कुछ खोने का डर, कुछ पाने या कुछ बनने की इच्छा ने हमें असली जीवन से खुद को अलग कर दिया है। हम दिन रात यही सोचते हैं कि अभी हमारे पास इतना है थोड़ा और जाना चाहिए। इसके अलावा जो कुछ है हमारे पास वह कभी खत्म न हो। वो चाहे समान हो, जॉब हो या फिर रिश्ते। इसी उहापोह की स्थिति में हम जीवन को सही से प्रबंध नहीं कर पा रहे हैं। जिसकी वजह से तनाव और अवसाद के शिकार भी हो रहे हैं।
बता दें कि कॉर्टिसोल को स्ट्रेस हार्मोन कहा जाता है। अधिक तनाव लेने पर शरीर में यह हार्मोन उत्पन्न होता है। यह हार्मोन इंसुलिन से जुड़ा होता है। ब्लड में इंसुलिन का स्तर बदलने से वजन घटाने में कठिनाई होती है। स्ट्रेस हार्मोन बढ़ने के कारण शरीर के आंतरिक अंगों के आसपास जमा फैट कम नहीं होता है। तनाव को दूर करने के लिए 8 घंटे नींद लेना चाहिए और मेडिटेशन करना चाहिए। इससे कॉर्टिसोल का स्तर नियंत्रित रहता है।
कॉर्टिसोल के स्तर को नियंत्रित करने या तनाव को कम करने लिए नियमित रूप से व्यायाम करना आपके लिए सही होगा। यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए अच्छा होता है। जो लोग रोजाना व्यायाम करते हैं वो खुद को तनावमुक्त रख सकते हैं जिसका सीधा असर उनकी सोच और सोचने की क्षमता पर पड़ता है।
अपने तनाव को दूर करने के लिए यह भी ध्यान दीजिए कि आप क्या खा रहे हैं। स्वस्थ जीवन को अपनाने के लिए जरूरी है आप हमेशा स्वस्थ भोजन लें। ओमेगा -3 (Omega-3) फैटी एसिड से भरपूर भोजन खाएं, इसके अलावा जिन आहारों में विटामिन, मिनरल और प्रोटीन हो उन आहारों का सेवन कीजिए। ज्यादा से ज्यादा फल और पत्तेदार हरी सब्जियां खाएं जिनमें पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा हो। इसके अलावा साबुत अनाज लें जो आपके मस्तिष्क को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है।