आयुर्वेदिक उपचार

रोगों से बचने के उपाय ये आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां

रोगों से बचने के उपाय ये आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां

व्यायाम की कमी और गलत खानपान की वजह से लोग कई तरह की बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। दिल की बीमारी, डायबिटीज, गठिया, मानसिक तनाव तथा पेट के रोग आदि लोगों के बीच आम हो चुका हैं। आज हम जानेंगे आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के बारे में जो रोगों से बचने का बेहतरीन उपाय है।

हल्दी

हल्दी

हिन्दुस्तानी सब्जियों या खाद्य पदार्थों में इस्तेमाल किया जाने वाला हल्दी का आयुर्वेद में बहुत ही अहम योगदान है। यह कई रोगों को दूर करने में बहुत ही मददगार है। यह न केवल अवसाद को कम करने, टाइप 2 डायबिटीज, संक्रामक रोग और उच्च कोलेस्ट्रॉल में बहुत ही महत्वपूर्ण निभाता है।

इसमें सबसे अच्छे ऐंटी-बैक्टीरियल गुण हैं। इससे जोड़ों के दर्द, आर्थराइटिस, पाचन विकार, दिल और लिवर की बीमारियों से लड़ने की क्षमता है। यहां तक कि यह कैंसर सेलों को खत्म करती है और स्किन के लिए भी अच्छी होती है।

लेमन ग्रास

रोगों से बचने के आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों में लेमन ग्रास भी शामिल है। यह आमतौर पर उत्तर भारत में उगाया जाता है। इसे चाय में डालकर पीने का चलन है। लेमन ग्रास तनाव को कम करने और मनोदशा को ऊपर उठाने के लिए जाना जाता है।

दर्द से छुटकारा पाने और इम्यूनिटी को बढ़ावा देने के लिए लेमन ग्रास को उपचार के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा लेमन ग्रास शरीर, जोड़ों, सिर और मांसपेशियों के दर्द से निजात दिलाती है।

पुदीना

पुदीना

बीमारियों से बचने के उपाय में पुदीना भी एक बहुत ही गुणकारी औषधि के रूप में काम करती है। आपको बता दें कि पुदीने की पत्तियां न केवल खून साफ करती हैं बल्कि सिरदर्द ठीक करती हैं और खराब गले को राहत पहुंचाती हैं।

पुदीने को पित्त स्राव में वृद्धि और पित्त प्रवाह को प्रोत्साहित करने के लिए जाना जाता है, जो पाचन को गति को ठीक करने में मदद करता है। यह उल्टियों को रोकती हैं और दांतों की दिक्कतों से भी निजात दिलाती हैं। पुदीना ऐंटी-बैक्टीरियल भी होता है जो बॉडी में बैक्टीरिया पैदा होने से रोकता है।

इसके अलावा पुदीना खुजली और संक्रमित त्वचा को शांत करती है। इसमें शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो मुंहासे को ठीक करने में सहायता करते हैं। – पुदीने के फायदे और नुकसान

सफेद कमल

कमल कई कंपाउड से भरा है जो त्वचा को लाभ पहुंचाता हैं, जिसमें एंटीऑक्सिडेंट्स, फ्लैवोनोइड्स, फैटी एसिड और प्रोटीन शामिल है। सफेद कमल की पत्तियों, फूल, बीज और जड़ों से हैजा, पेट की बीमारियों, कब्ज और आंखों के इन्फेक्शन का इलाज किया जाता है। इसके अलावा सफेद कमल के बीजों को भी कामोत्तेजक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।

गुलाब

गुलाब

गुलाब में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीवायरल गुण पाए जाते हैं, जो जलन और त्वचा की स्थितियों सहित कई बीमारियों का इलाज करने के लिए आदर्श माने जाते हैं।

आपको बता दें कि गुलाब की पत्तियां खाने से न केवल दिल की सेहत बनती है और सूजन घटती है बल्कि ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और ब्लड प्रेशर कम होता है। गुलाब की पत्तियों से भी तनाव, मासिक पीड़ा, अपच और अनिद्रा से निजात मिलती है।

दालचीनी

दालचीनी

भारतीय मसालों में दालचीनी अहम है। रोगों से बचने के उपाय में दालचीनी भी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है। यह रक्त शर्करा या ब्लड शुगर के स्तर को कम कर सकता है, हृदय रोग के जोखिम कारकों को कम कर सकता है। इसके सेवन से दर्द कम होता है और अकड़न दूर होती है। यह किडनी को डि‍टॉक्स करता है और सांस संबंधी दिक्कतें दूर कर ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाता है। – दालचीनी फेस पैक त्वचा में लाए चमक

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