिया होने के साथ-साथ एक कला भी है। विदेशों में सूर्य स्नान बहुत ही लोकप्रिय है और वे उसे नियमित रूप से करते भी हैं। उनके लिए सूर्य स्नान ठीक उसी तरह है जिस तरह ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर का समय।
सूर्य स्नान के नियम
1. सूर्य स्नान का सबसे महत्वपूर्ण नियम यह है कि स्नान करते समय व्यक्ति का सिर छांव में हो या फिर अच्छी तरह से ढका हुआ हो क्योंकि धूप स्नान में सूर्य की किरणें सीधे सिर पर नहीं पड़नी चाहिए।
2. धूप स्नान या सूर्य किरणों को आत्मसात करने का समय ठंडे प्रदेशों या पहाडी क्षेत्रों में पूरे दिन किसी भी समय हो सकता है। लेकिन अन्य स्थानों पर अच्छा हो यदि आप धूप स्नान सुबह सूर्योदय के समय किया जाये क्योंकि उस वक्त की सूर्य की गर्मी सहनीय होती है और शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाती।
3. सूर्य स्नान के बाद थोड़ी देर छांव में टहलना या फिर पानी से स्नान करना सही माना जाता है।
4. सूर्य स्नान के लिए वैसे तो कोई निर्धारित समय नहीं है लेकिन आप दस मिनट से लेकर आधे घंटे का समय ले सकते हैं। शुरुआत दस मिनट से किया जा सकता है और धीरे-धीरे इस अवधि को बढ़ाया जा सकता है।
5. अगर आप सूर्य स्नान ले रहे हैं तो साथ-साथ अपनी शरीर की मालिश कर सकते हैं जो कि एक उपयोगी उपचार है। सप्ताह में एक दिन सूर्य की किरणों के नीचे ही सरसों के तेल से पूरे शरीर की मसाज करें। इससे न लेवल त्वचा कांतिमय होती है बल्कि चेहरे पर तेज आता है। मालिश करने के बाद गुनगुनी धूप स्नान लेकर सूर्य किरणों का अधिक से अधिक लाभ उठा लेना चाहिये।
6. सूर्य की किरणें वस्तुत: हमारे नाड़ी तंत्र या स्नायुमंडल का संचालन करके हमें जरूरत ऊर्जा प्रदान करती है। इसलिए सही होगा कि हम सूर्य स्नान के दौरान अधिक से अधिक धूप अपनी रीढ़ की हड्डी तक पहुंचने दें।
सूर्य स्नान के फायदे
1. इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह कैल्शियम का सबसे बड़ा स्रोत है इससे आपकी हड्डियां मजबूत रहती हैं। बढ़ती उम्र में सूरज की रोशनी शरीर की हड्डियों को मजबूत रखती हैं।
2. धूप स्नान से हमारे स्नायुमंडल को शक्ति मिलती है। रक्तचाप सामान्य रहता है। चर्मरोग एवं गठिया में लाभ मिलता है तथा शरीर को आवश्यक कैल्शियम और फांस्फोरस प्राप्त होता है।
3. यह बताने की जरूरत नहीं कि सुबह के समय सूर्य की किरण में स्नान करने से न केवल विटामिन डी का स्तर बढ़ता है, बल्कि वजन भी संतुलित रहता है।
4. सूर्य स्नान के समय मसाज या मालिश करने से शरीर में स्फूर्ति आती है और आप उर्जावान महसूस करते हैं।
5. गुनगुनी धूप जब आपकी त्वचा पर पड़ती है तो इससे उच्च रक्तचाप में कमी आती है और दिल के दौरे तथा स्ट्रोक का खतरा भी नहीं रहता।
6. अगर आप नियमित रूप से धूप स्नान करते हैं तो इससे न लेवल दांत मजबूत रहेंगे बल्कि आपके बालों की ग्रोथ भी बरकरार रहेगी।
7. अगर एक गर्भवती महिला नियमित रूप से धूप स्नान करती है तो थकान, पीठ में दर्द, मतली की समस्या से निजात मिलेगा जो प्रेग्नेंसी क्र दौरान होता है।
8. इससे न केवल आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली दुरुस्त रहती है बल्कि आपको तनाव भी नहीं रहता।
9. सूरज की रोशनी से कोलेस्ट्रॉल भी कम होता है।
सूर्य स्नान की सावधानियां
1. यदि मौसम ज्यादा गर्म हो और सूर्य जल्दी निकलता हो तो आप तड़के सूर्य स्नान करें ।
2. यदि पूरी धूप न निकले तो स्नान न करें।
3. सूर्य के सामने बैठने पर चक्कर आएं तो डॉक्टर से सम्पर्क करें उसके बाद ही सूर्य स्नान का अभ्यास करें, ताकि कोई नुकसान न हो।
4. बिना संरक्षण के सूर्य के सामने कभी न सोयें।
5. जब आप लंबे समय के लिए सूर्य स्नान कर रहे हैं तो टोपी, धूप का चश्मा और हल्के रंग का कपड़ा पहन लें।