कैविटी आपके दांतों की कठोर सतह में स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त क्षेत्र हैं, जो छोटे खुलेपन या छेद में विकसित होती हैं। कैविटी और दांत में सड़न दुनिया की सबसे आम स्वास्थ्य समस्याओं में से एक हैं। ये बच्चों, किशोरों और वृद्ध वयस्कों में विशेष रूप से आम हैं। इसलिए आज हम दांतों से कैविटी कैसे हटाये, इसके बारे में बात करेंगे।
लौंग का तेल
दांतो के बैक्टीरिया से लड़ने में, सांसों की बदबू दूर करने में लौंग बहुत ही गुणकारी है। कैविटी हटाने में यह बहुत ही असरदार है। लौंग का तेल कैविटी और दांतों में सड़न के कारण होने वाले दर्द से मुक्त होने में मदद करता है। यूजीनॉल, लौंग में पाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण एशेंशियल आयल एनाल्जेसिक कार्रवाई के लिए ज़िम्मेदार है। इसके एंटीमाइक्रोबायल घटक विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया, कवक, और वायरस के विकास को रोकते हैं।
इसके लिए आप अपने तर्जनी अंगुली पर लौंग का तेल लीजिए तथा कैविटी से प्रभावित क्षेत्र में मसाज कीजिए। इसके अलावा आप लौंग के तेल में कॉटन को डुबोकर कैविटी वाले क्षेत्र में इसे लगाएं। आपको बहुत ही फायदा मिलेगा। आप इसे रोजाना 2 से 3 बार कर सकते हैं।
सेंधा नमक और सरसों का तेल
सेंधा नमक और सरसों का तेल भारतीय रसोई घरों में एक अभिन्न अंग है। इन सामग्रियों का उपयोग हमारे दिन-प्रतिदिन खाना पकाने और रसोई की तैयारी में किया जाता है। कैविटी को दूर करने के लिए आप सेंधा नमक और सरसों का तेल इस्तेमाल कर सकते हैं। यह बहुत ही अच्छा घरेलू उपाय है। सरसों का तेल नेचर में एंटीमाइक्रोबायल है, जबकि सेंधा नमक मुंह में पीएच स्तर को संतुलित करने में मदद करता है।
कैविटी को दूर करने के लिए आप दो छोटे चम्मच सेंधा नमक लीजिए और उसमें दो छोटे चम्मच सरसों का तेल मिलाइए। इसे अच्छी तरह से मिलाने के बाद अपने दांतो और गम पर अच्छी तरह से मसाज कीजिए। फिर इसे 3 से 5 मिनट के लिए छोड़ दीजिए और पानी से गरारे कीजिए। आप इसे रोजाना अपना सकते हैं। – दांतों के लिए कैल्शियम
कैविटी के लिए लहसुन
हम सभी अपने दैनिक आहार में लहसुन का बहुत ही उपयोग करते है, लेकिन अगर हमें कच्चा लहसुन खाने के लिए कहा जाता है, तो हम निश्चित रूप से उसका विकल्प ढूंढोगे। लहसुन एक रसोई मसाला है और हर रसोई में पाया जाता है।
इसमें एंटीफंगल और एंटी-बैक्टीरिय गुण पाए जाते हैं और साथ ही यह, दर्द निवारक के रूप में काम करके दर्द से छुटकारा पाने में मदद करता है। यह कैविटी में रामबाण इलाज के तौर पर काम करता है। इसके लिए आप एक लहसुन लीजिए और सुबह खाली पेट चबाकर खाइए। आप इसे रोजाना सुबह खा सकते हैं।
ट्री टी ऑयल
ट्री टी ऑयल का उपयोग मुंह को स्वस्थ रखने, मसूड़ों को मजबूत रखने और दांत के सड़न को मुक्त करने के लिए किया जा सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि ट्री टी ऑयल में जीवाणुरोधी और विरोधी भड़काऊ गुण होते हैं।
इसके लिए आप एक गिलास पानी में समान मात्रा में टी ट्री आइल मिलाएं और इस घोल से नियमित कुल्ला करें। ब्रश करने के बाद टी ट्री ऑयल मिश्रित पानी से कुल्ला करें। इसके अलावा आप टी ट्री ऑयल से अपने दांतों और मसूड़ों की मसाज भी कर सकते हैं।