आपका लिवर आपके शरीर का सबसे बड़ा ठोस अंग है। यह लगभग 3 पाउंड वजन का होता है और मोटे तौर पर एक फुटबॉल का आकार होता है। आज हम लिवर को सेहतमंद रखने के लिए योग के बारे में जानेंगे क्योंकि यह अंग शरीर के चयापचय कार्यों और प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण है।
धनुरासन
इस योग में हमारा शरीर धनुष के आकार की तरह दिखता है। इसे बो पोज के रूप में भी जाना जाता है। यह एक ऐसा आसन है जो फैटी लिवर रोग से पीड़ित लोगों के लिए चमत्कार करता है।
यह लिवर को उत्तेजित करता है, मजबूत करता है और फैलाता है, और इसमें जमा वसा को शरीर के लिए ऊर्जा स्रोत के रूप में उपयोग किया जाता है। यह पेट वसा को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा यह छाती और पेट अंगों और रीढ़ की हड्डी को मजबूत करता है। – फैटी लीवर के लक्षण
लिवर को सेहतमंद रखने के लिए धनुरासन करने की विधि
इसे करना मुश्किल नहीं है। सबसे पहले पेट के बल लेट जाइए फिर धीरे-धीरे घुटनों की एड़ियों को हाथों से पकड़कर पैरों को उपर की तरफ ले जाएं। इसमें आपका शरीर धनुष की तरह दिखता है। अपनी क्षमता के अनुसार सिर और जांघों को उपर की तरफ उठाने की कोशिश करें। जब तक आप कर सकते हैं तब तक आपको इस मुद्रा में रहना चाहिए।
गोमुखासन योग
गोमुखासन योग को गाय पोज के रूप में भी जाना जाता है। यह सिरोसिस के इलाज के लिए सबसे अच्छा आसन में से एक है। जब आप लिवर सिरोसिस से पीड़ित होते हैं, तो स्कार टिशू द्वारा ऑक्सीजन और रक्त प्रवाह को रोका जाता है। इस तरह आपका लिवर विषाक्त पदार्थों और रोगजनक बैक्टीरिया को हटाने में असमर्थ हो जाता है और वसा को चयापचय करता है।
इस आसन का अभ्यास करके, आपका लिवर उत्तेजित हो जाता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि ऑक्सीजन और रक्त इसके माध्यम से मुक्त रूप से बहती है।
लिवर स्वास्थ्य के लिए गोमुखासन योग करने की विधि
बाएं पैर को एड़ी को दाहिने नितंब के समीप रखिए और दाहिने पैर को बायीं जांघ के ऊपर रखिए। घुटने एक-दूसरे के ऊपर रखिए। इसके बाद बाएं हाथ को पीठ के पीछे ले जाइए। फिर दाहिने हाथ को भी दाहिने कंधे पर से पीछे ले जाइए। हाथों को परस्पर एक-दूसरे से बांध लीजिए। इस पोज में अपनी रीढ़ की हड्डी और गर्दन को सीधी रखें।
कपालभाति प्राणायाम
प्राणायाम एक श्वास अभ्यास है जो लिवर सिरोसिस, जौनिस, हेपेटाइटिस और अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिवर स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है। अपने लिवर को मजबूत करने के लिए आप कपालभाति प्राणायाम भी कर सकते हैं।
कपालभाती प्राणायाम, जिसे स्कल शाईनिंग ब्रीथिंग एक्सरसाइज के रूप में भी जाना जाता है, एक योग अभ्यास है जो लिवर उत्तेजना में सहायता करता है और विभिन्न प्रकार की लिवर की समस्याओं को प्रभावी ढंग से इलाज करता है।
कपालभाती प्राणायाम खराब ब्लड सरकुलेशन को ठीक करने के लिए एक अच्छी योग तकनीक है। यह कुल शरीर के लिए ब्लड सरकुलेशन में सुधार करता है और आपको स्वस्थ रखता है।
कपालभाति प्राणायाम करने की विधि
ध्यान के किसी आसन में बैठिये और अपनी आंखें बंद कर लीजिए। आपको अपने नाक के माध्यम से गहराई से श्वास लेने और सांस छोड़ने की आवश्यकता है। श्वास को बाहर निकालते वक्त पेट को भीतर की ओर खींचे। इससे एक सकेंड में एक बार सांस फेंकने की क्रिया कह सकते हैं।
अर्धमत्स्येन्द्रासन
अर्धमत्स्येन्द्रासन रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन और कार्य को बढ़ाने के लिए अच्छा है। यह फेफड़ों को ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने में मदद करता है। पेलविक क्षेत्र में रक्त परिसंचरण को बढ़ाता है और साथ ही प्रजनन अंगों के कार्य में सुधार करता है। लिवर के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। यह लिवर पर दबाव डालने में मदद करता है, जो बदले में लिवर को उत्तेजित करता है।
अर्धमत्स्येन्द्रासन करने की विधि
जमीन पर बैठें और इसके बाद अब दोनों पैरों को आगे फैलाएं। बायां पांव इस प्रकार मोड़ें कि एड़ी कूल्हेध के किनारे से स्पर्श कर रही हो। इसके बाद दायां पैर जमीन पर बाएं घुटने के निकट रखें।
बाईं बांह को दाएं घुटने के ऊपर रखें तथा दाएं पैर के पंजे को बाएं हाथ से पकड़ लें। दाईं बांह को कमर की ओर से ले जाकर पीठ के पीछे ले जाएं और पीछे से नाभि स्पर्श करने का प्रयास करें। अपना सिर दाईं ओर घुमाएं और पीछे की ओर देखने का प्रयास करें। – लीवर की देखभाल – ये चीजें पहुंचाती हैं नुकसान