लिवर शरीर में सबसे बड़ा ग्रंथियों वाला अंग है और यह शरीर की शुद्धि के लिए विषाक्त और हानिकारक पदार्थों को निकालने जैसे कई महत्वपूर्ण कार्य करता है। लेकिन लिवर का सही तरह से देखभाल नहीं किया गया तो यह कमजोर भी हो सकता है।
वैसे लिवर रोग को हेपेटाइटिस भी कहा जाता है। शराब या वसा की खपत, या एक विरासत में मिली बीमारी के कारण हेपेटाइटिस होता है। बहुत ज्यादा शराब पीने से सिरोसिस के जोखिम बढ़ जाते हैं। यह लिवर में वसा और सूजन का कारण बनता है। आइए लिवर की कमजोरी के लक्षणों के बारे में जानते हैं।
स्किन का पीला होना
जब त्वचा रंगरहित तथा आँखें पीली दिखती हैं तब यह लिवर खराब या कमजोर होने के लक्षण हो सकते है। इसे हम पीलिया भी कहते हैं। इसमें त्वचा तथा आंखों का इस प्रकार सफ़ेद और पीला होना यह दर्शाता है कि खून में बिलीरूबिन ( एक पित्त वर्णक) का स्तर बढ़ गया है तथा इसके कारण शरीर से व्यर्थ पदार्थ बाहर नहीं निकल जाते हैं। उच्च बिलीरुबिन स्तर लिवर रोग का संकेत हो सकता है। समस्या बढ़ने पर क्रोनिक सक्रिय हेपेटाइटिस या सिरोसिस जैसी स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है।
नवजात शिशुओं में पीलिया होना आम बात है जिसे हम नियोनेटल जॉन्डिस के नाम से जानते हैं। हल्के मामलों वाले किसी विशेष उपचार के बिना शिशु ठीक हो जाते हैं। लेकिन उच्च सीरम बिलीरुबिन के स्तर वाले लोगों को चिकित्सा हस्तक्षेप की आवश्यकता होती है। इसमें पीले रंग का मलिनकिरण अकेले त्वचा तक सीमित नहीं है, बल्कि आंखों और मुंह को भी प्रभावित कर सकता है।
थकान होना
लिवर की कमजोरी का एक लक्षण यह भी है कि आपको थकान महसूस होने लगता है। जिगर या लिवर की बीमारी में रोगियों में थकावट सबसे आम लक्षण है, और उनके जीवन की गुणवत्ता पर इसका महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। त्वचा का रूखा होना और आंखों के आसपास काले घेरे यह बताते हैं कि आपका लिवर सही नहीं है। यदि आपका लिवर उर्जा प्रदान करने के काम को सही से नहीं कर पाता है तो आपके शरीर का उर्जा प्रभावित होता है। और आप थका हुआ महसूस करते हैं।
ब्रेन फंक्शन पर असर
ब्रेन फंक्शन का नुकसान तब होता है जब लिवर खून से विषाक्त पदार्थों को हटाने में असमर्थ होता है। इसे लिवर इंसेफेलोपैथी कहा जाता है। यह समस्या अचानक हो सकती है या समय के साथ धीरे-धीरे विकसित हो सकती है।
भूख कम लगना
जब अचानक भूख कम लगे तो आप समझिए कि आपको लिवर की बीमारी हो सकती है। दरअसल भूख कम लगना भी लिवर खराब होने का एक लक्षण हो सकता है। वैसे यह लिवर फेलियर के पहले लक्षणों में से एक है।
लिवर की बीमारी से पीड़ित ज्यादातर लोग, विशेष रूप से अल्कोहल लिवर की बीमारी वाले लोगों को ट्यूमर नेक्रोटिक कारकों और खून में साइटोकिन्स के सर्कुलेशन के कारण भूख कम लग सकती है। भूख कम लगने से वज़न कम हो जाता है। ऐसे स्थिति में जहां रोगी बहुत अधिक अशक्त हो जाता है उन्हें नस के माध्यम से पोषक तत्व दिए जाते हैं।
खुजली होना
खुजली वाली त्वचा, या प्रुरिटस, कई प्रकार के मेडिकल कंडीशन में देखी जा सकती है और यह आपको बहुत ही परेशान कर सकती है। खुजली वाली त्वचा एक असहज रूप से होने वाली जलन की अनुभूति है, जिसमें आपको खुजलाने की इच्छा होती है। पित्त की रुकावट के साथ लिवर की बीमारियां आमतौर पर एक लक्षण के रूप में खुजली होती हैं, लेकिन इसे खुजली का कारण स्पष्ट रूप से नहीं समझा जाता है।
पेट में दर्द
लिवर की कमजोरी के अन्य लक्षण में पेट में दर्द होना भी शामिल है। पेट के ऊपरी दाहिने भाग में या पसलियों के नीचे दाहिने भाग में दर्द, लिवर के खराब होने का लक्षण है।
आपको बता दें कि आपका लिवर चोट या टॉक्सिन के जवाब में एंजाइम पैदा करता है। जब ये एंजाइम सामान्य की अपेक्षा उच्च स्तर पर आपके ब्लड स्ट्रीम में प्रवेश करते हैं तो इससे लिवर का कार्य शरीर के हर हिस्से को प्रभावित करता हैं। इससे पेट में दर्द, मतली और उल्टी हो सकती है।
मूत्र में परिवर्तन
लिवर की कमजोरी से अक्सर मूत्र या मल के रंग में भी बदलाव हो सकता है। यह लिवर की कमजोरी या खराब होने के लक्षण हो सकते हैं। मूत्र में परिवर्तन शरीर में बहने वाले रक्त में बिलीरूबिन का स्तर बढ़ जाने के कारण मूत्र का रंग गहरा पीला हो जाता है।