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एयर कंडीशनर के नुकसान

Air conditioner ke side effect aur nuksaan hindi me

तपती गर्मी में एयर कंडीशनर का सहारा मिलना किसी वरदान से कम नहीं लगता। एसी (AC) जिसको एयर कंडीशनर भी बोलते हैं गर्म तापमान से राहत देकर आपको ठंडक और सुकून का एहसास तो बखूबी कराता है, वह भी बिना किसी शोर-सराबे के। इन दिनों हाल यह आ गया है कि अब पंखे और कूलर से ज्यादा एसी की डीमांड ज्यादा हो गई है। आमतौर पर सारे दफ्तरों में एसी होता ही है, ऐसे में पूरे आठ घंटे आप एसी में बैठे रहते हैं।

शायद ही आपको यह बात मालूम होगी कि लंबे समय तक एसी में बैठना आपके सेहत के लिए बहुत हानिकारक है। जानना चाहते हैं कैसे, तो नीचे पढ़ें :

तेज़ बुखार या थकान होना: क्या आप जानते हैं कि लंबे समय तक लगातार एसी में रहने से आपको हल्का बुखार और थकान बने रहने की समस्याओं से सामना करना पड़ सकता है। यही नहीं, एसी का तापमान ज्यादा-कम करने पर आपको सिरदर्द और चिड़चिड़ाहट भी महसूस हो सकती है। अगर आपके ऑफिस में तो एसी है लेकिन घर में नहीं तो ठंडा-गर्म को लेकर आपको परेशानी हो सकती है। बता दें कि ऐसे में आप लंबे समय तक बुखार से पीड़ित भी हो सकते हैं।

 

जॉइंट पेन: लगातार एसी के कम तापमान में बैठे रहने से सिर्फ घुटनों की समस्या ही नहीं होती बल्कि एसी आपके शरीर के सभी जोड़ों में दर्द के साथ-साथ अकड़न पैदा करता है और उनकी कार्यक्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती है। आगे चलकर यह हड्डिदयों से जुड़ी बीमारियों को जन्म भी दे सकता है।

ब्लडप्रेशर व अस्थमा की शिकायत: अगर आपको ब्लडप्रेशर संबंधित समस्याएं हैं तो आपको एसी से परहेज जरूर करना चाहिए। यह लो ब्लडप्रेशर के लिए जिम्मेदार हो सकता है और सांस संबंधी समस्याएं भी पैदा कर सकता है। अस्थमा के मरीजों को भी एसी के संपर्क में आने से बचना चाहिए।

मोटापा बढ़ाए: आपको यह जानकर हैरानी थोड़ी जरूर होगी, लेकिन यह पूरी तरह सच है कि एसी के इस्तेमाल से आपके शरीर में मोटापा बढ़ सकता है। तापमान कम होने के कारण हमारा शरीर अधिक सक्रिय नहीं हो पाता है और शरीर की ऊर्जा का सही मात्रा में उपयोग नहीं हो पाता, जिससे मोटापा बढ़ जाता है।

त्वचा की समस्याएं: एसी के कारण आपकी स्कीन कभी कभी डेड भी हो सकती है। यह आपकी त्वचा की प्राकृतिक नमी समाप्त कर सकता है जिससे आपकी त्वचा में रूखापन महसूस होता है।

रक्तसंचार में दिक्कत: एसी में बैठने से शारीरिक तापमान कृत्रिम तरीके से ज्यादा कम हो जाता है जिससे कोशिकाओं में संकुचन होता है और सभी अंगों में रक्त का संचार बेहतर तरीके से नहीं हो पाता, जिससे शरीर के अंगों की क्षमता प्रभावित होती है।

ब्रेन पर बुरा असर: आपको बता दें कि एसी का तापमान बहुत कम होने पर मस्तिष्क की कोशिकाएं भी संकूचित हो जाती है जिससे मस्तिष्क की क्षमता और क्रियाशीलता प्रभावित होती है। इतना ही नहीं आपको लगातार चक्कर आने की समस्या भी हो सकती है।

डिसक्लेमर : Sehatgyan.com में जानकारी देने का हर तरह से वास्तविकता का संभावित प्रयास किया गया है। इसकी नैतिक जिम्मेदारी sehatgyan.com की नहीं है। sehatgyan.com में दी गई जानकारी पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। अतः हम आप से निवेदन करते हैं की किसी भी उपाय का प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से सलह लें। हमारा उद्देश्य आपको जागरूक करना है। आपका डाॅक्टर ही आपकी सेहत बेहतर जानता है इसलिए उसका कोई विकल्प नहीं है।

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