लोगों ने सुविधाओं से खुद को इस तरह से बांध लिया है कि उनका जीवन सेडेंटरी या गतिहीन हो चुका है। आपको बता दें कि सेडेंटरी लाइफस्टाइल के नुकसान बहुत है। यह कई तरह के रोगों को जन्म देता है। आइए जानते हैं कि इससे कौन कौन सी बीमारी उत्पन होती है।
आपको नींद में आ सकती है परेशानी
अच्छी नींद तभी आती है जब आप पूरे दिन सक्रिय रहते हैं। लेकिन जब आप सेडेंटरी लाइफस्टाइल को अपनाते हैं तो इसका असर आपकी नींद पर भी पड़ता है। आप पूरी रात बेचैन हो जाते हैं और आपकी नींद खराब हो जाती है।
सेडेंटरी लाइफस्टाइल से आपका मूड हो सकता है खराब
मूड को सही करने के लिए आपको सक्रिय लाइफ जीने की आवश्यकता है। सेडेंटरी लाइफस्टाइल से आपका मूड खराब हो सकता है और आपके अंदर निराशा फैल सकती है। इसके अलावा आपके अंदर घबराहट, बेचैनी और आप थका हुआ महसूस कर सकते हैं। इसके लिए आपको नियमित रूप से व्यायाम करना होगा और पौष्टिक भोजन का सेवन करना होगा। ये दिमाग को बूस्ट करके मूड को चेंज करने का काम भी करता है। – मूड को ताजा करने वाले आहार
कैंसर बीमारी का जन्म
दुनिया में कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसमें सबसे ज्यादा लोगों की मौत होती है। आज विश्वभर में सबसे ज्यादा मरीज इसकी चपेट में आ रहे हैं। पुरुषों में गले, मुंह, जीभ, लिवर, प्रोस्टेट, सिर, गर्दन, ब्लड और पेट का कैंसर अधिक होता है जबकि महिलाओं में थायराइड और स्तन का कैंसर होता है। वैसे कैंसर की सबसे बड़ी वजह सेडेंटरी लाइफस्टाइल को माना जाता है।
43 अलग-अलग अध्ययनों के एक जर्मन मेटा-विश्लेषण ने पाया कि 4 मिलियन से अधिक लोगों ने सेडेंटरी व्यवहार की वजह से कई प्रकार के कैंसर के अपने जोखिम को काफी बढ़ाया है।
सेडेंटरी लाइफस्टाइल से भूलने की बीमारी
भागदौड़ भरी और व्यस्त जीवनशैली में दिमाग का काम अधिक बढ़ गया है। लोग काम से ज्यादा अपने दिमाग का उपयोग फालतू चीजों को सोचने पर करते हैं, जिससे उनके दिमाग का खर्च बढ़ जाता है। इसी वजह से ज्यादातर लोगों का दिमाग कमजोर होने लगते है।
अगर आप सेडेंटरी लाइफस्टाइल से ग्रस्त हैं तो आप भूलने की बीमारी से ग्रस्त हो सकते हैं। जो लोग नियमित रूप से व्यायाम नहीं करते हैं वह डिमेंशिया जैसी मानसिक बीमारी से ग्रसित हो सकते हैं।
शारीरिक संबंध पर असर
शारीरिक संबंध बनाने से हमें कई तरह के फायदे मिलते हैं। इससे शरीर और मस्तिष्क को सुकून मिलता है तथा इसके कारण बहुत अच्छी नींद आती है। इसके अलावा इससे रक्तचाप नियमित रहता है। इससे पूरे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन सामान्य रूप से चलने लगता है। लेकिन अगर आप सेडेंटरी लाइफस्टाइल जीते हैं तो इसका असर आपके शारीरिक संबंध पर पड़ेगा। आपको इरेक्टाइल डिसफंक्शन जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।
ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ाए सेडेंटरी लाइफस्टाइल
डायबिटीज होने के कारण पैदा होने वाली जटिलताओं की रोकथाम के लिए नियमित व्यायाम, स्वस्थ्य आहार, व्यक्तिगत स्वास्थ्य, सफाई और संभावित इनसुलिन इंजेक्शन अथवा खाने वाली दवाइयों (डॉक्टर के मुताबित) का सेवन आदि कुछ तरीके हैं।
यह तो बात हुई उनकी जिन्हें डायबिटीज है लेकिन यदि आप चाहते हैं कि आपको मधुमेह या डायबिटीज न हो तो आप आलस वाली जिंदगी या सेडेंटरी लाइफस्टाइल को जीना छोड़ दें, क्योंकि इसकी वजह से आपके शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ सकता है।