इरेक्टाइल डिसफंक्शन पुरुषों में एक ऐसी समस्या है जिसमें वह संभोग करने में असमर्थ होता है। इसे कभी-कभी नपुंसकता के रूप में भी जाना जाता है। स्ट्रेस के दौरान कई पुरुष इसका अनुभव करते हैं। बार-बार इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है जिसके लिए इलाज की आवश्यकता होती है। इसलिए आज हम इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लिए योग के बारे में बात करेंगे।
पश्चिमोत्तानासन
पश्चिमोत्तानासन रीढ़, कंधे, शरीर के निचले हिस्से, अंडाशय, गर्भाशय और हैमरस्ट्रिंग को फैलाता है। यह आपके पेरेनियल मसल्स को मजबूत करके आपके धीरज में सुधार करता है। यह योग इरेक्टाइल डिसफंक्शन या नपुंसकता की समस्या को दूर कर सकता है और आपके संभोग से ठीक पहले मांसपेशियों को अनुबंधित करके स्खलन में देरी करेगा।
पश्चिमोत्तानासन करने की विधि
चटाई या दरी पर सीधे बैठे और अपने पैरों को एक साथ रखें और फिर खिंचाव करें। छत की तरफ अपने पैरों को रखो। सांस लेते हुए धीरे-धीरे करके अपने दोनों हाथों से अपने पैरों के अंगूठों को पकड़ने की कोशिश करें। इस प्रकार करते हुए अपने हाथों और पैरों को बिल्कुल सीधा रखें। इस स्थिति में 10 से 20 सेकेंड रहें इसके बाद पुरानी स्थिति में आ जाएं। – इरेक्टाइल डिसफंक्शन क्या है, जानें कारण और उपचार
कुंभकासन
इरेक्टाइल डिसफंक्शन या नपुंसकता के लिए कुंभकासन बहुत ही गुणकारी है। इस आसन को प्लैंक पॉज़ भी कहा जाता है और यह आपके शयनकक्ष या बेडरूम में सहनशक्ति और स्टैमिना में सुधार करने में मदद करता है। यदि यह व्यावहारिक रूप से अभ्यास किया जाता है तो आप सेक्स के दौरान सहनशक्ति और समग्र ऊपरी शरीर की शक्ति में अंतर का अनुभव कर सकते हैं। यह आपकी बाह, कंधे, पीठ, नितंबों, जांघों और पेट को मजबूत और टोन करता है।
कुंभकासन करने की विधि
पेट के बल चटाई पर लेट जाएं। फिर छाती, पेट, कम और पुष्ठिका को उपर उठाते हुए पैर के पंजे सीधे कर दें। इस स्थिति में आपके शरीर का बल या वजन पूर्णत: हाथ के पंजे, कोहनी और पैर के पंजों पर आ जाएगा। पैर फर्श के साथ समानांतर रहना चाहिए। आप गर्दन सहित रीढ़ की हड्डी को सीधा करें। इस स्थिति में रीढ़ सीधी रेखा में होना चाहिए। बिल्कुल एक लकड़ी का तख्ते या पल्ले जैसी। इस स्थिति में कुछ देर रहे और फिर पुरानी स्थिति में आ जाएं।
धनुरासन
धनुरासन, जिसे धनुष के रूप में भी जाना जाता है, एक योग अभ्यास है जिसे अन्य लाभों के साथ तनाव और चिंता से मुक्त करने के लिए श्रेय दिया जाता है। यह इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लिए बहुत ही लाभदायक है। यह आसन समय से पहले स्खलन की समस्या को दूर करता है।
धनुरासन करने की विधि
धनुरासन करने के लिए सबसे पहले पेट के बल लेट जाइए। फिर धीरे-धीरे घुटनों को मोड़कर एड़ियों को हाथों से पकड़कर पैरों को उपर की तरफ ले जाएं। फिर इसके बाद अपनी छाती को ऊपर की ओर उठाइए। इस स्थिति में 10 से 20 सेकेंड रहें और फिर पुरानी स्थिति में आ जाएं। – चश्मा उतारने के लिए उपयोगी है योग
नौकासन
नौकासन कई शारीरिक विकारों को ठीक करने के लिए फायदेमंद है। मूल रूप से नौकासन फेफड़ों, लिवर और पैनक्रिया को मजबूत करने में मदद करता है। यह ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाने और बॉडी में शुगर के स्तर को सही बनाए रखने में मदद करता है। नौकासन इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लिए भी फायदेमंद है। यह यौन हार्मोन को उत्तेजित करता है।
यदि आप यौन ऊर्जा महसूस नहीं करते हैं तो यह मुद्रा ऊर्जा को आसानी से बहने में मदद करेगी। यह आसन नितम्ब, कूल्हों, और जांघ की मांसपेशियों को मजबूत करता है। इसके अलावा यह पेल्विक मसल्स को भी मजबूत करता है जो आपको बिस्तर में लंबे समय तक रहने में मदद कर सकता है।
नौकासन करने की विधि
नौकासन करने पहले शवासन में लेट जाएं। फिर सांस को अंदर और बाहर कीजिए। अपनी एड़ी और पंजे को आपस में मिला लें और अपने हाथों को कमर से सटा का रखें। फर्श से अपने सीने को उठाइए और उसी समय अपने पैरों को भी जमीन से उठाइए। यह अभ्यास करते समय अपने हाथों को सीधा कीजिए। इस स्थिति में कुछ सेकेंड तक रुकिए और पुरानी स्थिति में आ जाइए।