जीका वायरस संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। मां से भ्रूण या यौन संभोग, रक्त संक्रमण, या पशु के काटने से भी यह ट्रांसमिशन संभव है। जीका वायरस के लक्षण डेंगू बुखार और पीले बुखार या पीत ज्वर के समान दिखाई देते हैं।
कैसे फैलता है जीका वायरस
एडीज और एजिप्टीस मच्छर ही हैं जिसके कारण जीका वायरस फैलता है। आपको बता दें कि चिकनगुनिया और डेंगू भी इन्हीं मच्छररों से फैलते हैं। यह मच्छर दिन में ज्यादा सक्रिय होते हैं तथा ये दिन के दौरान, सुबह बहुत जल्दी और सूर्यास्त से कुछ घंटे पहले लोगों को अपना शिकार बनाते हैं।
जीका वायरस का सबसे ज्यादा खतरा संक्रमित महिला के गर्भ में पल रहे शिशु को रहता है। इससे शिशु में माइक्रोसिफेली और अन्य गंभीर मस्तिष्क रोगों का कारण बन सकता है।
इससे प्रभावित बच्चे् का जन्मा आकार में छोटे और अविकसित दिमाग के साथ होता है। जबकि वयस्कों की बात करे तो उनमें यह गुलैन-बैरे सिंड्रोम का कारण बन सकता है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली नसों पर हमला करती है, जिससे लोग लकवा का शिकार हो जाते हैं। वैसे आपको बता दें कि मच्छरों के अलावा असुरक्षित शारीरिक संबंध और संक्रमित खून से भी जीका बुखार या वायरस फैलता है। – डेंगू से बचने के 6 घरेलू नुस्खे
जीका वायरस के क्या हैं लक्षण
जीका वायरस के लक्षणों को पहचान पाना थोड़ा मुश्किल है। क्योंकि इससे लक्षण आम बीमारियों के लक्षण के समान ही होते हैं। इसमें संक्रमण से ग्रस्त हर 5 में से 1 ही व्यक्ति के लक्षणों की पहचान हो पाती है। आइए जानते हैं इसके लक्षण कौन-कौन से है। बुखार, जोड़ों में दर्द, आंखें लाल होना, शरीर पर लाल चकत्तेे, जी मिचलाना या उल्टी आना, थकान और बेचैनी महसूस होना आदि शामिल है।
जीका वायरस के कारण
जीका वायरस एडीज प्रजातियों के संक्रमित मच्छर के काटने के माध्यम से ज्यादातर फैलता है। वायरस आपके लिम्फ नोड्स और रक्त प्रवाह में प्रवेश करता है। वायरस के प्रति आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया मकुलोपापुलर रश में व्यक्त की जा सकती है। – डेंगू से बचने के 6 उपाय हैं आपके किचन में
कैसे जीका वायरस से बचे
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 1947 में जीका वायरस का पहला मामला सामने आया। इतना समय बीत जाने के बाद भी इस वायरस से लड़ने के लिए अभी तक कोई टीका नहीं बना है। आइए जानते हैं कि जीका वायरस से बचने के लिए कौन से उपाय अपनाए जा सकते हैं।
1. उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों की यात्रा पर जाने वाले, विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं का मच्छरों से भलीभांति बचाव करना चाहिए।
2. आप उस समय घर के अंदर रहें जब एडिस मच्छर सक्रिय होते हैं, ये मच्छर दिन के दौरान, सुबह बहुत जल्दी और सूर्यास्त से कुछ घंटे पहले काटते हैं।
3. मच्छरों से बचाव के लिए पूरे शरीर को ढककर रखें। जब आप बाहर जाएं तो जूते, मोजे, फुल स्लीव वाली शर्ट और फुलपैंट पहनें।
3. कोशिश कीजिए घर में मच्छर न पनपने दें, दवाइइयों और मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
4. यह सुनिश्चित करें कि मच्छरों को रोकने के लिए कमरे में स्क्रीन लगी हो।
5. ऐसे बग-स्प्रे या क्रीम लगाकर बाहर निकलें, जिसमें डीट या पिरिडिन नामक रसायन मौजूद हो।
6. डब्ल्यूएचओ का कहना है कि स्थिति में सुधार नहीं होने पर फौरन डॉक्टर को दिखाना चाहिए।