माता-पिता के रूप में, हमारे बच्चों के लिए बहुत सारी चीजें हैं- स्वास्थ्य, सच्ची खुशी और एक उज्ज्वल भविष्य और बहुत कुछ। हम यह भी चाहते हैं कि हमारे बच्चों में आगे बढ़ने के लिए और जीवन को समझने के लिए आशावाद की एक मजबूत भावना हो। सकारात्मकता सोच का जीवन में बहुत ही लाभ मिलता है। यह बच्चों को निर्णय लेने और चुनौतियों का सामना करने में भी मदद कर सकता है। इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि कैसे बच्चों को आशावादी बनाया जाए।
बच्चों को आशावादी कैसे बनाएं
बच्चे को मौका दीजिए
यह बहुत ही महत्वपूर्ण है कि बच्चे को बिना माता पिता के हस्तक्षेप के खेलने के लिए समय दिया जाए। अपने बच्चों को तय करें कि वे क्या खेलना चाहते हैं और वे कैसे खेलना चाहते हैं। उन्हें अपनी कल्पना का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित कीजिए। इससे बच्चे में आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होगी और बच्चा आशावादी भी बनेगा।
साकारात्मक साइड को देखो
बहुत से ऐसे लोग हैं जो किसी चीज में खूबियों की जगह कमियों को देखने लगते हैं। शायद उनकी गलती नहीं है क्योंकि बचपन से जिस तरह से उनकी कंडिशनिंग की गई वह उसी हिसाब से सोचते हैं। अगर समाज में किसी भी कारण से कोई भी घटना घट रही है, चाहे वह अप्रिय घटना ही क्यों न हो उसे साकारात्मक साइड दिखाने की कोशिश कीजिए। इससे बच्चा आशावादी बनेगा और किसी समस्या में जल्दी हार नहीं मानेगा।
एक साथ समस्याओं का समाधान खोजिए
यदि आपका बच्चा स्कूल में हुए किसी घटना के बारे में सोच रहा है, तो उसके बारे में उससे बाते करें। बच्चे के साथ मिलकर समस्या का समाधान निकालने की कोशिश कीजिए। समस्या का हल कैसे निकाला जाता है उन्हें उसके बारे में जरूर बताएं। उन्हें बताइए कि कोई भी स्थिति स्थाई नहीं होती। अगर बच्चे का दोस्त बदल गया है तो उन्हें बताइए कि कैसे नए दोस्त बनाए जाते हैं। ऐसे में बच्चा सकारात्मक सोच के साथ किसी भी समस्या का समाधान निकाल सकता है।
आभार व्यक्त करना सीखाइए
बच्चे को आशावादी बनाना है तो उन्हें नेचर के करीब ले जाइए और उन्हें उसका महत्व समझाइए। आप उन्हें और अधिक प्यार करने और उनके आसपास की दुनिया को स्वीकार करने के लिए शिक्षित कर सकते हैं। खाने से पहले उनमें प्रार्थना करने की आदत को विकसित करें। किसानों और धूप का धन्यवाद करना चाहिए जिनकी वजह से भोजन लेना आपके लिए संभव हो सका है।
असफलता को स्वीकार करना सिखाओ
बच्चे को सिखाओ कि कभी-कभी असफल होना हमें एक अच्छी सीख दे जाती है। यह सीखने का सबसे अच्छा तरीका है। इसके अलावा जब हम असफल हो जाते हैं, तो हमें इसका विश्लेषण करना चाहिए कि हमने गलती की और उन गलतियों को दोहराने की कोशिश नहीं की।
उन्हें सिखाने का सबसे अच्छा समय यह हो सकता है कि जब वह अपनी साइकिल से गिर जाते हैं या उनके दोस्त ने एक खेल में उन्हें हरा दिया तो कैसे असफलता को हैंडल करना है। उन्हें यह बताइए कि कोई भी व्यक्ति पूर्णतया कुशल नहीं होता। हालांकि, अभ्यास आप सही कर सकते हैं।
स्ट्रेस को मैनेज करना सिखाइए
अगर बच्चा किसी भी तरह का तनाव ले रहा है तो उसे कैसे हैंडल करना चाहिए उसे बताइए। उसे बताइए कि हर समस्या का समाधान है। इसके लिए आप उनके स्ट्रेस को दूर करने में बहुत मदद कर सकते हैं। यह उन्हें आशावादी बनाएगा।
बच्चे की समस्या को सुनिए
अगर कोई बच्चा किसी समस्या को बारे में बता रहा है तो उसे ध्यान से सुनिए। उसे जज करने की कोशिश मत कीजिए बल्कि उस समस्या को समझकर उन्हीं से उसका समाधान निकलवाने की कोशिश कीजिए।
बच्चे से करें प्यार
अपने बच्चे को दिखाइए कि आप उन्हें प्यार करते हैं। हर दिन उनके लिए कुछ विशेष समय निकालो। इससे बच्चा आशावादी रहेगा और कोई भी काम करने से पहले उसका आत्मविश्वास साफ तौर पर दिखाई देगा।