डेंगू बुखार एक बीमारी है जो मच्छरों के काटने से होता है। डेंगू संक्रमण के लाखों मामले हर साल दुनिया भर में देखे जाते हैं। दक्षिण पूर्व एशिया और पश्चिमी प्रशांत द्वीपों में डेंगू बुखार सबसे आम है, लेकिन लैटिन अमेरिका और कैरीबियाई में भी यह रोग तेजी से बढ़ रहा है। डेंगू के लक्षण क्या है? यदि इसकी बात की जाए तो एडीज इजिप्टी मच्छर के काटे जाने के करीब 3-5 दिनों के बाद मरीज में डेंगू बुखार के लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
डेंगू बुखार के लक्षणों में हड्डी और मांसपेशियों में दर्द, लिम्फ नोड्स सूजन, सिरदर्द, उल्टी, बुखार, थकावट, और लाल चकत्ते शामिल हैं। बुखार, रैश या लाल चकत्ते और सिरदर्द की उपस्थिति डेंगू बुखार की विशेषता है।
डेंगू बुखार कब होता है गंभीर
डेंगू बुखार में ज्यादातर लोग एक हफ्ते के भीतर ठीक हो जाते हैं। कुछ मामलों में ये लक्षण बहुत ही खराब स्थिति में चला जाता है और जीवन को खतरे में डाल सकता है।
इसमें अक्सर रक्त वाहिका क्षतिग्रस्त और रिस जाती है और आपके रक्त प्रवाह में क्लॉट बनाने वाली कोशिकाओं (प्लेटलेट) की संख्या गिर जाती है। इससे डेंगू बुखार गंभीर रूप ले सकता है। इस स्थिति को डेंगू हेमोरेजिक फीवर कहा जाता है। यदि डेंगू के उपचार में अधिक देरी हो जाए तो भी यह डेंगू हेमोरेजिक फीवर का रूप ले लेता है। – कब्ज से होने वाली बीमारी
डेंगू हेमोरेजिक फीवर के लक्षण
डेंगू हेमोरेजिक फीवर के लक्षण में गंभीर पेट दर्द, लगातार उल्टी, मसूड़े या नाक से खून बहना, आपके मूत्र, मल या उल्टी करते समय रक्त आना, सांस लेने में दिक्क्त होना, थकान और चिड़चिड़ापन या बेचैनी शामिल है। अगर आपको यह लक्षण दिखाई दे तो आप तुरंत डॉक्टर से जरूर दिखाएं।
डेंगू से बचाव के उपाय
1. अपने घर की अच्छी तरह से सफाई करें और पानी को ठहरने न दें।
2. हमेशा एक मच्छर की दवाईयों का छिड़काव करें।
3. लंबे शर्ट और पैंट जैसे सुरक्षात्मक कपड़े पहनें।
4. अपने घर और आसपास के क्षेत्रों को साफ रखें और पानी न ठहरने दें।
5. तेल वाले आहार खाने से बचें। इसकी बजाय उन आहारों का चयन करें जिसमें संतरा, नींबू, नारियल पानी, सब्जियां, फल, और प्रोटीन समृद्ध खाद्य पदार्थ शामिल हों। – दिल की बीमारी रोकने वाले एक्सरसाइज
डेंगू से बचाव के घरेलू नुस्खा
गिलोय का रस
आयुर्वेद में गिलोय का बहुत महत्व है। गिलोय आमतौर पर भारत के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाने वाला एक पौधा है। इसमें प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट गुण हैं जो आपकी इम्यूइटी को बढ़ाने का काम करते हैं और आपके शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचा सकते हैं।
इसके लिए आप 1 कप पानी में 1 चम्मच गिलोय का रस मिलाएं। आप चाहें तो इसमें अदरक को मिलाकर पानी को उबालें और काढ़ा बनाएं और 6 दिन तक पिएं। गिलोय एक एंटीपायरेटिक है और इसलिए पुरानी बुखार को कम करने में यह प्रभावी है।
बकरी का दूध
डेंगू बुखार होने पर अक्सर सेलेनियम की कमी के साथ रक्त प्लेटलेट काउंट में भारी गिरावट देखने को मिलती है। बकरी का दूध डेंगू का इलाज करने के लिए एक आसान और प्रभावी उपाय है, क्योंकि यह सेलेनियम में समृद्ध है और ब्लड प्लेटलेट काउंट को बढ़ाने के लिए जाना जाता है।
इसके अलावा बकरी का दूध सुपाच्य होता है। आयुर्वेद की किताबों में यह बताया गया है कि बकरी का दूध डेंगू के बुखार से निकलने में काफी कारगर होता है।
पपीते के पत्ते का रस
डेंगू फीवर में पपीते के पत्ते का रस बहुत ही फायदेमंद है। पपीते के पत्ते विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट का एक समृद्ध स्रोत हैं, जो आपकी प्रतिरक्षा या इम्यूनिटी को बढ़ावा देने में मदद करती हैं। डेंगू बुखार में अक्सर प्लेटलेट काउंट कम हो जाता है और पत्तियां आपके रक्त प्लेटलेट काउंट में सुधार करके मदद कर सकती हैं।
यह बॉडी से फ्लूइड लीक नहीं होने देता और वाइट ब्लड सेल्स (WBC) और प्लेटलेट्स की संख्या को बढ़ाता है। डेंगू का बुखार कन्फर्म होने के पहले दिन से ही पपीते के पत्ते का रस मरीज को दिया जा सकता है, क्योंकि अभी तक इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं देखा गया है।