मधुमेह या डायबिटीज दुनिया भर के लाखों लोगों द्वारा सामना की जाने वाली सबसे आम स्वास्थ्य स्थितियों में से एक है। डायबिटीज का प्रबंधन करना कठिन है लेकिन किसी भी तरह से यह असंभव नहीं है। इसलिए आज हम डायबिटीज कंट्रोल करने के आयुर्वेदिक उपाय के बारे में बात करेंगे। उससे पहले जानते हैं कि डायबिटीज कब होता है।
आपका ब्लड शुगर का स्तर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है कि कैसे आपका शरीर भोजन को मेटाबॉलाइज करता है और यह ऊर्जा का उपयोग कैसे करता है। मधुमेह तब होता है जब आपका शरीर ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने के लिए ठीक से उत्पादन या इंसुलिन का उपयोग नहीं कर पाता है।
तीन दोषों का असंतुलन
आयुर्वेद में, तीन मौलिक दोष हैं जिसमें वात, पित्त और कफ है। आपको पता होना चाहिए शरीर में होने वाली कोई भी बीमारी वात-पित्तौ और कफ के बिगड़ने से होती है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए इन तीन दोषों के बीच संतुलन होना बहुत ही जरूरी है। इन तीन दोष के बिगड़ने से डायबिटीज की समस्या होती है।
आयुर्वेद के अनुसार सभी बीमारियां किसी व्यक्ति के दोषों में कुछ असंतुलन के कारण हैं। टाइप 1 डायबिटीज को वात दोषों के असंतुलन के रूप में वर्णित किया गया है। टाइप 2 डायबिटीज को कफ दोष के अधिक होने से होता है।
हल्दी के सेवन को बढ़ाइए
डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए आप आहार में हल्दी के सेवन में वृद्धि कीजिए। आपको बहुत ही फायदा मिलेगा। करक्यूमिन हल्दी में सक्रिय घटक है, जो टाइप 2 मधुमेह को रोकने में मदद कर सकते हैं।
मेथी दाना
आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार, मधुमेह या डायबिटज को कंट्रोल करने के लिए के निश्चित रूप से आपके घर में मेथी दाना का भंडार होना चाहिए। इसके लिए आप मेथी दाना अंकुरित का सेवन कर सकते हैं या सुबह में खाली पेट मेथी का पानी पी सकते हैं।
मेथी एक पौधा है जो यूरोप और पश्चिमी एशिया के कुछ हिस्सों में उगता है। भारत में ज्यादातर इसे मसाले के रूप में प्रयोग किया जाता है। डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए मेथी के बीज उपयोगी हो सकता है। बीज में फाइबर और अन्य रसायनों होते हैं जो डायबिटीज के लिए अच्छा होता है।
इसका बीज शरीर को शुगर का उपयोग करने में सुधार करने में मदद कर सकता है और इंसुलिन की मात्रा को बढ़ा सकता है। कुछ अध्ययन में भी मेथी का प्रभावी उपचार के रूप में समर्थन मिलता है। इनमें से कई अध्ययन में मधुमेह वाले लोगों में ब्लड शुगर को कम करने की बीज की क्षमता पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
कड़वा पर बेहतर है
डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए कड़वी चीजें बहुत ही फायदेमंद मानी जाती है। कड़वा करेला डायबिटीज में बिलकुल अमृत की तरह होता है। इसके अलावा आंवला और एलोवेरा जैसी कड़वी और आयुर्वेदिक चीज भी मधुमेह के प्रबंधन और नियंत्रण में प्रभावी पाया गया है।
तांबे के बर्तन में पानी पीना
प्राचीन काल से, तांबे के बर्तन में पानी पीना शरीर के समग्र कामकाज के लिए बहुत स्वस्थ माना जाता है। एक्सपर्ट के मुताबिक इससे रक्त शर्करा के स्तर में उतार-चढ़ाव को रोकने में मदद मिल सकती है।
तांबे के बर्तन में रखा पानी हमारे जीवन के लिए वरदान के सामान होता है। तांबे के बर्तन में रखा पानी, स्वास्थ्य के लिहाज से बेहद फायदेमंद होता है और इसके फायदों को साइंस भी मानता है। एक तांबे के बर्तन में संग्रहीत पानी को ‘ताम्र जल’ कहा जाता है और यह तीन दोषों को संतुलित करने में मदद करता है। इसके लिए आप रात में तांबे के गिलास में पानी रखिए और सुबह में पानी पीजिए। – तांबे के बर्तन का पानी पीने के फायदे
कुछ अन्य उपाय
डेयरी उत्पादों को आजमाएं तथा स्किम्ड दूध और कम वसा वाले दही का चयन करें। इसके अलावा अदरक चाय पाचन को उत्तेजित करने में मदद करता है, जो आपके सिस्टम में अतिरिक्त कफ को कम करने में बहुत फायदेमंद है।
कई मसाले हैं जो एंटीडाइबेटिक गुण से भरपूर हैं। उदाहरण के लिए, हींग, दालचीनी, सरसों और धनिया। अपने भोजन में इनका उपयोग करें। यह स्वाभाविक रूप से मधुमेह का प्रबंधन करते हैं।