गर्भावस्था के दौरान स्त्री की देखभाल माँ और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। गर्भवती महिला की देखभाल से आशय स्त्रियों के गर्भ धारण करने के समय से लेकर प्रसव के समय तक स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी और उनकी नियमित चिकित्सा जाँच करवाने से है। इसके पीछे उद्देश्य गर्भवती स्त्रियों का सुरक्षित प्रसव होता है। इस प्रकार गर्भवती स्त्रियों की देखभाल की समय सीमा गर्भ धारण करने से शुरू होकर प्रसव के समय तक होती है। चिकित्सीय क्षेत्र में इसे प्रसव पूर्व देखभाल कहा जाता है।
प्रसव पूर्व देखभाल का एक महत्तवपूर्ण उद्देश्य गर्भवती स्त्री की सुरक्षा और उसे सेहतमंद बनाये रखना है। अमूमन इस अवस्था में स्त्रियों को एनीमिया यानी शरीर में खून की कमी जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है। इसका दूसरा उद्देश्य गर्भवती स्त्री को अपने होने वाले शिशु की देखभाल के बारे में जानकारी देना है। जन्म लेने वाले शिशु के स्वास्थ्य को सामान्य रखना इसका तीसरा उद्देश्य है।
इन उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए गर्भ का पता लगते ही यह आवश्यक है कि स्त्रियों का पंजीकरण स्वास्थ्य केंद्रों में करा दिया जाना चाहिये। इससे गर्भवती महिला के स्वास्थ्य का आंकलन किया जा सकता है। उसके शरीर के बारे में सामान्य जानकारी जैस रक्तचाप आदि के बारे में जानकारी जुटायी जा सकती है। रक्तचाप सामान्य न होने की स्थिति में गर्भवती स्त्रियों को तनाव लेने से बचना चाहिये।
जाँच के लिये जाने पर गर्भवती स्त्रियों के वज़न की जाँच कर लेनी चाहिये। यह एक सामान्य धारणा है कि गर्भावस्था में स्त्रियों का वज़न 9 किलोग्राम से लेकर 11 किलोग्राम तक बढ़ जाता है। सामान्य से कम वज़न होने पर गर्भवती स्त्री को पौष्टिक, संतुलित और आवश्यक आहार खिलाने पर जोर देना चाहिये।
गर्भावस्था के दौरान स्त्रियों के चेहरे पर सामान्य सूजन को महसूस किया जा सकता है जिसका मतलब उनकी साँसों के फूलने से है। ऐसी स्थिति में चिकित्सीय परामर्श ली जा सकती है। इस तरह सेहतमंद माँ और बच्चे की चाहत रखने वालों को प्रसव से पहले स्त्रियों की देखभाल करनी चाहिये।
गर्भवती महिला की देखभाल के लिए टिप्स
गर्भवती महिला की देखभाल के लिए डाइट
गर्भवती महिलाओं को अपनी डाइट पर पूरा ध्यान देना चाहिए। उन्हें अपने मील में नियमित रूप से सब्जियों, फलों और ड्राई फ्रूट का सेवन करना चाहिए। इससे उन्हें विटामिन, आयरन, कैल्शियम और अन्य पोषक तत्व प्राप्त होते हैं। इसके अलावा अपने शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए पानी का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें और तरल पदार्थ पीने की कोशिश करें। अपने शरीर को मजबूत रखने और संक्रमण से लड़ने के लिए होममेड स्वस्थ भोजन खाएं।
गर्भवती महिला की देखभाल के लिए परहेज
गर्भावस्था के असुविधाओं से बचने के लिए प्रारंभिक गर्भावस्था की देखभाल महत्वपूर्ण है। मैदा, शराब, कैफीन, उच्च वसायुक्त आहार आदि जैसे खाद्य पदार्थों से गर्भवती महिला को बचने की कोशिश करनी चाहिए।
अपने जीवन शैली में करें बदलाव
एक स्वस्थ गर्भावस्था के लिए एक अच्छी जीवन शैली होना बहुत ही जरूरी है। इसके लिए गर्भवती महिला को बाहर खाने से बचना चाहिए। खराब सामग्री की गुणवत्ता के रूप में यह गर्भवती महिलाओं के लिए जोखिम पैदा हो सकता है। अच्छी नींद लेने के लिए कमरे को साफ-सुथरा और हवादार रखें। आप निजी स्वच्छता पर समझौता न करें, क्योंकि ज्यादातर गर्भवती महिलाओं में संक्रमण होने की संभावना रहती है।
गर्भवती महिला की देखभाल के लिए व्यायाम
एक गर्भवती मां के लिए सबसे अच्छी गर्भावस्था की देखभाल उसके शरीर का फिटनेस है। मांसपेशियों को मजबूत करने और शरीर को चाइल्ड बर्थ के लिए तैयार करने के लिए व्यायाम का पालन करना फायदेमंद होता है। यदि आप नियमित रूप से कसरत करते हैं, तो अपने रूटीन कार्डियो में परिवर्तन करें जो कि गर्भावस्था के अनुकूल है।