चेहरे की साफ सफाई के साथ-साथ हमें दांत की सफाई भी नियमित रूप से करना चाहिए। अगर दांतों की सही से देखभाल नहीं किया गया तो आपको कई तरह के रोगों का सामना करना पड़ सकता है। आज हम दांतों में संक्रमण के लक्षण और उपचार के बारे बात करेंगे।
दांत की जड़ों के ऊपरी भाग में होने वाले संक्रमण का सीधा संबंध दिल की बीमारियों से जुड़ा हुआ है। यह संक्रमण बेहत ही सामान्य और लक्षणरहित होता है जिस पर लोगों का ध्यान शायद ही जाता है। ऐसे में इसका उपचार नहीं करने पर ये घातक रोग बन सकता है।
फिनलैंड स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ हेलसिंकी के अध्ययनकर्ता जॉन लिजेस्ट्रैंड के अनुसार, ‘दांतों के जड़ों के उपचार की जरूरत वाले रोगियों को अगर चिकित्सा नहीं मिलती है तो उनमें बगैर इस विकार वाले रोगियों की तुलना में एक्यूट कोरेनरी सिंड्रोम का खतरा 2.7 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने फिनलैंड के 62 वर्ष से अधिक उम्र के 508 रोगियों पर अध्ययन किया। ये सारे लोग अध्ययन के दौरान दिल के रोगों से पीड़ित थे।
दांतों में संक्रमण के लक्षण
1. दांतों में निरंतर या रुक-रुककर दर्द
2. गर्म या ठंडे खाद्य पदार्थ / पेय पदार्थ लेने के दौरान दर्द बढ़ता है।
3. खाना चबाते समय बड़ी परेशानी होती है।
4. मुंह में एक कड़वा स्वाद
5. संक्रमण या इंफेक्शन से मुंह में एक बुरी गंध
6. चेहरे या मसूड़ों की सूजन
7. मसूड़ों से रक्तस्राव
दांतों में संक्रमण के कुछ अन्य गंभीर लक्षण
- बुखार
- सरदर्द
- जी मिचलाना
- दस्त
- सूजी हुई ग्रंथियां
- संक्रमित दांत से जबड़े, कान या गर्दन में दर्द
- मुंह को खोलने में कठिनाई
- सांस लेने या निगलने में कठिनाई
- सामान्य थकान
ये दांत के संक्रमण के लक्षण आमतौर पर काफी अचानक आते हैं। इसमें आपको कुछ ही घंटों के भीतर बहुत ही तेज दर्द का अनुभव हो सकता है। ध्यान दें कि मरीज़ शुरुआत में दांत दर्द का अनुभव कर सकता हैं, जो बाद में यह दर्द दूर हो जाता है। ऐसे में यह मानना आसान है कि समस्या ठीक हो गई है, लेकिन ऐसा नहीं है। दरअसल दांत का संक्रमित पल्प खुद को ठीक नहीं कर सकता है, लेकिन जब तंत्रिका नष्ट हो जाती है, तो आप किसी भी दर्द का अनुभव नहीं करते।
दांतों में संक्रमण के उपचार
रूट कैनाल कराने से होता है लाभ
संक्रमित दांतों के लिए रूट कैनाल एक बेहतर इलाज है। इस जिक्र एक अध्य्यन में भी किया गया है। यह दिल की बीमारियों के जोखिम को कम करने में काफी असरकारक हो सकता है। जर्नल ऑफ डेंटल रिसर्च में प्रकाशित यह अध्ययन इस बात की पुष्टि करती है कि मुंह में किसी भी तरह का संक्रमण शरीर के अन्य हिस्सों को भी प्रभावित करता है।
कैसे है रूट कैनाल सुरक्षित
आपको बता दें कि रूट कैनाल उपचार में दांत का पल्प हटा दिया जाता है। दांत का संक्रमित पल्प को हटाने के बाद उस खाली जगह को पहले साफ किया जाता है, फिर उसे सही आकार देकर उसे भरा जाता है। इस उपचार से रूट कैनाल सुरक्षित हो जाती है।
दांतों में संक्रमण के कुछ अन्य टिप्स
1. फ्लोराइड युक्त पीने का पानी उपयोग में लाएं।
2. फ्लोराइड टूथपेस्ट के साथ दिन में कम से कम दो बार अपने दांतों को ब्रश करें।
3. दांतों के बीच सफाई के लिए डेंटल फ्लॉस या इंटरडेंटल क्लिनर का उपयोग करें।
4. अपने टूथब्रश को हर तीन या चार महीनों में बदलें।
5. स्वस्थ भोजन खाएं, मीठी वस्तुओं को सीमित करें।
6. नियमित रूप से अपने दांत के डॉक्टर से मुलाकात करें।