जब आपके शरीर में तीन दोषों (वात, पित्त और कफ) में असंतुलन होता है, तो मुंहासे या पिंपल की समस्या देखने को मिलती हैं। पिंपल न केवल चेहरे पर होता है बल्कि यह पीठ और कंधों पर भी होता है लेकिन मुंहासे दूर करने के कुछ आयुर्वेदिक उपाय इसमें आपकी मदद कर सकते हैं।
हल्दी और तुलसी
हल्दी की जीवाणुरोधी गुण बीमारी और संक्रमण से बचाने में बहुत ही मदद करते हैं। इसके अलावा इसका एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पोर्स की समस्या को दूर कर सकता है और त्वचा को शांत कर सकता है। तुलसी शरीर को फ्री रेडिकल्स डैमेज से बचाता है।
इसके लिए आप तुलसी की 20 पत्तियां लीजिए और उसमें 2 चम्मच हल्दी मिलाइए। अब इनको फूड प्रोसेसर में ग्रिंड कर लीजिए। फिर इस मिक्सचर को किसी जार में स्टोर करके रख दीजिए। खाना खाने के 15 से 20 मिनट पहले आप आधा चम्मच पानी के साथ इसे रोज खाए। आप इसे दिन में एक से दो बार जरूर खा सकते हैं।
नीम का पत्ता और गुलाब जल
मुंहासे दूर करने के आयुर्वेदिक उपाय में नीम का पत्ता भी बहुत असरदार है। नीम एंटी-बैक्टीरियल है, और यह त्वचा के स्वस्थ पीएच संतुलन को बहाल करता है। यह त्वचा में ऑयल प्रोडक्शन को नियंत्रित करता है और मुंहासे से प्रभावित क्षेत्रों की मरम्मत करता है।
आप नीम के पत्ते को फेसपैक के रूप में उपयोग कर सकते हैं जो बैक्टीरिया के कारण मुंहासे को कम करने में मदद कर सकता है।
इसके लिए आप 2 से 3 मिनट के लिए 5 नीम के पत्ते को पानी में उबालिए और फिर इसे फूड प्रोसेसर में ग्रिंड कर लीजिए जब तक कि यह मोटा पेस्ट न बन जाए।
फिर इसमें दो छोटे चम्मच गुलाब जल मिलाइए और इसे अपने फेस पर लगाइए। इसे फेस पर तब तक रहने दीजिए जब तक कि यह सूख न जाए। फिर इसे पानी से धो लीजिए। आप इस फेस पैक को सप्ताह में 3 से 4 बार लगा सकते हैं।
नींबू पानी
नींबू के रस में कई फायदेमंद पोषक तत्व होते हैं, जो त्वचा और शरीर के स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद करते हैं। नींबू में मौजूद साइट्रिक एसिड बैक्टीरिया को मारता है और एंटीसेप्टिक के रूप में कार्य करता है। यह मुंहासे के कारण लाली को कम करता है।
इसके लिए आप एक कप में दो नींबू को निचोड़ लें और उसमें दो चम्मच पानी डालिए।
कॉटन पैड की सहायता से आप इस टॉनिक को चेहरे पर लगाइए। इसे पूरी रात छोड़ दीजिए और अगले दिन इसे पानी से धो लीजिए। आप इसे रोजाना सोने से पहले लगा सकते हैं।
धनिया और दालचीनी
धनिया एंटीफंगल और एंटीमाइक्रोबायल है। यह अम्लता से राहत देता है और आपकी त्वचा को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाता है। उधर दालचीनी चेहरे और शरीर पर मुँहासे से छुटकारा पाने में मदद करता है।
इसके लिए आप कुछ धनिया के पत्ते लीजिए और उसका जूस निकाल लीजिए और उसमें थोड़ा दालीचीनी पाउडर मिलाइए। फिर इस मिक्सचर को जार में स्टोर करके रख दीजिए और रोजाना दो बार इसे एक चम्मच सेवन कीजिए। – धनिये का पानी पीने के फायदे
त्रिफला और गर्म पानी
त्रिफला सेबम को सूखने में मदद करता है और छिद्रों को साफ करता है। यह आपके शरीर में वात, पित्त और कफ दोषों को संतुलित करता है। इसके लिए आप एक चम्मच त्रिफला का पेस्ट लीजिए। फिर एक गिलास गर्म पानी में इस पेस्ट को मिलाइए और इसे पी जाइए। आप इसे रोज पी सकते हैं।
त्रिफला पाउडर आपकी त्वचा की टोन में सुधार कर सकता है, मुंहासे का इलाज कर सकता है और बालों के विकास को बढ़ावा देता है।
पपीता और चंदन
पपीता में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण है जबकि चंदन त्वचा को ठंडा करता है यह मुंहासे से लड़ने में मदद करने के लिए शरीर को प्रोटीन प्रदान करता है।
इसके लिए आप आधा पपीता, एक चम्मच चंदन का पाउडर और थोड़ा सा पानी डालिए और अच्छी तरह से पेस्ट बना लीजिए। फिर इस मास्क को अपने चेहरे पर 15 से 20 मिनट के लिए लगाइए और पानी से धो लीजिए। आप इसे सप्ताह में 3 से 4 बार लगा सकते हैं। – इन बीमारियों में फायदेमंद है कच्चा पपीता